भारत चीन संबंध पर निबंध short note or essay on india china relations in hindi
bharat china sambandh essay in hindi
भारत और चाइना के संबंध कभी अच्छे तो कभी तनावपूर्ण संबंध रहै हैं क्योंकि एशिया में अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए चायना गलत कदम उठाता है तो भारत उनका मुंह तोड़ जवाब देने से पीछे नहीं हटता । जब हमारा देश आजाद हुआ तब हमारे देश के प्रधानमंत्री ने 1954 को भारत और चीन के बिगड़ते हुए संबंध को सुधारने के लिए पंचशील सिद्धांत को दोनों देशों की सहमति से स्थापित किए जिसका उद्देश्य था कि चाइना देश इंडिया की अखंडता व सभ्यता का सम्मान करेगा और अनाक्रमण , समानता , शांतिपूर्ण सह अस्तित्व तथा यह देश एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे ।
इसका उद्देश्य यह है कि इंडिया और चाइना एक दूसरे की मुसीबत में सहायता करें और जो विवाद हैं उनको शांतिपूर्ण ढंग से निपटाएंगे एक दूसरे पर बॉर्डर पर फायरिंग नहीं करेंगे ।
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कई ऐसे समझौते भी चीन के साथ भारत के हुए जिसके माध्यम से व्यापार का लेनदेन आसान हुआ और दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने लगा। आज भारत और चीन के संबंध अच्छे होते जा रहे है । एशिया के देशों में भारत और चीन सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश हैं । दोनों देशों के बीच मैं सबसे बड़ा जो विवाद है वह सीमा का विवाद है चीन भारत की सीमाओं पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है और भारत चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है इसी कारण से भारत के चीन के साथ संबंध बिगड़ते जा रहे हैं और चीन से भारत के व्यापार संबंध की डोर कमजोर होती जा रही है ।
हमारे भारत में चीन से कई खिलौने और सामग्री आती है अगर चीन भारत के साथ संबंध नहीं सुधारेगा तो भारत चीन के साथ व्यापार करना बंद कर देगा । आज दोनों देशों के बीच में व्यापार तेजी से बढ़ता जा रहा है जो कि 40 मिलियन डॉलर से भी पार होने वाला है अगर वह अपने बिगड़ते इस संबंध को नहीं सुधारेगा तो भारत चीन से व्यापार करना बंद कर देगा ।
चीन का सबसे ज्यादा व्यापार भारत के साथ , अमेरिका के साथ और यूरोप के साथ है। चीन का शेष सभी देशों के साथ जो व्यापार चल रहा है वह व्यापार घाटे में चल रहा है । दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे रहैं इसके लिए दोनों देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कई बार बातचीत कर चुके हैं । दोनों देश कोशिश करते हैं की जो विवाद हैं उनको शांतिपूर्वक ढंग से सुलझाया जा सके क्योंकि बदलती हुई इस दुनिया और विकासशील दुनिया में कोई भी देश कमजोर नहीं है अगर दोनों में लड़ाई होती है तो नुकसान दोनों देशों का ही होगा.
जब दो देश आपस में लड़ते हैं तो दोनों देश कई साल पीछे पहुंच जाते हैं वहां की व्यवस्था भंग हो जाती है, करोड़ों अरबों रुपए का नुकसान होता है । वहां की जनता बर्बाद हो जाती है कई शहर तबाह हो जाते हैं इसलिए किसी समस्या को अगर आप शांति पूर्वक नीपटाओगे तो वह समस्या आसानी से सुलझ जाएगी । भारत हमेशा से ही लड़ाई के पक्ष में नहीं हैं वह चाहता है कि चीन के साथ संबंध हमेशा अच्छे रहें । चीन और भारत के बीच में व्यापार हो रहा है वह दिन प्रतिदिन बढ़ता रहे लेकिन अगर चीन अपनी नापाक हरकतों से पीछे नहीं हटेगा तो भारत को चीन के साथ युद्ध करना ही पड़ेगा क्योंकि कोई पड़ोसी देश हमारी सीमा पर कब्जा करेगा तो युद्ध करना हमारी मजबूरी हो जाएगी ।
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