शिक्षा में खेल कूद का महत्व पर निबंध shiksha me khel ka mahatva in hindi

shiksha me khel ka mahatva in hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज हम आपके लिए लाए हैं शिक्षा में खेल का महत्व पर लिखा हमारे द्वारा आर्टिकल। आप इसे पढ़ें और ज्ञान प्राप्त करें।

shiksha me khel ka mahatva in hindi
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एक बच्चा जब जन्म लेता है तो मां बाप उसे शिक्षा दिलवाने के लिए स्कूल में दाखिला दिलवाते हैं वह चाहते हैं कि हमारा बच्चा बड़ा होकर कुछ अच्छा करें। कुछ मां-बाप होते हैं जो अपने बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के साथ-साथ उनके खेलकूद पर भी विशेष ध्यान देते हैं, उन्हें खेलने कूदने के प्रति भी जागरूक करते हैं वह समझते हैं कि शिक्षा में खेल का बहुत ही महत्व होता है लेकिन वहीं कुछ मां-बाप ऐसे भी होते है जो सिर्फ अपने बच्चों को पढ़ने के लिए कहते हैं। वह अपने बच्चों को खेलने कूदने से हमेशा दूर रखते हैं ऐसे मां बाप को ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए क्योंकि शिक्षा में खेल का बड़ा ही महत्व होता है।

जिस तरह से एक विद्यार्थी को शिक्षा प्राप्त करना जरूरी होता है उसी तरह से एक विद्यार्थी को स्कूल में खेलना भी बहुत जरूरी होता है। एक तरह से हम समझे तो शिक्षा और खेलकूद एक दूसरे पर निर्भर है दोनों का ही विशेष रूप से महत्व है। शिक्षा प्राप्त करके एक विद्यार्थी सही और गलत समझ सकता है वह कई तरह के अच्छे गुण एवं बातें सीखकर जीवन में आगे बढ़ सकता है लेकिन विद्यार्थी खेलों के महत्व को ना समझकर खेल नहीं खेलता तो उसका शारीरिक रूप से विकास नही हो पाता है।

बच्चों को खेलना कूदना चाहिए जिससे उनका शरीर स्वस्थ रहें क्योंकि जब शरीर स्वस्थ होगा तभी वह मानसिक रूप से मजबूत होगा और पढ़ाई को ठीक तरह से कर सकेगा इसलिए किसी भी मां-बाप को अपने बच्चों को खेलने कूदने से नहीं रोकना चाहिए बल्कि पढ़ाई और खेलने के बीच एक संतुलन होना चाहिए, एक टाइम टेबल होना चाहिए जिससे वह पढ़ाई भी कर सके और पूर्ण रूप से खेलकूद भी कर सकें।वास्तव में ऐसा बच्चा जीवन में हमेशा आगे बढ़ता जाता है, मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है।

अक्सर हम देखते हैं कि आजकल के स्कूल, कॉलेजों में भी बच्चों के खेलने की व्यवस्था होती है क्योंकि जब हम स्कूल में लंबे समय तक पढ़ाई करते हैं तो हम एक बोरियत महसूस करने लगते हैं थोड़ा सा समय यदि हम खेलने में लगाते हैं तो एक तंदुरुस्ती का अनुभव हम करते हैं और फिर हमारा पढ़ाई में और भी अच्छी तरह से मन लगता है इसलिए हमें पढ़ाई के साथ साथ खेलना चाहिए। हमे पढ़ाई एवं खेलकूद दोनों के महत्व को समझने की जरूरत है तभी हम अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल कर सकते हैं और उन्हें उच्च पदों पर आश्रित कर सकते हैं।

खेल का महत्व शुरू से ही समझा जाता है कई ऋषि मुनि, महात्माओं ने भी खेलकूद का महत्व हमें समझाया है, कई ग्रंथों में इसकी चर्चा की है। खेल कूद का महत्व इसलिए भी है क्योंकि फिर इससे हमारा शारीरिक विकास होता है, शरीर में तंदुरुस्ती आती है। आप अपने बच्चों को खेलने दें या खेलकूद के प्रति जागरूक करें। खेलकूूँद के बगैर पढ़ाई का कोई महत्व नहीं है क्योंकि जब शरीर स्वस्थ होता है तभी पढ़ाई में मन लगता है। हम सभी को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि पढ़ाई के साथ साथ बिल्कुल जरूर हम करें और शिक्षा में खेल के महत्व को समझें।

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