सफल विद्यार्थी की आत्मकथा निबंध safal vidyarthi ki atmakatha in hindi

safal vidyarthi ki atmakatha in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं एक सफल विद्यार्थी की आत्मकथा पर लिखित एक काल्पनिक आर्टिकल आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए शुरू करते हैं इस आर्टिकल को

सफल विद्यार्थी वह विद्यार्थी होता है जो अपने स्कूल में सबसे अच्छे अंक लाता है और अपनी परीक्षाओं की अच्छी तैयारी करके हमेशा अपने गुरु, माता पिता सभी की प्रशंसा के योग्य बनता है। वह हमेशा विद्या प्राप्त करने में अपना समय अधिक लगाता है और समय पर अपना कार्य करता है। वह ईमानदार होता है अपने माता पिता गुरु के प्रति।

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विद्यार्थी जीवन एक ऐसा जीवन होता है जिस उम्र में यदि विद्यार्थी भटक गया तो उसका जीवन बर्बाद हो जाता है लेकिन विद्यार्थी जीवन में यदि विद्यार्थी अपने विद्यार्थी जीवन का सही तरह से उपयोग करता है और पढ़ाई में विशेष ध्यान देता है तो वास्तव में विद्यार्थी का जीवन आगे चलकर खुशियों से भर जाता है। वह सफलता की नई-नई ऊंचाइयों को छू लेता है, वह विद्यार्थी सुबह जल्दी जागता है और पढ़ाई करता है वह समय-समय पर खेलता कुंडता भी है, अपने गुरु माता पिता सभी को सम्मान देता है।

मैं भी एक सफल विद्यार्थी हूं आज कॉलेज में पढ़ाई कर रहा हूं। मुझे कॉलेज में पढ़ाई करते हुए आज 2 साल पूरे हो चुके हैं मैं अपने विद्यार्थी जीवन में काफी खुश हूं। मैं शुरू से ही अपने माता पिता और गुरु की बात मानता था। मेरे माता पिता ने मुझे शुरू से ही अपने गुरुओं का सम्मान करना सिखाया था उनके बताए गए मार्ग पर चलने का मुझे सिखाया था। मैं अपनी कक्षा में जो भी पढ़ता था उसका घर पर अध्ययन जरूर करता था और अगले दिन अपने अध्यापकों को पूरा होमवर्क करके दिखाता था।

सभी मेरे गुरु जन काफी खुश होते थे वह मेरी तारीफ करते थे। मैं अपनी कक्षा में सबसे अच्छा विद्यार्थी था कक्षा मैं जब भी मेरे शिक्षक मुझे कुछ सवाल हल करने को देते थे तो सबसे पहले उस सवाल को हल करता था।मेरे शिक्षक काफी खुश होते थे मैं पढ़ाई में खेलकूद में सब में पहले नंबर पर ही आता था। जब सब मेरी प्रशंसा करते थे तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था लेकिन कभी भी इस बात पर मैंने घमंड नहीं किया मैं लगातार और भी अच्छी तरह पढ़ाई करता गया और अपने दोस्तों से भी मेरा अच्छा प्रेम पूर्वक व्यवहार था।

जब हमारे अध्यापक मेरे माता-पिता को बुलाते थे तो वह मेरे माता पिता से मेरी तारीफ करते थे जिससे मेरे माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता था। छात्रों को जहां गणित और इंग्लिश में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था वही मैं गणित और इंग्लिश विषय में काफी होशियार था। मैं पल भर में गणित और इंग्लिश के सवालों का हल कर देता था, विज्ञान में भी मैं होशियार था। मैं सुबह जल्दी जागता था और सुबह जल्दी पढ़ाई करके अपने नित्य कर्म से फ्री होकर स्कूल जाता था, दोपहर में खाना खाने के बाद मैं अपने दोस्तों के साथ खेलता कुंडता था और शाम को फिर से पढ़ाई करता था। मैंने कभी भी अपने शिक्षकों को शिकायत करने का मौका नहीं दिया।

आज मैं कॉलेज में हूं कॉलेज में भी सभी मेरी तारीफ करते हैं क्योंकि मैं हर एक विषय में परफेक्ट हूं खेलकूद में भी मैं बहुत ही अच्छा हूं सभी मेरी तारीफ करते हैं। मैं हमेशा इसी तरह से ईमानदारी से पढ़ाई करूंगा और आगे चलकर एक वैज्ञानिक बनने का सपना साकार कर लूंगा, अपने गुरु और माता-पिता की कृपा से जरूर ही में अपने सपने को पूरा कर पाऊंगा।

दोस्तों हमें बताएं कि एक सफल विद्यार्थी की आत्मकथा आपको कैसी लगी पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूलें धन्यवाद।

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