संतोष यादव की जीवनी Santosh yadav biography in hindi

Santosh yadav biography in hindi

दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज के हमारे आर्टिकल में हम आपको हरियाणा की एक महिला संतोष यादव के बारे में बताने वाले हैं। संतोष यादव का जीवन काफी प्रेरणादायक है तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को

 

Santosh yadav biography in hindi

Image source- https://en.m.wikipedia.org/wiki/Santosh_Yadav

जन्म और परिवार

संतोष यादव जी का जन्म 10 अक्टूबर 1967 को हरियाणा के गांव में हुआ था इनका परिवार बहुत ही साधारण था उनके परिवार में खेती किसानी का काम किया जाता था। जब ये बड़ी हुई तो उनकी शादी हुई। 1992 में उनकी शादी उत्तम कुमार लाल से हुई जिनसे इनके बच्चे भी हैं।

उनकी शिक्षा

संतोष यादव जी ने अपनी शुरुआती शिक्षा गांव के ही एक स्कूल से प्राप्त की फिर आगे चलकर इन्होंने जयपुर के कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।

कैरियर की शुरुआत

संतोष यादव जी को बचपन से ही पहाड़ों के प्रति काफी आकर्षक था वह प्रकृति से प्रेम करती थी। अपने कॉलेज के दिनों में इन्होंने एनसीसी में भाग लिया था फिर इसके बाद इन्होंने पर्वतारोहन बनने के लिए शुरुआत की।

कुछ समय बाद उन्होंने 1987 में नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटैनियरिंग से पर्वतारोहन की शिक्षा प्राप्त की और समय के साथ ये आगे बढ़ती चली गई।

उनका बचपन से ही यह शौक था कि वह पर्वतारोहन बनकर देश दुनिया में आगे बढ़े।

इनके बारे में अन्य जानकारी

संतोष यादव जी ने 1992 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बनकर देश दुनिया में नाम कमाया। इसके अगले साल इन्होंने माउंट एवरेस्ट पर फिर से चढ़ाई की और इसी के साथ एक ऐसी महिला बन गई जिन्होंने एक नहीं बल्कि दो दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की

वास्तव में इनका जीवन काफी प्रेरणादायक है। हमें इनसे बहुत कुछ सीखना चाहिए। एक महिला होकर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने का इनका जुनून काबिले तारीफ है।

इनको मिले पुरस्कार

1993 में संतोष यादव जी को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था इसके अगले साल 1994 में उन्हें वूमेन ऑफ द ईयर का खिताब प्राप्त हुआ इसके बाद 1999 में भी इन्हें राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार प्राप्त हुआ।

वास्तव में संतोष यादव जी ने एक महिला होकर भारत का नाम रोशन किया है वास्तव में संतोष यादव जी एक ऐसी साहसिक महिला है जिन्होंने अपने जीवन से हमें काफी कुछ सिखाया है।

महिलाएं जो ज्यादातर घर का कामकाज करती हैं उन्हें एक प्रेरणा दी है कि वह भी किसी से कम नहीं है, वह भी अपने साहस और हिम्मत के जरिए बड़े से बड़े मुकाम को पा सकती हैं।

दोस्तों मेरे द्वारा लिखा संतोष यादव जी की जीवनी आपको कैसी लगी मुझे जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आरतीकल पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब करें जिससे हम आपके लिए इसी तरह के आर्टिकल लिख सकें।

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