संतोष सिंह बुंदेला का जीवन परिचय Santosh singh bundela biography in hindi
Santosh singh bundela biography in hindi
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आधुनिक काल के बुंदेली कवि संतोष श्री बुंदेला जी के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर संतोष सिंह बुंदेला के जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।
जन्म स्थान व् परिवार – संतोष सिंह बुंदेला भारत के महान आधुनिक काल के बुंदेली कवि थे । संतोष सिंह बुंदेला जी का जन्म भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के पहाड़ गांव के बिजावर में 1 फरवरी 1930 को हुआ था । संतोष सिंह बुंदेला बचपन से ही चंचल साहसी थे । संतोष सिंह बुंदेला जी के परिवार के बारे में किसी भी तरह की कोई भी जानकारी मालूम नहीं है ।
संतोष जी बुंदेला जी की रचनाएं – संतोष सिंह बुंदेला जी आधुनिक काल के बुंदेली कवि के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं । आज भी संतोष सिंह बुंदेला जी की रचनाएं काफी लोग पढ़ना पसंद करते हैं । संतोष सिंह बुंदेला जी के द्वारा अधिकतर रचनाएं स्त्री से जुड़ी घटनाओं पर लिखी गई हैं । संतोष सिंह बुंदेला जी जमीन से जुड़े हुए कवि हैं जिन्होंने स्त्री की दुख भरी दास्तां अपनी रचनाओं में सुनाई हैं ।
स्त्री के साथ-साथ संतोष सिंह बुंदेला जी के द्वारा प्रकृति पर भी कई रचनाएं लिखी गई हैं । आज जब हम संतोष सिंह बुंदेला जी के द्वारा लिखी गई रचनाओं को पढ़ते हैं तब हमें प्रकृति के बारे में पता पड़ता है क्योंकि हमारे जीवन में प्रकृति का काफी अधिक महत्व है । प्रकृति धीरे धीरे नष्ट होती जा रही है क्योंकि इंसान अपनी सुख-सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा है । संतोष सिंह बुंदेला के द्वारा प्रकृति हमारे लिए कितनी आवश्यक है इस पर भी कई रचनाएं लिखी गई है । आज हमें संतोष सिंह बुंदेला जी के द्वारा लिखी गई रचनाओं को पढ़ने की आवश्यकता है ।
जब हम उनकी रचनाओं को पढ़ेंगे तब हमें यह मालूम पड़ सकेगा कि वाकई में प्रकृति हमारे लिए कितनी आवश्यक है । संतोष सिंह बुंदेला जी के द्वारा देशभक्ति पर भी कई रचनाएं लिखी गई हैं जिन रचनाओं को पढ़ने के बाद हमें बहुत ही आनंद प्राप्त होता है । संतोष सिंह बुंदेला जी जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे । संतोष सिंह बुंदेला जी के द्वारा समाज को विकसित करने के लिए भी कई रचनाएं लिखी गई हैं जिन रचनाओं को पढ़कर समाज की कई बुराइयां दूर हुई है ।
संतोष सिंह बुंदेला जी जब भी किसी सभा में या कार्यक्रम में जाते थे तब वह स्त्रियों पर हो रहे अत्याचार पर बातचीत किया करते थे वह कहते थे कि एक परिवार को स्त्री की आवश्यकता होती है क्योंकि स्त्री ही होती है जो घर और परिवार को एक बंधन में बांधे रखती है । यदि स्त्रियों का सम्मान नहीं किया गया तो परिवार बिखरने में देर नहीं लगेगी । आज देश के महान बुंदेली कवि संतोष सिंह बुंदेला जी हमारे बीच नहीं है परंतु उनकी रचनाओं को पढ़ने के बाद हमें यह महसूस होता है कि आज भी वह हमारे बीच में हैं जो हमें कई तरह की सीख दे रहे हैं ।
आज हम संतोष सिंह बुंदेला जी के द्वारा लिखी गई रचनाओं को पढ़कर अपने जीवन में सुधार करें तो हम एक सफल इंसान बन सकते हैं ।
दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह सुंदर लेख संतोष सिंह बुंदेला का जीवन परिचय आपको कैसा लगा इसके विषय में हमें कमेंट के माध्यम से बताएं जिससे कि हम आने बाले समय में इस तरह के सुंदर लेख आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत कर सकें धन्यवाद ।