गोवा मुक्ति दिवस पर भाषण Speech on goa liberation day in hindi
Speech on goa liberation day in hindi
Goa liberation – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गोवा मुक्ति दिवस पर भाषण सुनाने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और गोवा मुक्ति दिवस पर लिखे भाषण को पढ़ते हैं ।
नमस्कार दोस्तों मैं अरुण नामदेव यहां पर उपस्थित सभी विद्यार्थी और सभी शिक्षकों का स्वागत बंधन अभिनंदन करता हूं । जैसा कि आप सभी जानते हो कि आज हम यहां पर गोवा मुक्ति दिवस के शुभ अवसर पर एकत्रित हुए हैं । प्रतिवर्ष हम बड़े ही धूमधाम से गोवा मुक्ति दिवस मनाते हैं । इस बार भी हम इस कार्यक्रम को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं । हमारे इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कलेक्टर महोदय जी हैं जो कुछ क्षणों में यहां पर उपस्थित होंगे । मैं आपको बता दूं कि आज का दिन गोवा की आजादी का दिन है । जब हमारा भारत देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था तब पूरे देश में भारत की आजादी का जश्न मनाया जा रहा था ।
परंतु पुर्तगालियों ने गोवा को स्वतंत्र करने से मना कर दिया था और आजादी के तकरीबन 14 साल तक पुर्तगालियों ने गोवा पर अपना आधिपत्य स्थापित करके रखा था । जब भारतीय सैनिकों के द्वारा गोवा को स्वतंत्र कराने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया गया तब भारतीय सैनिकों के द्वारा पुर्तगाली सैनिकों से युद्ध किया गया था । जब भारतीय सैनिकों ने युद्ध की घोषणा की तब पुर्तगालियों ने भारतीय सैनिकों से युद्ध करना प्रारंभ कर दिया था और इस युद्ध में भारतीय सैनिकों के द्वारा पुर्तगाली सैनिकों को धूल चटा दी गई थी ।
भारतीय सैनिकों ने अपनी शक्ति के दम पर युद्ध में 30 पुर्तगाली सैनिकों को मार गिराया था और इस युद्ध में भारत के 22 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे । उनकी वीरता और साहस के चर्चे आज भी किए जाते हैं । हम उन सभी भारतीय सैनिकों का तहे दिल से नमन करते हैं । जिन्होंने गोवा को मुक्त कराने के लिए अपने प्राण की आहुति दी थी । भारतीय सैनिकों की वीरता से 57 पुर्तगाली सैनिकों को घायल कर दिया गया था । भारत के सैनिकों की वीरता के कारण ही भारत ने 4000 से भी ज्यादा पुर्तगालियों सैनिकों को बंदी बना लिया गया था ।
जब पुर्तगाली सैनिकों ने यह देखा कि अब उनका हारना तय है तब उन्होंने भारतीय सैनिकों के सामने अपने हथियार डाल दिए थे और 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण गणराज्य का दर्जा दे दिया गया था । इसी शुभ अवसर पर पूरे देश में 30 मई 1987 को गोवा मुक्ति दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है । दोस्तों अब हम इस कार्यक्रम की बेला को आगे बढ़ाते हैं । मैं आपको बता देना चाहता हूं कि हमारे इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कलेक्टर महोदय जी पधार चुके हैं । मैं स्कूल के प्राचार्य महोदय से निवेदन करता हूं कि वह माननीय कलेक्टर महोदय को यथावत स्थान पर बैठाए ।
मैं माननीय कलेक्टर महोदय से निवेदन करता हूं कि वह मंच पर आएं और मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर फूलमाला चलाकर इस कार्यक्रम की वेला को आगे बढ़ाएं । मैं स्कूल के सभी स्टाफ की ओर से माननीय कलेक्टर महोदय का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने अपने कीमती समय में से कुछ समय निकालकर यहां पर उपस्थित हुए हैं । मैं माननीय कलेक्टर महोदय से निवेदन करता हूं कि वह मंच पर आएं और वह मुक्ति दिवस के शुभ अवसर पर दो शब्द कहें ।
नमस्कार विद्यार्थियों यहां पर उपस्थित सभी शिक्षक गणों , प्राचार्य महोदय का मैं दिल से शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे इस कार्यक्रम में बुलाया । जैसा कि हम जानते हैं कि गोवा को 30 मई 1987 को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था और गोवा भारत देश का 25वां राज्य गणराज्य बना था । इसी के शुभ अवसर पर हम यहां पर सभी उपस्थित हुए हैं । गोवा को मुक्त कराने के लिए भारतीय सैनिकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । भारतीय सैनिकों ने अथक प्रयासों से पुर्तगाली सैनिकों को हथियार डालने के लिए मजबूर किया था । पुर्तगाली गोवा को स्वतंत्र करने से मना कर रहा था ।
जब भारतीय सैनिकों के द्वारा ऑपरेशन विजय चलाया गया तब गोवा को स्वतंत्रता मिली थी , ऑपरेशन विजय को सफलता प्राप्त हुई थी । पुर्तगाली सैनिक गोवा को अपना राज्य बनाने के उद्देश्य से गोवा में जमे हुए थे । उन्होंने वहां पर स्वतंत्र रूप से कब्जा करने के लिए गोवा में कई विकासशील कार्य भी कराए थे । उन्होंने पुर्तगाल शासित क्षेत्रों को गोवा में मिलाने की कोशिश की और सभी पुर्तगाली क्षेत्रों की राजधानी गोवा घोषित कर दी थी । यदि भारतीय सैनिक अपनी वीरता नहीं दिखाते तो गोवा को मुक्त कराना बहुत ही मुश्किल था ।
मैं यहां पर सभी लोगों से निवेदन करता हूं कि हम सभी उन सभी वीर सैनिकों की याद में 1 मिनट का मौन रखेंगे और दिल से उनका धन्यवाद करेंगे । भाइयों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत देश के सैनिकों की वीरता के चर्चे पूरे विश्व में किए जाते हैं क्योंकि भारतीय सैनिकों के द्वारा कई बार युद्ध क्षेत्र में भारत को सफलता प्राप्त हुई है । जब भी भारत पर संकट के बादल मंडराते हैं तब भारतीय सैनिक अपनी वीरता का परिचय देते हैं । इसी वीरता का परिचय भारतीय सैनिकों के द्वारा गोवा मुक्ति युद्ध के दौरान दिया था और सभी भारतीय सैनिकों ने पुर्तगाली सैनिकों को हराकर गोवा को एक गणतंत्र राज्य बनाया था ।
आज मैं यहां पर आकर गर्व महसूस कर रहा हूं कि मैं उस देश में जन्मा जिस देश में वीरता के चर्चे सैनिकों के किए जाते हैं । इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं जय हिंद जय भारत ।
दोस्तों माननीय कलेक्टर महोदय की बेहतरीन जबरदस्त स्पीच के लिए हम सभी को तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन करना चाहिए और हम सभी प्रतिवर्ष इसी हर्षोल्लास के साथ गोवा मुक्ति दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाते रहे । इसी आशा के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं और इस कार्यक्रम को समाप्त करते हैं जय हिंद जय भारत ।
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