रानी धीरबाई भटियाणी हिस्ट्री इन हिंदी Rani dheerbai bhatiyani history in hindi

Rani dheerbai bhatiyani history in hindi

Rani dheerbai bhatiyani – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से रानी धीरबाई भटियाणी हिस्ट्री इन हिंदी के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर रानी धीरबाई भटियाणी के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Rani dheerbai bhatiyani history in hindi
Rani dheerbai bhatiyani history in hindi

Image source – https://en.m.wikipedia.org/wiki/Rani_Bhatiyani

रानी धीरबाई भटियाणी के बारे में – हमारे भारत देश में प्राचीन समय में राजा महाराजाओं का वर्चस्व रहा है । पुरानी संस्कृति और सभ्यता के बारे में सोचने से बड़ा आनंद आता है । प्राचीन समय के राजा महाराजा की शान शौकत के बारे में पढ़कर बड़ा आनंद आता है । रानी धीरबाई भटियाणी उदय सिंह की सबसे पसंदीदा पत्नी थी जिनको वह बहुत प्रेम किया करते थे । रानी धीरबाई भटियाणी के पिता जैसलमेर के शासक थे जिनका नाम महारावल लूणकरण था । जैसलमेर में रानी धीरबाई भटियाणी के पिताजी का वर्चस्व था ।

जब रानी धीरबाई भटियाणी का जन्म हुआ तब इनके पिता बहुत शक्तिशाली शासक के रूप में पहचाने जाते थे । रानी धीरबाई भटियाणी के पिता महारावल लूणकरण के द्वारा रानी धीरबाई भटियाणी का विवाह उदय सिंह से करा दिया था । जब उदय सिंह ने रानी धीरबाई भटियाणी को देखा तब उदय सिंह रानी धीरबाई भटियाणी की सुंदरता को देखकर मोहित हो गए थे । इसके बाद उन्होंने रानी धीरबाई भटियाणी से विवाह करने का फैसला कर लिया था ।

उदय सिंह के द्वारा जब रानी धीरबाई भटियाणी से शादी करने का फैसला किया गया तब उदय सिंह रानी धीरबाई भटियाणी के पिता महारावल लूणकरण के पास पहुंचे और उन्होंने रानी धीरबाई भटियाणी को अपनी पत्नी बनाने की बात कही थी जिस बात को जैसलमेर के शासक रानी धीरबाई भटियाणी के पिता के द्वारा मान ली गई थी ।

इसके बाद उदय सिंह की शादी रानी धीरबाई भटियाणी से हो गई थी और उदय सिंह रानी धीरबाई भटियाणी को पूरी सुख सुविधाओं के साथ रखते थे । उदय सिंह अपनी पत्नी रानी धीरबाई भटियाणी की बात को कभी भी अनदेखा नहीं करते थे ।

रानी धीरबाई भटियाणी जो भी कहती थी उदय सिंह उनकी बात को मानते थे । उदय सिंह के शासनकाल में कुंवर प्रताप वीरता के लिए पहचाना जाता था जिसकी वीरता से रानी धीरबाई भटियाणी ईर्ष्या करने लगी थी ।

जब रानी धीरबाई भटियाणी में उदय सिंह से कहा कि कुंवर प्रताप को इस राज्य से बाहर निकाल दिया जाए तब उदय सिंह में अपनी रानी धीरबाई भटियाणी की बात को मानकर महाराणा उदय सिंह ने कुंवर प्रताप को तलहटी जाने के लिए कह दिया था । रानी धीरबाई भटियाणी उदय सिंह की विरासत की एक महान रानी थी ।

जब रानी धीरबाई भटियाणी उदय सिंह महाराज से यह प्रार्थना करने लगी कि आपकी मृत्यु के बाद मेवाड़ साम्राज्य का शासक जगमाल को बनाया जाए तब रानी धीरबाई भटियानी  की प्रार्थना को उदय सिंह के द्वारा स्वीकार कर लियाा गया था ।

इसके बाद उदय सिंह ने मरने से पहले अपना उत्तराधिकारी महाराणा प्रताप को ना बनाकर जगमाल को बनाने की घोषणा की थी । इसके बाद जब उदय सिंह का निधन हो गया था तब मेवाड़ साम्राज्य का शासक जगमाल को बना दिया गया था । जब जगमाल को मेवाड़ का शासक बना दिया गया था तब जगमाल ने अकबर से हाथ मिला लिया था और मेवाड़ साम्राज्य दो हिस्सों में बट गया था ।

महाराणा प्रताप जगमाल का विरोध करने लगे थे और मेवाड़ साम्राज्य के कुछ नागरिक महाराणा प्रताप के साथ हो गए थे और जिसके बाद जगमाल की हत्या कर दी गई थी ।

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