सरदार वल्लभ भाई पटेल पर निबंध, कविता व विचार Sardar vallabhbhai patel essay, poem, quotes in hindi
Sardar vallabhbhai patel essay in hindi
दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपको सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के बारे में बताएंगे अक्सर सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के बारे में परीक्षा में निबंध पूछा जाता है आप हमारे इस निबंध से अच्छी तैयारी ले सकते हैं और अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं आज के इस निबंध को।
सरदार वल्लभ भाई पटेल एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अपना सारा जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया था उन्हें आज भी लोग याद करते हैं इन्हें लोग लौह पुरुष के नाम से भी जानते हैं दरअसल सरदार वल्लभभाई पटेल जी अंदर से बहुत ही कोमल थे लेकिन वह एक वीर थे, दृढ़ निश्चयी थे, उनमें साहस भरा हुआ था, उन्हें देश से बहुत ही प्रेम था, वह एक ऐसे राष्ट्रभक्त थे जिन्हें लोग हमेशा याद करते हैं। वह हमारे भारत के ग्रह मंत्री भी रह चुके हैं चलिए जानते हैं इस महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार बल्लभ भाई पटेल के पूरे जीवन के बारे में।
जन्म और परिवार
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर सन 1875 को हुआ था इनके पिता का नाम झवेरभाई था जो कि किसान थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल परिवार में सबसे छोटे थे।
शिक्षा
सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने अपनी शिक्षा स्वयं ही की। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने अपने स्कूल के दिनों में भी बच्चों की हड़ताल कराकर उनकी मदद की थी दरअसल उनके स्कूल में शिक्षक बच्चों को अपनी दुकान से किताब खरीदने के लिए मजबूर करते थे लेकिन शिक्षकों का कोई विरोध नहीं कर पाता था इस पर सरदार पटेल जी ने हड़ताल कराकर शिक्षकों को ऐसा करने से रोका। स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी इंग्लैंड गए इंग्लैंड में इन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और पढ़ाई करने के कुछ समय बाद यह भारत आ गए और यह अहमदाबाद में उन्होंने वकालत शुरू कर दी।
इनके द्वारा किए गए कार्य एवं योगदान
सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने कई ऐसे कार्य किए जो काफी सराहनीय है उन्होंने महात्मा गांधी जी से प्रेरित होकर महात्मा गांधी जी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और देश को स्वतंत्रता दिलवाने में अपना सहयोग प्रदान किया। सबसे पहले इन्होंने खेड़ा क्षेत्र में सूखे की चपेट में आने वाले किसानों की मदद की दरअसल अंग्रेजी सरकार लोगों से बहुत ज्यादा कर्ज वसूल करती थी सभी किसानों ने मिलकर कर्ज में छूट देने की मांग की लेकिन अंग्रेज सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तभी सरदार वल्लभभाई पटेल एवं महात्मा गांधी जी ने अन्य किसानों के साथ मिलकर इस और कदम बढ़ाएं.
आखिर में अंग्रेज सरकार को झुकना ही पड़ा और किसानों की इसमें काफी मदद हुई इसके अलावा सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत में अंग्रेजों के अत्याचारों को खत्म करने में एवं भारत को स्वतंत्रता दिलवाने में काफी मदद की जिससे हम सभी उनके ऋणी हैं। देश के आजाद हो जाने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी देश के गृहमंत्री एवं उप प्रधानमंत्री बने वास्तव में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का हमारे देश को आजादी दिलवाने में काफी सहयोग रहा। भारत देश की एकीकरण में भी सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का योगदान रहा
सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की मृत्यु
इनकी मृत्यु 15 दिसंबर सन 1950 को हुई थी इस दिन इस महापुरुष ने हम सभी को अलविदा कह दिया था लेकिन आज भी सरदार वल्लभभाई पटेल हम सभी के दिलों में बसे हुए हैं वह महान थे, देशभक्त थे, देश प्रेमी थे वह भारत देश के इतिहास में हमेशा अमर रहेंगे।
sardar vallabhbhai patel poem in hindi
सरदार पटेल ने सबको जीत लिया
अपने कार्यों से सबको प्रेरित किया
गरीबों किसानों की हर संभव मदद की
अंग्रेज सरकार से डटकर भिड़त की
हृदय इनका कोमल था
आवाज में दहाड़ थी
देश प्रेम के लिए आगे बढ़ते गए
देश को आजाद करा गए
लोह पुरुष उनकी पहचान थी
सरदार पटेल जी महान थे
इन्होंने तो सबको जीत लिया
अपने कार्यों से सबको प्रेरित किया
sardar vallabhbhai patel quotes in hindi
यदि आपके पास शक्ति की कमी है तो विश्वास किसी काम का नहीं है क्योंकि महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए शक्ति और विश्वास दोनों का होना बहुत जरूरी है
आज हमें अमीर गरीब, ऊंच-नीच, जाति आदि के भेदभाव को समाप्त कर देना चाहिए
आलस्य छोड़िए और बेकार मत बैठिए क्योंकि हर समय काम करने वाला अपनी इंद्रियों को आसानी से बस में कर लेता है
कोशिश करना हमारा फर्ज है अगर हम अपने फर्ज को पूरा ना करें तो हम ईश्वर के गुनहगार बनते हैं
जितना दुख भाग्य में लिखा है उसे भोगना ही पड़ेगा फिर चिंता क्यों
दुश्मन का लोहा भले ही गर्म हो जाए पर हथोड़ा हमेशा उसे ठंडा कर देता है
मेरी बस एक ही अच्छा है की भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भी भूखा ना हो
आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए
जब जनता एक हो जाती है तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता
यह बिल्कुल सत्य है कि पानी में तैरने वाले ही डूबते हैं किनारे पर खड़े रहने वाले नहीं लेकिन किनारे पर खड़े रहने वाले कभी तैरना भी नहीं सीख पाते
सेवा करने वाले मनुष्य को विनम्रता सीखनी चाहिए वर्दी पहनकर अभिमान नहीं बल्कि विनम्रता आनी चाहिए
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