बाघ बचाओ पर निबंध Save tiger essay in hindi

Save tiger essay in hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज हम आपके लिए लाए हैं बाघ बचाओ पर हमारे द्वारा लिखित निबंध। आप इसे पढ़कर अपनी परीक्षाओं की अच्छी तैयारी कर सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं बाघ बचाओ पर हमारे द्वारा लिखित इस निबंध को

Save tiger essay in hindi
Save tiger essay in hindi

हमारे भारत देश में कई ऐसे जीव जंतु हैं जो हमारे पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है, ऐसा ही एक पशु है बाघ। बाघ एक मांसाहारी पशु है यह कई छोटे-छोटे जानवरों को खाकर अपनी जीविका चलाते है। बाघ बिल्ली की प्रजाति का होता है, बिल्ली जिसका आकार  लगभग कुत्ते के बराबर होता है  वहीं बाघ का आकार विशालकाय होता है। बाघ काफी शक्तिशाली पशु होता है, लोग बाघ के पास में जाने से भी डरते हैं लेकिन कई लोग इसका शिकार करना अपना शौक समझते हैं। आज के इस आधुनिक युग में बाघ की प्रजाति लुप्त होती देखी गई है पहले जहां जंगलों में बाघ देखने को मिलते थे वही आज बाघ धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं।

इनकी प्रजाति को विलुप्त होने से रोकने की जरूरत है। आज हम देखें तो बाग की प्रजाति लुप्त होने का सबसे बड़ा कारण है जंगल। आज मनुष्य अपने निजी फायदे के लिए जंगलों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है जिस वजह से बाघों को उनके अनुकूल वातावरण नहीं मिल पाता और उनको कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

बाघ जिन छोटे-छोटे जानवरों को खाकर अपना भोजन प्राप्त करते हैं आज जंगलों की कटाई की वजह से जंगलों में छोटे-छोटे जानवरों की भी प्रजातियां लुप्त हो रही है और बाघो को अपना भोजन भी पर्याप्त रूप से नहीं मिल पाता जिस वजह से भोजन की पूर्ति ना होने के कारण एवं उनके अनुसार रहने का वातावरण अनुकूल ना होने के कारण बाघों की प्रजाति लुप्त होती देखी जा रही है। हम सभी को इस और जागरूक होने की जरूरत है और इस तरह के पशुओं की प्रजाति को लुप्त होने से सरकार को भी रोकने की जरूरत है।

आज हम देखें तो कई शिकारी लोग इस तरह के पशु पक्षियों का शिकार करते हैं जिससे उनकी प्रजाति दिनादिन लुप्त होती जा रही है, यह सब रोकने की जरूरत है। सरकार ने भी इस ओर विशेष प्रयत्न किये बाघ की प्रजाति को बचाने के लिए इसलिए सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर नाम के एक अभियान की शुरुआत की थी, इस अभियान की शुरुआत सन 1973 में की गई थी जिसका उद्देश्य बाघ की प्रजाति को लुप्त होने से बचाना है। आज सिर्फ सरकार का ही नहीं हम सभी का कर्तव्य है कि हम बाघ की प्रजाति को लुप्त होने से बचाएं और इस आधुनिक युग में वनों की कटाई ना करते हुए वनों के महत्व को समझें क्योंकि वन ही जीव-जंतुओं, मनुष्य, पशु पक्षियों सभी के लिए अति आवश्यक हैं।

आज हम देखें तो सरकार बाघो की प्रजाति को बचाने के लिए कई और भी प्रयत्न कर रही है। आज लोगों को बाघो की प्रजाति को बचाने के लिए जागरूक करने के लिए भारतीय मुद्रा एवं डाक पर भी बाघ की छवि लगाई गई हैं वास्तव में यह कदम सराहनीय है। आज हम देखें तो बाघों के संरक्षण के लिए सरकार ने देश में कई ऐसे स्थान बनाए हैं जहां पर बाघो को उनके हिसाब का अनुकूल वातावरण मिलता है और उसको पर्याप्त भोजन मिलता है जिसकी वजह से बाघो की प्रजातियां लंबे समय तक इस धरती पर रह पाती हैं।

बाघो की प्रजाति को बचाने के लिए आज स्कूल, कॉलेजों में भी किताबों में बाघों की प्रजाति को बचाने के लिए बच्चों को जागरूक किया जाता है, उनको उचित शिक्षा प्रदान की जाती है जिससे हर एक बच्चा इन जंगली जानवरों के प्रति जागरुक हो और उनके जीवन को बचाएं। हम सभी जानते हैं कि बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है उसकी सुरक्षा करना हम सब का कर्तव्य है।

बाघ को हम अकेले नहीं बचा सकते क्योंकि यह मांसाहारी जानवर है बाघ को हम एक संगठन के जरिए बचा सकते हैं, उनकी प्रजाति को बचाने के लिए हम एक पहल कर सकते हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने वनो, पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं, पशु पक्षियों को कोई नुकसान ना पहुंचाएं क्योंकि उन्हें भी पर्यावरण में रहने का अधिकार है।

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