शेख चिल्ली के किस्से Shekh chilli ke kisse in hindi
Shekh chilli story in hindi
भारत में शेखचिल्ली पर कई मजेदार किस्से कहानियां हैं इन कहानियों में से कुछ चुनिंदा कहानियां आज हम आपके लिए लाए हैं चलिए पढ़ते हैं शेख चिल्ली की कहानियो को
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शेख चिल्ली की पहली कहानी
शेख चिल्ली अपनी युवावस्था में एक सेठ जी के पास नौकरी किया करते थे वह घर का कामकाज किया करते थे वह अक्सर घर का कूड़ा करकट साफ करके खिड़की से बाहर फेंक दिया करते थे जिसकी वजह से आने जाने वाले लोगों पर कूड़ा करकट पड़ जाता था और जिस वजह से शेख चिल्ली के सेठ को लोगो की काफी शिकायतें सुनने को मिलती थी। एक दिन शेखचिल्ली के सेठ ने शेखचिल्ली को बुलाया और कहा कि मेरी बात सुनो तुम्हारी बहुत शिकायत आ रही हैं तुम घर का कूड़ा करकट किसी भले आदमी को देखकर ही फेंका करो।
अपने सेठ की बात सुनकर शेखचिल्ली ने हामी भरी और अगले दिन एक भले आदमी की खोज में खिड़की से ताकने लगे जैसे ही उन्हें एक साफ-सुथरा कपड़ा पहनने वाला एक भला सा आदमी दिखा तो उन्होंने वो कचरा उसके सिर पर फेंक दिया तब वह भला आदमी सेठ से शिकायत करने के लिए आया। अपने सेठ के पूछने पर शेखचिल्ली ने कह दिया कि आप ही ने तो कहा था कि घर का कचरा किसी भले आदमी को देखकर ही डाला करो यह बात सुनकर वह भला आदमी भी देखकर मुस्कुराने लगा और वहां से चला गया और सेठ अपने आपको कोसने लगा।
शेख चिल्ली की दूसरी कहानी
एक समय की बात है कि शेखचिल्ली एक पंसारी की दुकान पर काम करता था एक दिन पंसारी ने एक नमक से भरी हुई बोरी उनको दी और किसी स्थान पर पहुंचाने के लिए कहा। शेख चिल्ली अब वह नमक की बोरी पहुंचाने के लिए वहां से निकल पड़े वह जिस स्थान पर जाना चाहते थे उस स्थान के बीच में एक नदी थी बोरी में वजन बहुत था तभी बोरी नदी में जा गिरी।
शेखचिल्ली ने किसी तरह वह बोरी उठाई और अपने सिर पर रखी शेख चिल्ली ने महसूस किया कि पहले से वह बोरी काफी हल्की हल्की लग रही है जब शेखचिल्ली के सेठ को ये बात पता लगी कि यह बोरी हल्की है तो सेठ ने शेखचिल्ली से पूछा तब शेखचिल्ली ने पूरी बात बता दी। सेठ जी ने सोचा कि इसमें शेखचिल्ली का कोई दोष नहीं है गलती से बोरी पानी में गिर गई थी इसलिए उसने शेखचिल्ली को माफ कर दिया।
कुछ दिनों बाद सेठ ने रूई से भरी हुई एक बोरी कहीं पर पहुंचाने के लिए शेखचिल्ली को दी तब रास्ते में फिर से एक नदी पड़ी तो शेखचिल्ली ने सोचा क्यों ना इस बोरी को थोड़ा और हल्का कर लिया जाए और उसने रुई से भरी हुई बोरी नदी में फेंक दी अब रूई पानी को सौंख ली जिस वजह से उस बोरी में काफी वजन हो गया।
कुछ देर बाद शेखचिल्ली ने बोरी पानी में से उठाई और अपने सिर पर रखने की कोशिश की लेकिन वजन इतना भारी था कि वह बोरी को अपने सिर पर नहीं रख सका वह वापस अपने सेठ के पास पहुंचा उसने सेठ से कहा तो सेठ समझ गया कि जरूर ही शेखचिल्ली ने वजन को हल्का करने के लिए पानी में बोरी फेंकी होगी। सेठ को शेख चिल्ली पर काफी गुस्सा आया उसने शेख चिल्ली को नौकरी से निकाल दिया।
शेख चिल्ली की तीसरी कहानी
एक समय की बात है कि शेखचिल्ली किताब पढ़ रहे थे उस किताब के किसी पन्ने में लिखा था कि लंबी दाढ़ी वाले बेवकूफ होते हैं। शेखचिल्ली ने अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरा और महसूस किया कि उसकी दाढ़ी बहुत लंबी है उसने सोचा कि लोग मुझे भी बेवकूफ ही समझेंगे। शेखचिल्ली ने अपने घर में देखा कि कहीं कैची मिल जाए जिससे वह अपनी दाढ़ी काट सकें उन्होंने चारों ओर देखा लेकिन दाढ़ी काटने के लिए उन्हें कैची कहीं पर भी नहीं मिली तभी उन्हें एक जलता हुआ दिया मिला उन्होंने सोचा की इससे ही कुछ दाढ़ी छोटी कर लूं और बची हुई दाढ़ी कल बनवा लूंगा।
उन्होंने दिए से अपनी दाढ़ी में आग लगा दी धीरे-धीरे वह आग उनके चेहरे पर आ गई और उन्हें जलन पड़ने लगी। अब शेखचिल्ली अपने पूरे घर में इधर-उधर भागने लगे और उन्हें एक बाल्टी में भरा हुआ पानी दिखा उन्होंने अपना सिर उसमें डुबो दिया तब जाकर उन्हें शांति मिली। शेख चिल्ली अब समझ गए थे कि वास्तव में लंबी दाढ़ी वाले बेवकूफ होते हैं।
शेख चिल्ली की चौथी कहानी
दोस्तों जब शेखचिल्ली को मौलवी साहब ने पढ़ाया तो उनसे कहा कि अगर लड़का है तो जा रहा है, गा रहा है, खा रहा है जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं और अगर लड़की है तो जा रही है, गा रही है, खा रही है जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं। एक दिन की बात है शेखचिल्ली रास्ते में से गुजर रहे थे कि एक लड़की कुएं में जा गिरी वह लड़की जोर जोर से चिल्लाने लगी। शेखचिल्ली पास में ही अपने कुछ दोस्तों के पास गए और कहने लगे कि लड़की चिल्ली रही है लेकिन उनके दोस्त शेखचिल्ली की बात नहीं समझ सके।
कुछ समय बाद शेखचिल्ली अपने दोस्तों को कुए के पास ले गया तब कहीं वह उसकी वात समझे सभी ने मिलकर उस लड़की को कुए से बाहर निकाला और शेखचिल्ली की मूर्खता भरी बात पर हंसने लगे। जब शेखचिल्ली से इस बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि मास्टर जी ने बताया है कि अगर लड़का हो तो चिल्ला रहा है और लड़की हो तो चिल्ली रही है कहते हैं। शेखचिल्ली की इस मूर्खतापूर्ण बात पर सब हँसने लगे।
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