समरथ को नहिं दोष गोसाँई samrath ko nahi dosh gosain in hindi
samrath ko nahi dosh gosain in hindi
समरथ को नहिं दोष गोसाँई इस पंक्ति के द्वारा यह बताया गया है कि संसार में जिस व्यक्ति के पास शक्ति और सत्ता नहीं होती हैं वह व्यक्ति अपने जीवन को बड़ी कठिनाई से जीता है । आज हम आपको कुछ ऐसे उदाहरण देकर बताना चाहते हैं की जिस व्यक्ति के पास पैसा और राजनीति का सपोर्ट नहीं होता वह व्यक्ति किस तरह से अपना जीवन व्यतीत करता है ।

दोस्तों आज हम देखते हैं कि संसार में रहने के लिए हमें सरकार के द्वारा बनाए गए नियम कानून और समाज के द्वारा बनाए गए नियम कानून को मानना पड़ता है लेकिन दोस्तों यह नियम कानून सिर्फ गरीब लोगों पर ही लागू किया जाता है । ऐसे कई उदाहरण देकर मैं आप लोगों को समझा सकता हूं कि पैसे वाले लोग किस तरह से नियम कानून का उल्लंघन करते हैं और उन लोगों के ऊपर ज्यादातर ना तो कानून के द्वारा कोई कदम उठाए जाते हैं और ना ही समाज के द्वारा। पैसे वाले व्यक्ति जिसके राजनीति के लोग सपोर्ट मैं होते हैं वह कोई गलत काम करके भी बच जाता है लेकिन जब कोई गरीब अगर एक नियम भी तोड़ देता है तो उसको देश का कानून भी नहीं छोड़ता और समाज भी उस व्यक्ति को नहीं छोड़ती।
आज हम देखते हैं की जब किसी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए कोई गरीब सरकारी ऑफिस में जाता है तो उसे घंटों तक उस अधिकारी से बात करने के लिए इंतजार करना पड़ता है । इंतजार करने के बाद जब वह अधिकारी से मिलता है तो उसे इधर उधर की बातें बता कर उसे वापस भेज दिया जाता है लेकिन जब कोई राजनीति करने वाला व्यक्ति या कोई पैसे वाला व्यक्ति अधिकारी के पास जाता है तो अधिकारी उसको चाय पिलाकर उसका स्वागत करता है और उसका वह काम उसी समय करवा देता है यह पुराने समय से ही भेदभाव किया जाता रहा है ।
आज हम यह देखते हैं कि अगर किसी गरीब की लड़की घर से लापता हो जाए और उस लड़की के घर वाले पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाने के लिए जाते हैं तो कुछ पुलिस वाले उस गरीब परिवार की रिपोर्ट बड़ी मुश्किल से लिखते हैं । रिपोर्ट लिखने के बाद भी कुछ पुलिस वाले चुपचाप बैठे रहते हैं और उसकी छानबीन तक नहीं करते लेकिन जब किसी राजनेता के घर से कोई लड़की गायब हो जाए तो पूरी पुलिस अपना काम पूरी जिम्मेदारी से करने लगती है । रात-दिन एक करके वह छानबीन में लग जाते हैं क्योंकि उनको उस समय अपनी नौकरी खोने का खतरा दिखता है । जबकि पुलिस को हमारे देश में इसलिए रखा गया है कि वह बिना भेदभाव के चाहे वह गरीब हो या फिर अमीर सभी की रक्षा करें ।
इसलिए मेरा मानना है की अगर यह भेदभाव हमारे देश से मिटाना है तो जनता को आवाज उठाना पड़ेगी उन लोगों को यह बताने की आवश्यकता है की देश की जनता अब अनपढ़ नहीं है । देश की जनता यह जान चुकी है की आम नागरिकों के क्या अधिकार होते हैं । देश की जनता जब अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने लगेगी तो राजनीति करने वाला व्यक्ति,सरकारी अधिकारी आम नागरिक जनता पर अत्याचार नहीं कर पाएगा । यह लोग गरीब जनता का फायदा इसलिए उठाते हैं क्योंकि वह यह समझते हैं कि यह अनपढ़ जनता है उनको कुछ भी मालूम नहीं होता है इसी बात का फायदा उठाकर यह लोग आम नागरिक पर अत्याचार करते हैं ।
समरथ को नहिं दोष गोसाँई वाक्य का कहने का तात्पर्य है जो व्यक्ति समृद्ध और शक्तिशाली होता है उस व्यक्ति को कभी समाज दोषी नहीं ठहराता सजा सिर्फ गरीब व्यक्ति को ही मिलती है । जो समृद्ध और शक्तिशाली व्यक्ति होता है वह पैसों की ताकत से अपने बुरे काम छुपा लेता है । हम सभी नागरिकों को कभी भी अपने आप को कमजोर महसूस नहीं करना चाहिए और जब कोई हमारे अधिकारों को छीनता है तो उसका विरोध जताना चाहिए तभी जाकर यह देश आगे बढ़ पाएगा और देश की गरीब जनता भी तरक्की कर सकेगी । सभी लोगों को समाज के साथ और देश के बनाए गए नियम कानून के साथ चलना चाहिए अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसका विरोध भी जताना चाहिए । इन नियमों का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति चाहे कितना भी समृद्ध और शक्तिशाली हो उस से डरना नहीं चाहिए और उसको सजा अवश्य दिलवाना चाहिए । तब जाकर हमारा देश विकास की ओर बढ़ेगा और हम सभी लोग देश के विकास में अपना योगदान दे पाएंगे ।
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