रूपये की आत्मकथा पर निबंध Rupaye ki atmakatha in hindi

रूपये की आत्मकथा पर निबंध

दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं रुपए की आत्मकथा पर हमारे द्वारा लिखित यह काल्पनिक लेख आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को

Rupaye ki atmakatha in hindi
Rupaye ki atmakatha in hindi

मैं रुपया हूं, आज के समय में चारों तरफ मेरा बोलबाला है, हर कोई मुझे पूछता है मुझे सम्मान देता है और मुझे कमाने के लिए जी तोड़ मेहनत करता है क्योंकि मुझ रुपयों से ही बहुत सारी जरूरतें पूरी हो पाती है।

आज से कुछ समय पहले भले ही मेरा कम चलन नहीं था लेकिन आज के समय में मैं सब कुछ बन चुका हूं। मेरा जन्म कुबेर के खजाने से हुआ है।

मैं कई नामों से जाना जाता हूं कहीं पर में रुपया तो कहीं दीनार और कहीं डॉलर आदि नामों से जाना जाता हूं। मैं हर किसी के लिए आज के समय में महत्वपूर्ण बन गया हूं लोग मेरे द्वारा कई तरह की जरूरते पूरी करते हैं, कई लोग अपनी दैनिक जरूरतों के लिए मेरा उपयोग करते हैं तो कई लोग अपने मनोरंजन के लिए मेरा उपयोग करते हैं।

मैं तरह-तरह के लोगों के लिए कई तरह से उपयोग किया जाता हूं कुछ लोग तो मेरा व्यर्थ ही उपयोग करते हैं, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो केवल कुछ रुपए पाकर काफी खुश हो जाते हैं। मैं कई जगह देखता हूं मंदिरों एवं कई अन्य जगहों पर कई सारे लोग मेरे एक ही रुपया को पाने के लिए लाइन लगाए खड़े रहते हैं वे एक एक सिक्के को जोड़कर काफी रुपए कमा लेते है।

पहले ज्यादातर लोग मुझे पाने के लिए बैंकों में लंबी-लंबी लाइने लगाते थे लेकिन आज के समय में मुझे पाने के लिए बैंकों ने एटीएम लगा दिए हैं जिससे लंबी-लंबी लाइने कम हुई हैं।

कई लोग तो ऐसे भी होते हैं जो ज्यादातर काम मुझे ऑनलाइन रूप से ट्रांजैक्शन करके कर लेते हैं उन्हें एटीएम से रुपए निकालकर हाथों से लेनदेन करने की जरूरत नहीं होती वह मोबाइल से ही मेरा ट्रांजैक्शन कर देते हैं।

जबसे मैं तेजी से प्रसिद्ध हुआ हूं जबसे ये कहावत भी काफी प्रसिद्ध होती रही है कि बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया यानी जितने भी रिश्ते नाते है सभी रिश्ते नातों में मैं सबसे बड़कर हूं क्योंकि में हर मुसीबत में हर किसी का साथ देता हूं। मैं कभी भी साथ नहीं छोड़ता और ज्यादातर समस्याएं दूर मैं ही कर देता हूं इसलिए किसी और की जरूरत नहीं पड़ती है।

मुझे काफी खुशी होती है कि लोग मुझे इतना महत्व देते हैं कई त्योहार यानी दिवाली जैसे त्योहारों के अवसरों पर तो मेरी पूजा की जाती है तब मुझे काफी प्रसन्नता होती है वास्तव में मैं चाहता हूं कि मेरा इसी तरह से सम्मान होता रहे।

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