वर्षा ऋतु पर कविता Rainy season poem in hindi
Rainy season poem in hindi
varsha ritu poem in hindi language-वर्षा ऋतु पर सचित्र कविता-दोस्तों गर्मियों के दिनों में मुझे बरसात की याद आती है गर्मी के दिनो में इतने तेज घाम पड़ते हैं की छत पर बने हुए घरों पर सोना मुश्किल होता है हर कोई सोचता है कि अगर ठंडी ठंडी बरसात की बूंदे पड़ जाएं तो कितना अच्छा लगे वास्तव में बरसात के मौसम की तो बात ही कुछ निराली है हर कोई खुशी में झूमने लगता है.
बरसात के मौसम में चारों और नदियां,तालाब लहलहा जाते हैं उनमें पानी भर जाता है और पृथ्वी को ठंडक मिलती है हर एक जीव जंतु को सुख शांति मिलती है आज हमने वर्षा ऋतु पर एक कविता लिखी है आप इसे जरूर पढ़ें और वर्षा ऋतु की यादों में खो जाएं तो चलिए पढ़ते हैं हमारी आज की इस कविता को
वर्षा ऋतु आई है अनेक खुशियां लाई है
झूम झूम के नाचो गाओ और खुशियां मनाओ
देखो बादल गरज रहे हैं पेड़ पौधे झूम रहे हैं
ठंडक देती ये वर्षा कैसे मन मोह रही है
चारों और लहलहाता पानी नदिया कैसे उछल रही है
पृथ्वी भी मानों खिलखिला रही है
जब से वर्षा ऋतु आई है अनेक खुशियां लाई है
झूम झूम के नाचो गाओ और खुशियां मनाओ
बच्चे खेल रहे हैं मोर नाच रहे हैं
जोर जोर से नाच नाचकर खुशियां मना रहे हैं
सुध बुध भूल गए है खुद में ही खो गए है
झूम झूम के नाचो गाओ और खुशियां मनाओ
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