आर सी एम के मालिक की जिन्दगी बदलने वाली कविता Rcm Founder T C Chhabra kavita
Rcm Founder T C Chhabra kavita
दोस्तों कैसे हैं आप सब,दोस्तों आज की हमारी कविता डायरेक्ट सेलिंग कंपनी आरसीएम बिजनेस के फाउंडर T C Chhabra जी द्वारा लिखी गई है जैसे की हम जानते हैं कि आरसीएम लगभग 18 साल पुरानी कंपनी है और डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस के इतिहास में उसने बहुत कुछ किया है इस कंपनी के पास बहुत सारे प्रोडक्ट हैं.यह लोगों को अच्छे प्रोडक्ट देने के साथ में एक ऐसा रोजगार भी देती है जिससे लोग अपने सपने पूरे कर सकते है चलिए पढ़ते हैं आरसीएम के फाउंडर T C Chhabra जी द्वारा लिखित इस कविता को
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आरसीएम ने तुमको आजादी की जिंदगी दी है
देश का कल्याण करो ऐसी तुम्हें शक्ति दी है
अब तो भारत के इतिहास में स्वर्ण पन्ना जोड़ दो
या तुम खुद को भारत माता का लाल कहना छोड़ दो
बहशी दरिंदों ने हमको लड़ना सिखा दिया
अपने खातिर हमको खुद का दुश्मन बना दिया
बिखरे रिश्तो को फिर से बंधन में जोड़ दो
या तुम खुद को भारत माता का लाल कहना छोड़ दो
जिंदगी मिली है हमको यूं तो वस नाम की
मकसद बिना ये जिंदगी किस काम की
आजादी के जज्बातों को जिंदगी से जोड़ दो
या तुम खुद को भारत माता का लाल कहना छोड़ दो
डगमगाते हौसलों से मंजिलें मिलती नहीं
खुद पे भरोसा ना हो तो जीत मिलती नहीं
डर की जंजीरों को अपने इरादे तोड़ दो
या तुम खुद को भारत माता का लाल कहना छोड़ दो
मुश्किलों को रौंदकर आगे बढ़ना पड़ता है
मेहनत करने वालों को जीवन में सुख मिलता है
मुफ्त में मिल जाएगा इस चाहत को छोड़ दो
या तुम खुद को भारत माता का लाल कहना छोड़ दो
नाकामयाबियों से तुम बिल्कुल ना घबराना
पीछे भी उनको मिलता है जीत का खजाना
नाकामयाबियों के हश्र से आंसू बहाना छोड़ दो
या तुम खुद को भारत माता का लाल कहना छोड़ दो
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