महात्मा गाँधी प्रेरक प्रसंग Prerak prasang mahatma gandhi in hindi
Prerak prasang mahatma gandhi in hindi
Prerak prasang mahatma gandhi in hindi-हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी दोस्तों आज 2 अक्टूबर है महात्मा गांधी जी की जयंती है आज के शुभ अवसर पर हम आपके लिए लाए हैं बहुत कुछ खास आज का हमारा आर्टिकल Prerak prasang mahatma gandhi in hindi एक ऐसे इंसान के जीवन की प्रेरणादायक घटनाओं पर आधारित है जिसे दुनिया का बच्चा बच्चा जनता हैं.दोस्तों आज हम पड़ेंगे महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित कुछ प्रेरणादायक प्रसंगों को जो आपको जीवन में बहुत कुछ सीखने को देगा तो चलिए पढ़ते हैं महात्मा गांधी के जीवन कि कुछ प्रेरणादायक घटनाओं को
(1)दोस्तों ये प्रसंग तब का है जब महात्मा गांधी जी बच्चे थे वह स्कूल में पढ़ाई किया करते थे दराह्सल हुआ कुछ यूं कि एक दिन उनके स्कूल में स्कूल चेक करने वाले आए वह सभी विद्यार्थियों की परीक्षा ले रहे थे उनसे तरह तरह के सवाल पूछ रहे थे जिससे वह स्कूल के बारे में पता लगा सके कि स्कूल में अध्यापक किस तरह से पढ़ाई करवाते हैं उन्होंने बारी बारी से सभी की परीक्षा ली और अंत में मोहनदास करमचंद गांधी जी के पास पहुंच गए उन्होंने उनसे भी एक सवाल किया लेकिन उस सवाल का जवाब महात्मा गांधी के पास ठीक ठीक नहीं था उनके अध्यापक उनके सामने ही खड़े हुए थे वह इशारे करके महात्मा गांधी जी को उत्तर दे रहे थे लेकिन महात्मा गांधी जी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया क्योंकि वह इस बात को गलत समझते थे यानी अध्यापक के द्वारा बताई हुई बात का आंसर देना यानी नकल करना झूठ बोलने जैसा है वो जीवन में झूठ नहीं बोलना चाहते थे जिस वजह से उन्हें जो भी सवाल का आंसर आया उन्होंने वह स्कूल में चेक करने वाले लोगों को बता दिया वह सवाल का जवाब गलत था उसके कुछ समय बाद चेक करने वाले स्कूल से चले गए तब उनके अध्यापक ने गांधी जी को बहुत डाटा कि मैं जब तुम्हें आंसर बता रहा था तो तुमने ध्यान क्यों नहीं दिया लेकिन महात्मा गांधी जी पर इसका कोई भी असर नहीं पड़ा क्योंकि वह तो सत्य के रास्ते पर बचपन से ही चलते आ रहे थे उनके जीवन में सत्य सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण था इसलिए हमें भी महात्मा गांधी जी की तरह हमेशा सत्य बोलना चाहिए और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए तभी हम जिंदगी में कुछ अच्छा कर सकते हैं.
(2)एक बार महात्मा गांधी जी को एक बैठक में जाना था और उस बैठक में बहुत से नेता भी पहुंच चुके थे लेकिन महात्मा गांधी जी वहां पर नहीं पहुंच पाए थे तो सभी लोगों ने सोचा कि ऐसा तो नहीं कि महात्मा गांधी जी को कुछ हो गया हो या तबीयत खराब हो गई हो तो कुछ लोग महात्मा गांधी जी को देखने के लिए चले गए उन्होंने देखा कि महात्मा गांधी अपने बक्से में बहुत देर से कुछ दूर रहे हैं उन्होंने कुछ समय प्रतिक्षा की फिर ज्यादा समय होते हुए देखकर वह उनके पास गए और महात्मा गांधी जी से कहने लगे की हम आपका उस सभा में प्रतीक्षा कर रहे थे आप ऐसी कौनसी जरूरी चीज इस बक्से में अभी ढूंढ रहे हो तो महात्मा गांधी जी ने जवाब दिया कि मुझे एक अछूत बच्चे ने पेंसिल दी थी दरअसल मैं उसी पेंसिल से लिखता हूं और आज भी मैं उस प्यारे से बच्चे के द्वारा दी हुई पेंसिल से लिखना चाहता हूं ऐसी बात सुनकर बच्चों के प्रति इतना प्रेम देखकर वह लोग बहुत ही प्रसन्न हुए वास्तव में महात्मा गांधी एक महान इंसान थे जो बच्चों से बेहद प्यार करते थे बच्चों से लगाव रखते थे वह हमेशा उन्हें पत्र लिख लिख कर भेजा करते थे बच्चे भी उन्हें बहुत पसंद करते थे हम सभी को भी महात्मा गांधी की तरह हर किसी के द्वारा दिए गए उपहार की प्रशंसा करनी चाहिए और उसका उपकार मानना चाहिए.
Related-महात्मा गांधी पर निबंध mahatma gandhi essay in hindi
(3)ये घटना है महात्मा गांधी की दांडी यात्रा के समय की.महात्मा गांधी दांडी यात्रा करते समय एक जगह पर रुके फिर उन्हें जल्दी जाना था और वह उस स्थान से जैसे ही निकलने को हुए तो रास्ते में एक अंग्रेज ने उनसे हेलो बोला दरअसल वह अंग्रेज महात्मा गांधी जी का एक बहुत बड़ा प्रशंसक था लेकिन महात्मा गांधी जी भी चलते हुए उसका अभिवादन करते हुए वहां से जल्दी निकल पड़े लेकिन जैसे ही वह कुछ दूरी पर पहुंचे तो एक व्यक्ति ने कहां गांधीजी अगर उस अंग्रेज से आप मिल लेते और थोड़ा रुककर बातचीत कर लेते तो अंग्रेजी अखबार में आपका नाम होता आपको सम्मान मिलता इस बात पर महात्मा गांधी जी कहने लगे कि मेरे लिए नाम से बढ़कर समय की पाबंदी है दरअसल मुझे जल्दी जाना है इसलिए मैं वहां से जल्दी निकल आया.इस प्रेरणादायक घटना से हम समझ सकते हैं की महात्मा गांधी समय के पाबंद थे हमें भी जीवन में समय के पाबंद होना चाहिए.
(4)दोस्तों महात्मा गांधी जी एक बहुत ही महान व्यक्ति थे उन्होंने अपने जीवन में कभी भी फिजूलखर्ची नहीं की इस बारे में जानकारी लेने के लिए एक बहुत ही अच्छा प्रसंग है जिसे आज हम जानेंगे महात्मा गांधी जी खाना खाते समय हमेशा शहद का उपयोग करते थे वह खाने में शहद लेते थे उनके साथ कभी-कभी दौरे पर मीरा बहन भी साथ में जाया करती थी एक बार वह किसी काम की वजह से लंदन के दौरे पर गए वहां पर वह अपने साथ शहद साथ में ले जाना ध्यान भूल गए जब ये बात मीरा बहन को पता लगी तो उन्होंने वहां से एक शहद की सीसी खरीद ली और जब महात्मा गांधी जी भोजन करने लगे तभी मीरा बहन ने वह शहद की शीशी पास में रखदी महात्मा गांधी जी मीरा बहन से कहने लगे कि जब मैं सी सी ध्यान भूल आया था तो ये कहां से आई इस पर मीरा कहने लगी कि मैंने यही से खरीदी है तभी महात्मा गांधी जी उन पर गुस्सा करते हुए कहने लगे कि जब मैं शहद की शीशी ध्यान भूल आया था तो ये दूसरी शहद की शीशी लेने से फिजूलखर्ची होती है और हम सभी जनता के पैसे खर्च करते हैं और ये फिजूलखर्ची करने का क्या मतलब.हमें जनता के पैसों को फिजूल खर्च नहीं करना चाहिए दोस्तों इस महात्मा गांधी जी के प्रसंग से हमें सीख मिलती है कि हमें जीवन में कभी भी फिजूलखर्ची नहीं करना चाहिए और जीवन में एक अच्छी जिंदगी जीना चाहिए.
(5)महात्मा गांधी जी एक बहुत ही अच्छे वक्ता थे एक बार की घटना है कि महात्मा गांधी जी भाषण दे रहे थे तभी कुछ लोगों ने उनसे कहा कि गांधीजी आपकी आवाज हमें सुनाई नहीं दे पा रही है कुछ समय बाद महात्मा गांधी ने कहा कि जिन लोगों को मेरी आवाज सुनाई नहीं दे रही है वह हाथ ऊपर कर ले तो पीछे की कुछ लोगों ने हाथ ऊपर कर लिए और फिर महात्मा गांधी जी एक दम शांत हो गए.महात्मा गांधी जी ने सभी लोगों से कहा जब आप लोगों को मेरी आवाज सुनाई नहीं दे रही है तो आपने हाथ ऊपर कर केसे लिया ऐसा सुनकर सभी लोग एक दम शांत हो गए.मतात्मा गाँधी जी ने आगे कहा की अगर भाषण को ध्यानपूर्वक सुने तो वाकई में हमको सब कुछ समझ में आ सकता है यह बात महात्मा गांधी ने अपने श्रोताओं को बताई.
Related-अहिंसा परमो धर्म पर निबंध Essay on ahimsa paramo dharma in hindi
(6)महात्मा गांधी जी एक बहुत ही अच्छे इंसान थे एक बार की बात है महात्मा गांधी के साथ में रहने वाले आनंद स्वामी जी की एक दीन हीन व्यक्ति से बहस हो गई उन दोनों की बहस कुछ देर तक चलती रही यह सब महात्मा गांधी जी देख रहे थे आनंद स्वामी जी ने गुस्से में आकर उस व्यक्ति में जोर से थप्पड़ जड़ दिया यह बात महात्मा गांधी जी से सही नहीं गई वह आनंद स्वामी जी के पास गए और कहने लगे कि तुमने इस व्यक्ति को मारा लेकिन यह एक सामान्य सा व्यक्ति है अगर व्यक्ति तुम्हारी बराबर के टक्कर का होता तो क्या तुम इसे थप्पड़ मार पाते. तुम्हें ऐसा बिल्कुल भी नहीं करन चाहिए था.चलो इससे माफी मांगो लेकिन आनंद स्वामी जी ने माफी मांगने से बिल्कुल मना कर दिया तो महात्मा गांधी जी ने कहा कि अगर तुम अन्याय के मार्ग पर या गलत मार्ग पर चलते हो तो मैं तुम्हारे साथ बिल्कुल नहीं रहूंगा जब महात्मा गांधी जी की बात आनंद स्वामी जी ने सुनी तो आखिरकार उस व्यक्ति से माफ़ी मांगनी पड़ी वाकई में महात्मा गांधी जी से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है हमें भी अगर लड़ाई करने का हक है तो अपने सिर्फ बराबरी वालों से.
(7)महात्मा गांधी जी हमेशा समय के पाबंद रहा करते थे एक समय की बात है कि महात्मा गांधी जी के घर पर एक व्यक्ति आया और कहने लगा कि महात्मा गांधी जी कल हमारे यहां पर एक सभा रखी गई है जहां पर भोजन की भी व्यवस्था है आप कल इतने समय पर वहां पर आने की कृपा करें आप कहे तो मैं आपके लिए कोई साधन भेज दूं महात्मा गांधी जी ने खुद ही आने के लिए कहा और वह व्यक्ति वहां से चला गया अब अगली सुबह जब सभा का वक्त होने वाला था लगभग 15 मिनट बचे थे तो वहां पर लोगों को महात्मा गांधी जी दिखाई नहीं दिए तब एक व्यक्ति ने कहा कि जाओ और गांधी जी को साथ में लेकर आओ वह व्यक्ति महात्मा गांधी जी को लेने के लिए चला गया जब वह व्यक्ति वहां पर पहुंचा तो उनके घर का ताला लगा हुआ था वह जब सभा में उपस्थित हुआ तो महात्मा गांधी जी भाषण दे रहे थे तभी उसने उनसे पूछा कि गांधी जी आप यहां पर हैं मैं आपके घर आपको लेने के लिए गया था तो महात्मा गांधी ने कहा कि मैं आप की सभा में बहुत ही जल्दी सुबह ही आ गया था दरअसल मैंने सोचा कि चलो कुछ कामकाज करवा लेंगे.मैं सुबह रसोई में खाना बनवाने में मदद कर रहा था ऐसा सुनकर सभापति को बहुत ही बुरा लगा उन्होंने कहा कि आपको यह सब करने की क्या जरूरत थी दरअसल महात्मा गांधी जी को वहां पर शक्ल से कोई भी नहीं जानता था वाकई में महात्मा गांधी जी एक महान इंसान थे जो कुछ भी करते थे वह एक साधारण सी जिंदगी जीने वाले थे.
दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया ये आर्टिकल Prerak prasang mahatma gandhi in hindi पसंद आया हो तो कृपया कर हमें कमेंट्स के जरिए बताएं और Prerak prasang mahatma gandhi in hindi को लोगों में शेयर जरूर करें क्योंकि आज महात्मा गांधी जी की जयंती है और हर किसी को महात्मा गांधी जी के प्रेरणादायक प्रसंग को पढ़ना चाहिए और हमारा फेसबुक पेज भी लाइक करें और अगर आप हमारे द्वारा लिखे गए अगले आर्टिकल को सीधे अपने ईमेल पर पाना चाहें तो हमें सब्सक्राइब भी जरूर करें.