पृथ्वी की आत्मकथा Prithvi ki atmakatha in hindi
Prithvi ki atmakatha in hindi
हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल पृथ्वी की आत्मकथा पर निबंध आप सभी के लिए बड़ा ही हेल्पफुल है हमारे आज के इस निबंध का उपयोग विद्यार्थी अपने स्कूल की परीक्षा में पृथ्वी की आत्मकथा पर आर्टिकल लिखने के लिए यहां से जानकारी ले सकते हैं साथ में यह आर्टिकल आपको पृथ्वी के बारे में अच्छी जानकारी भी देगा तो चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस आर्टिकल को

मैं पृथ्वी हूं मुझमें ही सब कुछ बसा हुआ है पेड़ पौधे जो सभी को ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और खुद कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करके जीव जंतु,मनुष्य को जीवन दान देते हैं वह मेरी ही गोद मे जन्म लेते हैं मनुष्य,जीव जंतु यह सभी मेरी गोद मे ही जन्म लेते हैं.एक तरह से मैं इन सबकी माता हु लेकिन बहुत सी प्रजातियों का विनाश भी मेरे भीतर ही होता है.
मेरा आकार गोलाकार है.मेरा जन्म कैसे हुआ इसके बारे में सभी का अलग-अलग मत है कि मेरा जन्म अंतरिक्ष में हुए जोरदार धमाके से हुआ था जब धमाका हुआ तो चारों ओर धूल के कण और पत्थर के टुकड़े गुरुत्वाकर्षण की शक्ति की वजह से आपस में जुड़ने लगे और मेरा जन्म हुआ लेकिन धार्मिक लोग ये भी मानते हैं कि मेरा जन्म भगवान के द्वारा हुआ है.मेरा जन्म कैसे भी हुआ हो लेकिन मैं सबको जानती हूं मैं किसी के साथ भेदभाव बिल्कुल नहीं करती.मेरे अंदर सभी को हवा,पानी आदि बराबर मिलता है मैं किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती.
इंसान ही मुझे नुकसान पहुंचाकर अपना नुकसान करता है.कहते हैं कि अगर आप अपने ऊपर पत्थर फेंकोगे तो पत्थर आपके ऊपर ही गिरेगा उसी तरह मनुष्य मुझे बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं आज मुझ में धरती में बहुत सारी हानिकारक पॉलिथीन मिलती हैं जो मेरे लिए हानिकारक हैं.
मनुष्य अपने थोड़े से फायदे के लिए मेरे अंदर रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करके मुझे बंजर कर देते हैं इससे धरती को बहुत नुकसान पहुंचता है.आज हम देखें तो मनुष्य ने मेरी इस पृथ्वी पर बहुत सारे प्रदूषण किए हैं जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण आदि प्रदूषणों की वजह से मनुष्य को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.पृथ्वी के ऊपर बहुत सारे ऐसे वीर और महा योद्धाओ ने जन्म लिया है जिनपर मुझे गर्व है मेरी गोद मे ही दानवीर कर्ण जैसे महादानी जिनको मैं हमेशा याद रखूंगी ने जन्म लिया है मेरी गोद मे ही भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेकर हमेशा हमेशा के लिए पापियों का नाश कर दिया है.
मैं बहुत ही खुश हूं कि भगवान मुझ पृथ्वी पर कभी कबार पापियों का नाश करने के लिए जन्म लेते हैं मुझ पर बहुत सारे ऐसे राक्षसों ने भी जन्म लिया है जिसने मुझे और मेरी संतानों को नुकसान पहुंचाया है.आज हम देखें पृथ्वी की धरती में हम बहुत सारी फसले बोते हैं और फसलें बोकर हम उनका खाद्य सामग्री में उपयोग करते हैं और हमारा भरण पोषण होता है जैसे कि मैंने आपको ऊपर बताया मनुष्य बहुत सारे हानिकारक रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करके मुझे बंजर बनाते जा रहे हैं मुझे सब पृथ्वी माता कहते हैं लेकिन ज्यादातर लोग मेरा ध्यान नहीं रखते.
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मैं सभी से बस यही कहना चाहती हूं कि कोई भी मुझे नुकसान पहुंचाएगा तो आप सुरक्षित नही रह पाएंगे.लोग कहते हैं कि मैं बहुत खूबसूरत हूं मेरे अंदर ही बाग बगीचे तरह तरह के फल फूल, पशु पक्षी सभी बहुत ही सुशोभित होते हैं मेरी खूबसूरती लाजवाब है
मुझ पृथ्वी के अंदर ही बहुत सारे जंगल,झाड़ियां,नदी,तालाब आदि हैं.
जंगलों में जहां बहुत सारे तरह तरह के जीव,जन्तु आदि है.नदी, तालाबों में भी जलीय जीव रहते हैं और अपनी जीविका चलाते हैं आज मनुष्य मेरी पृथ्वी पर जंगलों को नुकसान करके जंगली जीवो को नष्ट कर रहे हैं यह मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता क्योंकि वह भी मेरी ही संतान है मैं सबको खुश देखना चाहती हूं मैं पृथ्वी हूं मैं सबके साथ खुश रहना चाहती हूं कभी कभी मेरे अंदर भूकंप,ज्वालामुखी जैसी आपदाएं भी आती रहती हैं लेकिन इन आपदाओं की सबसे बडा जिम्मेदार मनुष्य ही है.
मनुष्य ही तरह तरह के प्रदूषण करता हैं जिससे मेरा और मेरे पुत्रों का नुकसान होता है उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.पहले जहां मुझ पर महान इंसानों ने जन्म लिया आज के इस आधुनिक जमाने में बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो सिर्फ और सिर्फ मुझे नुकसान ख्याल करते है,मेरे ऊपर उपस्थित प्राकृतिक संपदाओं का नुकसान करते हैं जिस वजह से वह अपना तो नुकसान करती ही हैं साथ में दूसरों का भी नुकसान करते हैं मैं सिर्फ बस इतना ही चाहती हूं कि सब सुखी रहें और कोई मुझे नुकसान ना पहुचाये.
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Nice sir