21 सिखो की बहादुरी एवं देशभक्ति पर कविता Saragarhi war poem in hindi
Saragarhi war poem in hindi
दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज हम आपके लिए लाए हैं सारागढ़ी युद्ध में 21 सिखों की बहादुरी एवं देश भक्ति पर हमारे द्वारा लिखित कविता. इस युद्ध में केवल 21 बहादुर सिखों ने लगभग 10,000 दुश्मनों को शिकस्त दी थी वास्तव में सिखों की ये बहादुरी एवं उनका बलिदान इतिहास में हमेशा याद रहेगा. यह कविता आपके अंदर देश प्रेम की भावना को भी जगाएगी तो चलिए पढ़ते हैं इन महान सिखों पर लिखी हमारी आज की इस कविता को
जिस मिट्टी से बना उस मिट्टी में समा जाऊंगा
लेकिन देश के दुश्मनों से ना घबराउंगा
21 भलेही हैं लेकिन 10000 से मैं भिड़ जाऊंगा
देश की मिट्टी के लिए मैं आगे बढ़ता जाऊंगा
जब तक है शरीर में लहू में लड़ता जाऊंगा
देश के लिए जिऊंगा और देश के लिए मैं मर जाऊंगा
सिखो की लाज रखूंगा पगड़ी को ना झुकने दूंगा
आखिर में मैं सिक्खों के बलिदान को दोहरा जाऊंगा
इतिहास के पन्नों में मैं अमर हो जाऊंगा
हर एक नौजवान के दिल में समा जाऊंगा
भारत माता के सपूतों में जोश भरता जाऊंगा
मरकर भी मैं दिल में समा जाऊंगा
जिस मिट्टी से बना उस मिट्टी में समा जाऊंगा
लेकिन देश के दुश्मनों से ना घबराउंगा
21 भलेही हैं लेकिन 10000 से मैं भिड़ जाऊंगा
देश की मिट्टी के लिए मैं आगे बढ़ता जाऊंगा
दोस्तों 21 शहीदों की बहादुरी पर हमारे द्वारा लिखित यह बेहतरीन कविता Saragarhi war poem in hindi आपको पसंद आई हो तो कृपया कर इस कविता को अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें और इसी तरह की नई नई कविता पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट को रोजाना विजिट करें. हम नए-नए लेख, कविता, कहानियां, जीवनी एवं निबंध आपके लिए लाते रहते हैं.