सत्संग का लाभ कहानी Satsang ka prabhav story in hindi
लोगों की जिंदगी में परिवर्तन आ सके.एक दिन वह इसी तरह के सत्संग सुना रहे थे
तभी पास में ही रहने वाला एक व्यक्ति उनका सत्संग सुनने लगा,दरअसल उस व्यक्ति का एक दोस्त था जो कि किसी बीमारी से पीड़ित था उसको उसकी जरुरत थी लेकिन वह व्यक्ति फिर भी अपने दोस्त को घर पर अकेला छोड़कर महात्मा के पास सत्संग सुनने के लिए आ गया.
महात्मा ने कहा तुम अपने दोस्त को छोड़ कर यहां पर सत्संग सुनने के लिए आए हो दरअसल बड़े-बड़े ग्रंथ को सुनने से उनका ज्ञान लेने से कुछ नहीं होता जब तक हम अपने जीवन में उन ग्रंथों में बताई गई बातों को अपने जीवन में ना अपनाएं तब तक सत्संग का लाभ नहीं मिलेगा.हमारे जीवन में सबसे बड़ी चीज है दूसरों की मदद करना जो बीमार लोग हैं उनकी सहायता करने से बड़ा सत्संग दुनिया में कोई हो ही नहीं सकता इसलिए आप जाइए और अपने बीमार दोस्त की मदद कीजिए.
उसको पीड़ा से मुक्त करने के लिए कुछ कीजिए,उस महात्मा के इन विचारों को सुनकर वह व्यक्ति गया और अपने दोस्त को पीड़ा से मुक्त करने के लिए उसकी सहायता करने लगा,दोस्त वाकई में हम भले ही कुछ भी करें कितना भी सत्संग सुने जब तक हम उसको अपने जीवन में इंप्लीमेंट नहीं करते हैं उसको अपने जीवन में नहीं अपनाते हैं तब तक उसका कोई मतलब भी नहीं निकलता.
बड़े-बड़े ग्रंथ रामायण गीता भागवत पढ़ने से तब तक भगवान खुश नहीं होंगे जब तक की आप उसमें बताई हुई हर एक बात को अपने जीवन में नहीं अपनाते इसलिए ग्रंथों में बताई हुई बात का पालन करें और उनमें बताए हुए हर एक चीज को अपने अंदर डालने की कोशिश करें तभी आपके जीवन में कुछ अच्छा हो सकेगा.
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