शेर की पहचान “prernadayak kahani in hindi”
दोस्तों भगवान् ने हमको कुछ ऐसा दिया है जो दुनिया के किसी भी जीव में नहीं है,इन्सान से बढकर ना कुछ है और ना ही कुछ हो सकता है,दुनिया में काफी सारे ऐसे लोग होते है,जो अपनी पहचान भूल जाते है,आज की ये story आपको बहुत ही प्रेरणा देगी,जो हम सबको सीख देगी की हम इन्सान है और अपने आपको पहचानने की जरुरत है.
अब वोह शेर का बच्चा जंगल में भटक जाता है,उसे अपनी माँ यानी शेरनी से दूर होकर काफी दुःख होता है लेकिन जैसा की हम देखते है की ईश्वर हर इन्सान को सहारा तोह डे ही देता है,शेर के बच्चे को भी भेडियो का सहारा मिल जाता है,अब वोह उन्ही के साथ खाना खाता है,उन्ही के साथ सोता है,उन्ही के साथ खेलता है तोह वोह सब कुछ भूल जाता है और अपने आपको भी भेड़िया समझने लगता है,धीरे धीरे वोह शेर का बच्चा बड़ा होने लगता है और उन भेडियो को ही अपना परिवार समझने लगता है,उसे उनमे ही अपनी माँ बाप भाई बहन नज़र आने लगते है.इन कहानियो को भी पढिये-शेर और खरगोश की नयी कहानी
एक दिन वोह शेर का बच्चा भेडियो के साथ शिकार करने जाता है इतने में उसे एक शेर मिलता है तोह सभी भेडिये एक तरफ चले जाते है,और वोह शेर का बच्चा उसी जगह पर रुक जाता है तोह शेर उससे कहता है की तू तोह मेरा ही बच्चा है,तू इन भेडियो के साथ क्यों रहता है तोह वोह शेर का बच्चा कहता है नहीं नहीं में तोह भेदिया ही हु,पीछे खड़े ये भेडिये ही मेरा परिवार है,वोह शेर कहता है की नहीं तू तोह एक शेर है,अपने आपको पहचान.
में तोह यही कहूँगा की आप शेर भी नहीं हो,आप शेर से भी बढकर हो क्योकि इन्सान की शक्ति की वजह से ही आज शेर भी दुनिया में नजर नहीं आते,आप तोह वोह हो जो एक शेर जैसे जानवर को भी अपनी ऊँगली पर नचा सकते हो इसलिए दोस्तों अपने आपको पहचानिये और कुछ ऐसा कीजिये की लोग आपको सलाम करे.अगर आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आई हो तोह इसे शेयर जरुर करे और हमारा फेसबुक पेज like करना ना भूले.
aapne jo likha hai bo bahut hi sahi hai
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