रामनवमी पर निबंध, कविता व पूजा विधि Ram navami essay, puja vidhi, poem in hindi
Ram navami essay in hindi
दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं रामनवमी पर हमारे द्वारा लिखित यह निबंध, आप इसे पढ़ें और अध्ययन करें इस निबंध में हमने रामनवमी के बारे में पूरी जानकारी दी है एवं इसके साथ में हम रामनवमी की पूजा विधि एवं कविता भी पढ़ेंगे तो चलिए आज के हमारे इस आर्टिकल को पढ़ते हैं
रामनवमी का पर्व कब और क्यों मनाया जाता है
रामनवमी का त्यौहार भगवान श्री रामचंद्र जी के जन्मोत्सव की खुशी में चेत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन दशरथ जी और कौशल्या जी के यहां पर श्री रामचंद्र जी का जन्म हुआ था। दशरथ जी के कोई संतान नहीं थी उनकी तीन रानियां थी एक दिन उन्होंने अपनी समस्या अपने गुरुदेव को बताई और एक यज्ञ रखा।
यज्ञ के दौरान दशरथ जी के गुरु ने उन्हें खीर से भरा कटोरा देते हुए कहा कि यह तुम तीनों रानियों को खिला देना तो उनके संतान होगी। कुछ समय बाद ऐसा ही हुआ नवमी के दिन श्री रामचंद्र का जन्म हुआ उनके साथ में उनके भाइयों का भी जन्म हुआ इसी खुशी में हम हर साल रामनवमी का त्यौहार मनाते हैं।
कहते हैं कि भगवान श्री राम भगवान विष्णु जी के दस अवतारों में से सातवें अवतार थे। हर साल रामनवमी का यह त्योहार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के नवे को मनाया जाता है इसी को हम रामनवमी कहते हैं .
रामनवमी का यह त्यौहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म में श्रीराम को भगवान का अवतार माना जाता है उनकी पूजा की जाती है इसलिए भगवान श्रीराम के मंदिर बहुत ही अच्छी तरह से सजाए जाते हैं भक्तगण दूर-दूर से उन मंदिरों के दर्शन करने के लिए आते हैं।
बहुत सारे लोग इन दिनों व्रत भी रहते हैं और 9 दिनों तक व्रत रहते हैं कहते हैं कि इन दिनों जो भी व्यक्ति व्रत रहता है, भगवान श्री राम की पूजा आराधना करता है वह हमेशा सुखी रहता है और भगवान उसकी मनोकामना भी पूरी करते हैं।
हमारे भारत देश में कुछ विशेष स्थान ऐसे भी हैं जैसे कि अयोध्या इस पवित्र स्थान पर बहुत सारे भक्तगण तीर्थ यात्रा करने के लिए आते हैं और अपने नेत्रों का लाभ उठाते हैं। श्री रामचंद्र जी की राम नवमी लोगों के लिए बहुत ही यादगार होती है इस रामनवमी के दिन कई कई जगह भक्तगण रथ यात्रा निकालते हैं, खुशियां मनाते हैं, अपने घरों में मंदिरों में भगवान श्री राम की पूजा करते हैं।
भगवान श्री राम जो मर्यादा पुरुषोत्तम राम हैं भक्तों के लिए वह सब कुछ हैं। भक्त गण इन 9 दिनों तक श्री रामचरितमानस की कथा रखते हैं और सुनते है वह अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवान श्री रामचंद्र जी की पूजा अर्चना करते हैं, उनका स्मरण करते हैं वास्तव में हमारे हिंदू धर्म में रामनवमी का त्योहार हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
रामनवमी का महत्व क्या है
इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था इसलिए इसे रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रामनवमी का काफी ज्यादा महत्व है इस दिन तीर्थ स्थलों के दर्शन करने एवं पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। राम नवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति होती है इसीलिए रामनवमी का बहुत ही ज्यादा महत्व है।
रामनवमी के दिन क्या खाना चाहिए?
रामनवमी के दिन सूजी का हलवा, काले चने, मूंग की दाल के दही बड़े, खीर, आलू गोभी, आलू मटर, बूंदी का रायता, भिंडी की सब्जी, पुरी आदि खाना चाहिए।
रामनवमी और महानवमी में क्या अंतर है
रामनवमी भगवान श्री रामचंद्र जी के जन्म उत्सव की खुशी में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है जबकि महानवमी शारदीय नवरात्रों में आती है इन दिनों मां दुर्गा की आराधना की जाती है।
रामनवमी पूजा विधि Ram navami puja vidhi in hindi
राम नवमी की पूजा का बहुत ही महत्व है इसलिए आज हम जानेंगे की रामनवमी पूजा कैसे करते हैं? कहते हैं कि जो भी रामनवमी की पूजा करता है या व्रत रखता है उससे घर में सुख शांति आती है, भगवान की कृपा आप पर बनी रहती है हमें रामनवमी की पूजा करनी चाहिए। आप सबसे पहले सुबह जल्दी जागकर स्नान आदि करके तैयार हो जाएं उसके बाद दिन भर व्रत रखने का संकल्प लें।
रामनवमी की पूजा करने के लिए आपको चाहिए कि आप पूजा सामग्री जैसे कि रोली, चावल, फूल, स्वच्छ जल आदि रखें और भगवान श्री राम जी की मूर्ति पर अर्पण करें उन पर मुट्ठी भर के चावल चढ़ाएं, भगवान श्री रामचंद्र जी की कथा सुने, उनकी आरती उतारें, चालीसा करें। आरती के बाद पवित्र हुए जल को सभी जनों पर छिड़के और अपनी क्षमता अनुसार ब्राह्मणों को दान दे। रामनवमी पर ब्राह्मणों को दान देने का भी विशेष महत्व है।
रामनवमी के दिन श्री रामचंद्र जी की सोने की प्रतिमा दान करने का भी विधान है आप चाहें तो प्रतिमा को ब्राह्मण को दान कर दें वास्तव में रामनवमी का त्यौहार हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। श्री रामचंद्र जी मर्यादा पुरुषोत्तम थे उन्होंने अपने पिता की आज्ञा को पूरा करने के लिए 14 वर्षों तक वन की यातनाएं सही थी और इस धरती को राक्षसों से मुक्त किया था।
रामनवमी पर कविता Ram navami poem in hindi
खुशियों के गीत गाओ
मिलजुल कर अब मनाओ
आई है राम नवमी
पापों को दूर करेगी ये नवमी
मंदिरों को सजाएं
घर में सुख शांति हम लाए
अब तो दुख दूर होंगे
रामनवमी पर सुखी हम होंगे
यह है हमारे लिए शुभ अवसर
आओ शीश हम नवाये
ब्राह्मणों को दान करके
खुशी हम मनाये
श्री रामचरित मानस का श्रवण हम करें
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को नमन हम करें
आया है रामनवमी का त्यौहार
लाया है खुशियां बेशुमार
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