रक्षाबंधन पर कहानी Raksha bandhan story in hindi

Raksha bandhan story in hindi

रक्षाबंधन एक धार्मिक त्यौहार है जो प्राचीन काल से ही हमारे देश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहनों का त्यौहार है यह भाई बहनों के प्रेम का प्रतीक होता है। रक्षाबंधन की कई कथाएं हमें सुनने को मिलती है श्रीकृष्ण की एक कथा जो काफी प्रसिद्ध है जो आज हम आपके साथ शेयर करने वाले हैं तो चलिए पढ़ते हैं रक्षाबंधन पर लिखित इस कथा को

Raksha bandhan story in hindi
Raksha bandhan story in hindi

एक समय की बात है कि श्री कृष्ण भगवान सक्रांति पर कुछ काट रहे थे तभी गलती से उनके हाथ में चोट लग गई वहां पास में ही रुक्मणी और द्रोपदी थी रुकमणी ने अपनी सेविका को आवाज दी कि वह एक कपड़ा लेकर आए जिससे वह कपड़ा श्रीकृष्ण के हाथ में बांधकर उनके घाव को ठीक कर सके तभी वहां पर उपस्थित द्रौपदी ने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उन्होंने श्री कृष्ण के चोट लगे हुए हाथ को बांध दिया और जिससे श्रीकृष्ण को राहत मिली तभी से श्री कृष्ण द्रोपदी को अपनी बहन समझते थे।

श्रीकृष्ण ने अपनी बहन के प्रति कर्तव्य निभाया था बात उस समय की थी जब पांडव अपना सब कुछ हार चुके थे वह अपनी द्रोपदी भी हार चुके थे तब दुशासन द्रोपदी का चीर हरण कर रहा था तभी श्री कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा के लिए कुछ ऐसा किया जिससे दुशासन साड़ी जितनी खींचता साड़ी उतनी ही बड़ी होती जाती इस तरह से द्रोपदी की लाज बची तभी से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाने लगा वास्तव में रक्षाबंधन का यह त्यौहार भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक है।

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