August 14, 2016
चूड़ी बेचने वाला ias officer बना “ramesh Gholap Ias Success Story”
Ramesh Gholap Ias Success Story
ramesh gholap ias success story-मेरे प्यारे दोस्तों,अगर हमें कुछ पाना हैं तोह होसलो की जरुरत होती है,ऐसे ही जबरदस्त हौसले है मिस्टर रमेश में. वैसे तोह एक ias officer बनना काफी difficult होता है,लेकिन अपनी life में इस इंसान ने वह कर दिखाया जो बहुत difficult होता है,ये story उन लोगो के लिए है,जो जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं जो civil services पाना चाहते हैं.
image credit: http://www.thebetterindia.com
दोस्तों रमेश एक छोटे से कस्बे के रहने वाले हैं,उनके घर के हालात बहुत ही खराब थे,उनके पापा की एक साइकिल की दुकान थी लेकिन घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर थी क्योंकि इनके पापा शराब पीने के आदीथे और शराब पीने के कारण ज्यादातर उनकी तबीयत खराब रहती थी,इसलिए रमेश अपनी मम्मी के साथ चूड़ी बेचने के लिए जाने लगे.
चूड़ी बेचकर जो आमदनी होती उससे वह अपने परिवार का खर्चा चलाते,वह अपनी जिंदगी में कुछ करना चाहते थे,कुछ अच्छा करना चाहते
थे, इसलिए उन्होंने शुरू से ही पढ़ाई करने में लगातार मेहनत की 12th class में उन्होंने काफी अच्छी percentage बनाई,लेकिन इसी बीच उनके पापा की तबीयत खराब हो गयी,और 2005 में इनके पापा की मौत हुई और उनको काफी तकलीफ हुई. उन्होंने 12वीं क्लास पास किया और उसके बाद स्नातक किया,इसके बाद इनको गांव के ही स्कूल में टीचर की नौकरी मिल गई,जिससे वह अपने परिवार का खर्चा चलाते लेकिन रमेश इन सबसे संतुष्ट नहीं थे वह इससे भी बढ़कर कुछ करना चाहते थे.
थे, इसलिए उन्होंने शुरू से ही पढ़ाई करने में लगातार मेहनत की 12th class में उन्होंने काफी अच्छी percentage बनाई,लेकिन इसी बीच उनके पापा की तबीयत खराब हो गयी,और 2005 में इनके पापा की मौत हुई और उनको काफी तकलीफ हुई. उन्होंने 12वीं क्लास पास किया और उसके बाद स्नातक किया,इसके बाद इनको गांव के ही स्कूल में टीचर की नौकरी मिल गई,जिससे वह अपने परिवार का खर्चा चलाते लेकिन रमेश इन सबसे संतुष्ट नहीं थे वह इससे भी बढ़कर कुछ करना चाहते थे.
कुछ समय बाद रमेश ने decision लिया कि वह एक बड़ा अधिकारी बनकर ही रहेंगे,उन्होंने गांव वालों से पड़ोसियों से वादा किया की वह एक बड़ा अधिकारी बनकर ही वापस आएगा,रमेश लगातार मेहनत करने लगे,2010 में इन्होंने upsc exam दिया लेकिन select नहीं हो पाए और फेल हो गए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी,लगातार मेहनत और लगन से पढाई करने लगे और 2012 में इन्होने एक बार फिर कोशिश की एवं यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार रमेश की मेहनत रंग लाई और इसमें पास हो गए,और एक बहुत बड़े अधिकारी बन गए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 287 रैंक प्राप्त की, और झारखंड में sdm के बतौर काम करने लगे, उन्होंने अपने सभी पड़ोसियों को अपने,गांव को साबित करके दिखा दिया की इंसान अगर कुछ दिल से करना चाहे,कुछ दिल से पाना चाहे तो वह पा सकता हैं.
inhe bhi padiye-tina dabi ek ias officer success story in hindi
दोस्तो रमेश जी की ये कहानी हम सभी को एक बहुत बड़ी सीख देती है कि जिंदगी में हम आज कुछ है या नहीं,ये मायिने नहीं रखता,जिंदगी
में अगर कुछ मायिने रखता है तो सिर्फ ये मायने रखता है कि आप क्या पाना चाहते हो,आपका लक्ष्य क्या है और आप उस लक्ष्य के लिए क्या कर रहे हो,आज हम देखें तो एक ias ऑफिसर बनना बहुत बड़ी बात है क्योंकि आज competition का जमाना hain और यहां तक रमेश जी की बात करें तोह इन्होंने बिना कोचिंग लगवाए एक बहुत बड़ा पद प्राप्त किया है,रमेश जी को हम बहुत सारी शुभकामनाएं देना चाहेंगे और सभी लोगों से यही कहना चाहेंगे कि आप भी रमेश जी की तरह एक निश्चितलक्ष्य बनाएं और उसके लिए पहल करें.
में अगर कुछ मायिने रखता है तो सिर्फ ये मायने रखता है कि आप क्या पाना चाहते हो,आपका लक्ष्य क्या है और आप उस लक्ष्य के लिए क्या कर रहे हो,आज हम देखें तो एक ias ऑफिसर बनना बहुत बड़ी बात है क्योंकि आज competition का जमाना hain और यहां तक रमेश जी की बात करें तोह इन्होंने बिना कोचिंग लगवाए एक बहुत बड़ा पद प्राप्त किया है,रमेश जी को हम बहुत सारी शुभकामनाएं देना चाहेंगे और सभी लोगों से यही कहना चाहेंगे कि आप भी रमेश जी की तरह एक निश्चितलक्ष्य बनाएं और उसके लिए पहल करें.
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