सिंदबाद की कहानी “sindbad jahazi ki kahani hindi”

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sindbad jahazi ki kahani hindi-दोस्तों आज से हम हमारे ब्लॉक पर एक महान और हिम्मत वाले इंसान sindbad jahazi ki kahani hindi में आप सभी लोगों के सामने प्रस्तुत करेंगे,सिंदबाद एक जहाजी था वह ईश्वर पर विश्वास रखने वाला एक बहुत ही अच्छा इंसान था,उसने अपने जीवन में बहुत सारी मुसीबतों का सामना किया थाऔर अपने जीवन में बहुत संघर्स किया था,सिंदबाद की कहानी हम सभी के अन्दर साहस पैदा करने वाली है,ये आपको जिन्दगी में बदलाव भी जरुर लायेग,और मेहनत से पैसा कमाना सिखाएगी,आज हम आपको बताने वाले हैं सिंदबाद का पहला सफर जो इनके जीवन की परेशानियों के बारे में हमें बताएगी.

 

सिंदबाद का पहला सफ़र sindbad jahazi ki kahani hindi

दोस्तों एक दिन सिंदबाद की मुलाकात हिंद्वाद नामक व्यक्ति हुयी,हिंद्वाद ने सिंदबाद से पूछा की तुम इतने अमीर कैसे बने तो सिंदबाद ने अपने जीवन की कहानी सुनाना शुरू किया,वह कहने लगे कि मैं एक बहुत ही अच्छी फैमिली से था हमारे पास बहुत पैसा था लेकिन मैंने अपना पैसा यूं ही गवा दिया,इस तरह से मैं बहुत ही गरीब हो गया और मुझे अपनी बीवी बच्चों को का जीवन सवारने के लिए पैसा कमाने की जरूरत थी इसलिए मैंने फैसला किया कि कुछ व्यापार किया जाए तो

मैं कुछ व्यापारी लोगों के पास गया और उनसे आग्रह किया की वह भी मुझे अपनी तरह जहाज में साथ में ले जाकर व्यापार करने के लिए साथ में यात्रा करने दे तो सिंदबाद कुछ समय बाद पैसा कमाने के लिए अपने व्यापारी दोस्तों के साथ अपने देश से दूसरे देश में जाने लगा,सिन्द्वाद ने जहाज में कुछ सामान साथ में रखा और उस जहाज वाले को साथ में ले चलने के लिए कुछ पैसे दिए और सिंदबाद समुद्री व्यापारियों के साथ समुद्र की यात्रा पर निकल पड़ा.

सिंदबाद आगे कहने लगे की हम सभी फारस की खाड़ी मै से गुजरते हुए फारस देश में जा पहुंचे और हमने कुछ सामान खरीदा और कुछ पैसे भी कमाए और जहाज के द्वारा अपने आगे की मार्ग पर चल पड़े,इस तरह से हमारा जहाज आगे मार्ग की ओर जा रहा था कि रास्ते में हमें एक बहुत ही बढ़िया द्वीप दिखाई दिया,हम सभी ने सोचा कि क्यों ना इस पर कुछ समय आराम किया जाए और खाना खा लिया जाए तो हम सभी उसके पास गए,हम जहाज से नीचे उतर गए

हमने खाना बनाने के लिए जैसे ही आग जलाई तो हमने महसूस किया कि वोह जगह हिलने लगी है तो अचानक ही हमारे एक व्यापारी दोस्त ने हमसे कहा कि भागो ये कोई द्वीप नहीं यह तो एक मछली की पीठ है सभी व्यापारी दोस्त भागकर जहाज मे पहुच गए लेकिन मैं किसी कारण वश वहां से नहीं भाग सका,सभी व्यापारी जहाज में पहुंच गए और जहाज को आगे ले गए तब वो विशालकाय मछली एक दम से ही ऊपर उठी और उसने पानी में डुबकी लगा दी मैं बहुत ही घवरा चुका था क्योंकि मैं पानी के अंदर जा चुका था

मेरे हाथ में एक लकड़ी आ गई और मैंने उस लकड़ी को कसकर पकड़ लिया और उस के सहारे तैरने लगा,मैं लगभग एक रात और दिन तक लगातार तेरता रहा,मैं बहुत ही थक चुका था,मुझे बहुत ही भूख लग रही थी,मैं बहुत ही घबरा चुका था और इसीलिए मुझमे बिल्कुल भी ताकत नहीं बची थी कि अब मैं और तैर सकूं इतने में ही अचानक ही पानी के झोंके के द्वारा मैं किनारे पर जा लगा और वहां से खिसकता हुआ मैं पेड़ों के पास जा पहुंचा, वहां पर मैंने कुछ फल खाए और कुछ अच्छी पत्तियां भी खाएं और फिर पानी पिया इस तरह से मुझे थोड़ी राहत मिल चुकी थी

अब मैं सोच रहा था की इस देश से बाहर कैसे निकला जाए तो मैंने देखा कि दूर एक घोड़ी बंधी हुई है,मैं उसके पास गया तो एक छुपी हुई जगह से कुछ लोग मुझे दिखाई दिए वह मेरे पास आए और मुझसे कहने लगे-तुम कौन हो और यहां पर कैसे आए हो तो मैंने उनको अपने बारे में बताया तो उनको मुझ पर विश्वास हुआ.

अब उन्होंने मुझे अपने बारे में बताया कि हम बादशाह के लिए काम करते हैं दरअसल यहां के बादशाह को कुछ घोड़ों की जरूरत है और उसने कुछ घोड़ी हमको दी हैं हम इन घोडियो को यहां पर बांध देते हैं तो यहां पर एक दरियाई घोड़ा समुद्र में से निकलकर आता है और इस घोड़ी के साथ संभोग करता है,हम सभी छुपकर देखते हैं क्योंकि दरियाई घोड़े की आदत होती है कि वह किसी भी घोड़ी के साथ संभोग कर उसे मार डालता है और जैसे ही वह घोड़ी को मारने की कोशिश करता है तो हम जोर से चिल्ला कर उसके पीछे दोड़ने लगते हैं और उसे भगा देते हैं जिससे वह दौड़कर समुद्र में छिप जाता है

इतने में ही वहां पर दरियाई घोड़ा सच में आ गया और वह उस घोड़ी के साथ संभोग करके उसे मारने की कोशिश करता है लेकिन तभी वोह लोग उसको भगा देते हैं इस तरह से मैंने वहां का पूरा दृश्य देखा,अब मैंने उन सभी लोगों से कहा कि मैं यहां पर किसी को भी नहीं जानता,इसलिए आप मुझे अपने साथ ले चले तो सभी मुझे अपने साथ ले जाते हैं और वहा के बादशाह से सिंदबाद की मुलाकात करवाते हैं इस तरह से सिंदबाद उस देश में रहने लगा.

एक दिन उसको पता चला की उसके देश के लोग उस देश में आए हुए हैं,वह उन लोगों से मिलता है लेकिन वहां के लोगों ने उसको नहीं पहचाना क्योंकि इतनी मुसीबतों को झेलने के बाद सिंदबाद की सूरत भी बदल चुकी थी, फिर सिंदबाद उस जहाज के सभी व्यक्तियों से मिला तो सभी ने उनको पहचाना और फिर सिंदबाद अपने व्यापारी दोस्तों के साथ अपने देश को सुरक्षित वापस आ गया और साथ में वह बहुत धन कमा कर लाया

जिससे वह अमीर हो गया,इस तरह से सिंदबाद ने हिंद्बाद को अपने समुद्री सफर की पहली यात्रा सुनाई और कहानी सुनाने के बाद सिंदबाद ने हिंद्बाद को कुछ धन दिया और कहा की अगली कहानी सुनने के लिए कल इसी समय पर मिलने के लिए जरुर आना.

तो दोस्तों इस तरह से सिंदबाद ने अपने जीवन के पहले समुद्री यात्रा के बारे में बताया.अगर आपको हमारी ये पोस्ट sindbad jahazi ki kahani hindi पसंद आई हो तोह इसे शेयर जरुर करे और हमें subscribe करना भूले.

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