रहीम दास जी की जीवनी Rahim das biography in hindi
Rahim das biography in hindi
दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं कवी रहीम दास जी की जीवनी कवी रहीम दास जिन्होंने अपने जीवन में कई कविताएं लिखी जिनसे हमें काफी प्रेरणा भी मिलती हैं। इन्होंने समाज एवं मानवता के मुद्दों पर कई बेहतरीन कविताएं लिखी हैं तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को।
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जन्म और परिवार
रहीम दास जी एक महा प्रसिद्ध कवि रहे हैं। इनका पूरा नाम अब्दुर्रहीम खान ए खाना है लेकिन यह रहीम दास जी के नाम से प्रसिद्ध है। इनका जन्म 1556 ईस्वी में लाहौर में हुआ था लाहौर जो कि अभी पाकिस्तान में आता है। इनके पिता का नाम बैरम खान था।
शुरुआती जीवन
रहीम दास जी के पिताजी सम्राट अकबर के संरक्षक थे इसी वजह से रहीम दास जी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अकबर के दरबार में ही की। रहीम दास जी की पढ़ाई में विशेष रूचि थी, उन्हें बचपन से ही कविताएं लिखने का काफी ज्यादा शौक था, उन्हें शुरुआत में ही कई तरह की भाषाओं का ज्ञान हो गया था।
इन्हें हिंदी, उर्दू, फारसी आदि भाषाएं अच्छी तरह से आती थी। धीरे-धीरे रहीम दास जी ने अपने कविता लिखने के शौक को पूरा किया और शुरुआती जीवन से ही कविताएं लिखना शुरू कर दिया।
हिंदी साहित्य में स्थान
रहीम दास जी एक ऐसे महान कवि रहे हैं जिनका हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान है। इनकी भाषा बहुत ही सरल थी उन्होंने अपने ज्यादातर लेख ब्रज भाषा में लिखे है। इन्होंने अपनी कविताओं में भक्ति, प्रेम आदि के बारे में विशेष लिखा।
रहीम दास जी की कविताएं इतनी बेहतरीन थी कि धीरे-धीरे उनकी कविताओं की वजह से रहीम दास जी काफी ज्यादा प्रसिद्ध हो गए।
रहीम दास जी की रचनाएं
रहीम दास जी की कई सारी रचनाएं हैं उनकी रचनाओं में सवैया, मासिक, बरवे आदि हैं इसके अलावा इन्होंने अपनी प्रसिद्ध रचना रहीम दोहावली लिखी जिसमें 600 से भी ज्यादा दोहै हैं। रहीम दास जी की रचनाएं काफी सरल भाषा में थी।
इसके अलावा इन्होंने भक्ति और नीति के बारे में बड़े ही विस्तृत पूर्वक बताया जिससे लोगों को उनकी रचनाएं काफी महत्वपूर्ण लगी।
इनको मिले पुरस्कार
रहीम दास जी एक ऐसे महान कवि हैं जिनको अपनी लिखी रचनाओं की वजह से सम्मानित किया गया है। इन्हें सम्राट अकबर के द्वारा खाने ए खाना नामक उपाधि से सम्मानित किया गया था।
उनकी मृत्यु
रहीम दास जी की मृत्यु 1605 ईस्वी में आगरा में हुई वास्तव में ये ऐसे महान कवि भले ही आज हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनकी कविताओं की वजह से उनकी याद हमेशा हमारे बीच में है।
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