प्रदूषण नियंत्रण पर निबंध Pollution Control Essay In Hindi

Pollution Control Essay In Hindi

Pollution Control – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण पर किस तरह से नियंत्रण कर सकते हैं इसके बारे  में हम पढ़ेंगे । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण पर लिखे इस निबंध को गहराई से पढ़ते हैं ।

Pollution Control Essay In Hindi
Pollution Control Essay In Hindi

Image source – https://en.m.wikipedia.org/wiki/Pollution

पर्यावरण प्रदूषण के बारे में – आज हम देख रहे हैं कि प्रकृति में पर्यावरण प्रदूषण फैलता जा रहा है । ईश्वर ने हमें जीने के लिए , सुंदरता का आनंद लेने के लिए सुंदर प्रकृति हमें दी है । जिसके माध्यम से हम शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त करते हैं , शुद्ध वातावरण हमारे आसपास का रहता है और हम अपना जीवन यापन अच्छी तरह से करते हैं । परंतु मानव अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए और सुख सुविधाएं प्राप्त करने के लिए पर्यावरण प्रदूषण फैला रहा है , प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कर रहा है ।

प्रकृति को स्वच्छ और संभाल कर रखने के लिए पेड़ पौधों का होना बहुत ही आवश्यक है । परंतु मानव बड़ी बड़ी बिल्डिंग खड़ी करने के लिए पेड़ों को काट रहा है जिससे प्रकृति में निरंतर प्रदूषण फैल रहा है क्योंकि पेड़ पौधे हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड गैस को ग्रहण करके शुद्ध ऑक्सीजन हम लोगों को प्रदान करते हैं  जिससे हम शुद्ध ऑक्सीजन लेकर जिंदा रहते हैं । हमारे लिए ऑक्सीजन की बहुत ही आवश्यकता होती है । ऑक्सीजन के बिना हम एक पल भी जीवित नहीं रह सकते हैं ।

मनुष्य प्लास्टिक से बनी हुई पॉलिथीन बैग का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में कर रहा है जिससे कि पर्यावरण प्रदूषण फैल रहा है । प्लास्टिक से बनी हुई पॉलिथीन बहुत ही प्रदूषण फैलाती हैं । जानवरों को सबसे ज्यादा नुकसान पॉलिथीन खाने के कारण हो रहा है । इसलिए पर्यावरण प्रदूषण फैलने में प्लास्टिक पॉलिथीन का  सबसे ज्यादा योगदान  है । दोस्तों फैक्ट्रियों में हानिकारक केमिकलो का उपयोग किया जा रहा है जिससे हानिकारक विषैली गैसें वातावरण में फैल रही हैं जिससे प्रदूषण अधिक मात्रा में फैल रहा है ।

आज हम देख रहे हैं कि गाड़ियां , वाहन बहुत अधिक मात्रा में हम सभी उपयोग में ला रहे हैं जिससे वातावरण दूषित होता जा रहा है । पर्यावरण प्रदूषण की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है । यदि आज हम सभी लोगों ने इस प्रदूषण को रोकने के लिए कदम नहीं उठाए तो आने वाली पीढ़ी इस प्रदूषण के कारण अपने जीवन को आसानी से व्यतीत नहीं कर पाएंगे । यदि हम आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण में रखना चाहते हैं तो हमें पर्यावरण प्रदूषण के रोकथाम करने के लिए कदम उठाने होंगे और जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषण फैल रहा है उन कारणों को हमें रोकना होगा ।

अब हम यह जानेंगे कि पर्यावरण प्रदूषण को हम किस तरह से रोक सकते हैं , पर्यावरण प्रदूषण पर किस तरह से नियंत्रण पा सकते हैं क्योंकि  पर्यावरण प्रदूषण को रोकने का एक ही रास्ता है और वह रास्ता यह है की हम सभी को एक साथ मिलकर , जागरूक होकर सभी लोगों को पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जागरूक करना होगा । जब सभी लोग जागरूक होंगे तब पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी और हमारे आसपास का वातावरण स्वच्छ रहेगा जिससे हमें शुद्ध ऑक्सीजन , शुद्ध वातावरण प्राप्त होगा ।

पानी में फैल रहे प्रदूषण पर नियंत्रण – आज हम देख रहे हैं कि शहरों में रहने वाले लोग कचड़े को नदियों , तालाबों में फेंक देते हैं और वह कचड़ा पानी को दूषित कर देता है जिस पानी का उपयोग हम सभी लोग करते हैं ।  हमारे जीवन में पानी का बड़ा महत्व होता है । हम पानी के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं । जब हम दूषित पानी का सेवन करते हैं तब वह पानी हमारे शरीर के अंदर जाता है और काफी कीटाणु पानी के माध्यम से हमारे शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं जिन कीटाणु के द्वारा हमें बीमारी लग जाती है और हम बीमार पड़ जाते हैं ।

हम सभी लोगों को प्रदूषण नियंत्रण पर जागरूक रहना चाहिए और प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के उपाय करना चाहिए । जब हम सभी जागरूकता अभियान के तहत लोगों को जागरूक करेंगे और उनको प्रदूषण के बारे में बताएंगे तब सभी लोग जागरूक होंगे और प्रदूषण नियंत्रण मे अपना सहयोग देंगे । पानी को दूषित होने से रोकने के लिए सबसे पहले हमें नदियों , तालाबों में कचड़ा फेंकना बंद करना होगा ।

हमारे घर में जो भी कचड़ा निकलता है उसे एक स्थान पर एकत्रित करके रखना चाहिए और उस कचरे को एक सुव्यवस्थित स्थान पर जाकर फेंकना चाहिए जिससे हमारे आसपास का वातावरण शुद्ध रहेगा , हमारे आसपास का स्थान स्वच्छ रहेगा । जिस पानी को हम पीते हैं वह पानी भी हमें शुद्ध प्राप्त होगा । पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हम सभी को एक साथ मिलकर इसके विषय में विचार विमर्श करना चाहिए ।

गांवों एवं शहरों में उन लोगों को नदी तालाब के किनारे कपड़े धोने से मना करना चाहिए जो प्रतिदिन तालाबों एवं नदियों के किनारे मेले को चेले कपड़े धोते हैं और तालाब के शुद्ध पानी को खराब करते हैं ।  कपड़े पर हम साबुन लगाकर साफ करते हैं और पूरी गंदगी पानी में घुल जाती है और वह पानी दूषित हो जाता है जिस पानी को हम पीते हैं और वह हमारे शरीर के अंदर जाता है और हमें घातक से घातक बीमारी होने की संभावना होती है ।

तो प्रदूषण नियंत्रण के लिए हमें उन लोगों के पास जाकर उनको जागरूक करना चाहिए कि वह नदी तालाबों के किनारे पर कपड़े ना धोएं ।

फैक्ट्रियों से निकलने वाली विषैली गैसों एवं दूषित पदार्थ और विषैला पानी को नदियों के पानी में घुलने से रोकना – फैक्ट्रियों में प्रोडक्ट्स के निर्माण के लिए कई रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है । जब वह हानिकारक  रसायन वातावरण में हानिकारक विषैली गैस के रूप में हवा मे घुल जाती है तब आसपास मे काफी प्रदूषण फैल जाता है और हमें घुटन सी महसूस होने लगती है । फैक्ट्रियों से निकलने बाली विषैली गैसों को बाहर वातावरण में घुलने से रोकना होगा जिसके लिए हमें यह प्रयास करना चाहिए की फैक्ट्रियों के आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाएं ।

विषैली गैसों को सिर्फ पेड़-पौधे ही अवशोषित कर सकते हैं । हमें पेड़ पौधों को लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए । सभी लोगों को पेड़ पौधों की महत्वता के बारे में अवगत कराना चाहिए जिससे कि हम पर्यावरण प्रदूषण फैलने से रोक सकें । फैक्ट्रियों में जो कचरा एकत्रित होता है उस कचरे को पूरी तरह से नष्ट करने की व्यवस्था फैक्ट्री संचालक को करना चाहिए । यदि फैक्ट्रियों से निकलने वाला कचरा शहर के बीचों-बीच आ जाएगा तो काफी गंदगी एवं दूषित वातावरण हो जाएगा और मनुष्य को कई तरह की बीमारियां होने की संभावना हो जाएंगी ।

फैक्ट्रियों से केमिकल युक्त पानी निकलता है उस पानी को हमें वहीं पर एकत्रित करना चाहिए और उस पानी में से केमिकल को अलग करना चाहिए और पानी को फिल्टर करने के बाद ही उस पानी को बाहर छोड़ना चाहिए । यदि ऐसा नहीं किया गया तो वह दूषित पानी नालियों के माध्यम से नदी तालाबों में बह कर चला जाएगा और शुद्ध पानी को दूषित कर देगा । हमें प्रदूषण नियंत्रण पर विचार करते रहना चाहिए । हम सभी अपने माध्यम से किस तरह से पर्यावरण प्रदूषण को रोक सकते हैं , वातावरण को दूषित होने से रोक सकते हैं इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते रहना चाहिए ।

पर्यावरण दूषित होने से सिर्फ हमारी सोच रोक सकती है यदि हम मन से यह सोच लें कि हम अधिक से अधिक पेड़ लगाएंगे और उस पेड़ की देखरेख जब तक करेंगे तब तक कि वह पेड़ बढ़ा ना हो जाए क्योंकि वही पेड़ आसपास की विषैली गैस को अवशोषित करके शुद्ध   ऑक्सीजन हम सभी को देता है ।

मोटर वाहनों से हो रहे प्रदूषण पर नियंत्रण – मोटर वाहनों के माध्यम से बहुत अधिक प्रदूषण वातावरण में फैल रहा है जिसके द्वारा कई बीमारियां जन्म ले रही हैं । कई लोग उन बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं । आज हम देख रहे हैं कि हर व्यक्ति के पास मोटरसाइकिल उपलब्ध है । यदि उस व्यक्ति को थोड़ी सी दूरी पर कुछ सामान खरीदने के लिए जाना होता है तो वह मोटरसाइकिल से ही सामान खरीदने के लिए जाता है । मनुष्य छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा काम करने के लिए मोटरसाइकिल का उपयोग कर रहा है । जिसके कारण काफी प्रदूषण फैल रहा है ।

मोटरसाइकिल के कारण जो प्रदूषण फैल रहा है । उस प्रदूषण पर नियंत्रण सिर्फ और सिर्फ दो तरह से कर सकते हैं । पहला काम हमको यह करना चाहिए कि हम जब अधिक आवश्यकता पड़े तब हम मोटरबाइक का उपयोग करें । कुछ लोग बिना काम के ही मोटरसाइकिल दौड़ाते रहते हैं जिसका कोई मतलब भी नहीं होता है । यदि हम वातावरण को दूषित होने से रोकना चाहते हैं तो हमें यह कोशिश करना चाहिए कि हम मोटरसाइकिल का उपयोग कम से कम करें ।

पर्यावरण दूषित होने से हम सभी को हानिकारक बीमारियां होती हैं जिसके कारण हमारा शरीर कमजोर हो जाता है । यदि हम मोटरसाइकिल वाहन के द्वारा हो रहे प्रदूषण को रोकना चाहते हैं तो हम सभी लोगों को यह प्रण लेना चाहिए कि हम अधिक से अधिक पेड़ , पौधे लगाएं । हर व्यक्ति का यह दायित्व बनता है कि वह अपने पूरे जीवन में एक पेड़ अवश्य लगाएं और उस पेड़ की देखरेख अपने बच्चे के समान ही करें ।

जिस प्रकार से हम अपने बच्चे को पालते हैं उसी प्रकार से हमें अपने जीवन में एक पेड़ लगाकर उस पेड़ को पालना चाहिए क्योंकि आज हम जो शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त कर रहे हैं वह ऑक्सीजन हमें पेड़ों के माध्यम से प्राप्त हो रहा है ।  उन पेड़ों को भी किसी ने लगाए होंगे जिन पेड़ों से हम शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त कर रहे हैं यदि हम हमारी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध ऑक्सीजन देना चाहते हैं , शुद्ध वातावरण देना चाहते हैं तो हमें एक पेड़ अपने जीवन में अवश्य लगाना चाहिए जिससे कि वातावरण में शुद्ध ऑक्सीजन फैली रहे और सभी लोग घुटन की जिंदगी जीने के लिए मजबूर ना हो ।

प्राचीन समय में जब व्यक्ति पैदल चलता था तब वह स्वस्थ जीवन जीता था । किसी भी तरह की कोई भी बीमारी उसे नहीं होती थी । पर आज का व्यक्ति पैदल नहीं चलता है वह मोटरसाइकिल का आदी हो चुका है जिसके कारण उसके शरीर को छोटी-छोटी बीमारियां लगना प्रारंभ हो जाती हैं । जब वह छोटी बीमारी बड़ी बीमारी में तब्दील हो जाती है तब वह बीमारी हमारे शरीर को धीरे-धीरे नष्ट करने लगती है और हम और हमारा परिवार दोनों परेशानियों में घिर जाते हैं ।

इसलिए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण के लिए हमें आज से ही जागरूक हो जाना चाहिए । सबसे पहले हम सभी को अपने आप से यह प्रण करना चाहिए कि हम पेड़ पौधों की रक्षा करेंगे । पेड़ पौधों को यदि कोई नुकसान पहुंचाएगा तो उस व्यक्ति को रोकेंगे और उस व्यक्ति को जागरूक करेंगे कि पेड़ पौधों के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है तब जाकर के हमारे आसपास का  वातावरण प्रदूषित होने से बच जाएगा और जिससे  हमें शुद्ध और स्वच्छ वातावरण प्राप्त होगा ।

हमारी आने वाली पीढ़ी स्वच्छ वातावरण में जन्म लेगी और किसी भी तरह की कोई घातक बीमारी हमको नहीं होगी । जब किसी को बीमारी होती है तब उसका पैसा , समय बर्बाद होता है और यह बर्बादी सिर्फ इंसान के कारण ही होती है क्योंकि पर्यावरण प्रदूषण को फैलाने में सबसे ज्यादा इंसान का हाथ होता है और उस प्रदूषण के कारण मनुष्य , जीव जंतु को काफी हानि पहुंचती है ।

प्लास्टिक के सामान का एवं प्लास्टिक के बैग का उपयोग ना करके पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण – दोस्तों आज हम बाजार में कुछ भी सामान लेने के लिए जाते हैं तो हम मोटरसाइकिल उठाकर बाजार में सामान लेने के लिए निकल जाते हैं । जब सामान हम लेते हैं तब वह सामान प्लास्टिक पॉलिथीन मे रखकर हमें दिया जाता है और हम घर पर आकर सामान निकाल कर के उस पॉलिथीन को बाहर फेंक देते हैं जिसके कारण स्वच्छ वातावरण दूषित हो जाता है । प्लास्टिक पॉलिथीन को जब जानवर खा लेते हैं तब वह पॉलिथीन जानवरों के पेट में एकत्रित होती जाती है ।

पॉलिथीन कभी भी नष्ट नहीं होती है । जब कोई जानवर प्लास्टिक की बनी पॉलिथीन  को खा लेता है तब उस जानवर की मौत हो जाती है क्योंकि प्लास्टिक के कारण वातावरण दूषित होता है और जानवरों को भी कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं । यदि हम सभी लोग यह प्रण करें कि हम प्लास्टिक से बने हुए सामानों का उपयोग नहीं करेंगे और पॉलिथीन का उपयोग नहीं करेंगे तब पर्यावरण दूषित नहीं होगा और हमें स्वच्छ वातावरण प्राप्त होगा ।

हम सभी लोगों को आज पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होगी की हम किस तरह से पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण के उपायों का उपयोग करके वातावरण दूषित होने से रोक सकते हैं । हमें आज यह प्रण लेना चाहिए कि हम जब भी बाजार में सब्जी लेने के लिए जाएं , सामान लेने के लिए जाएं तो हम कपड़ों का बना हुआ बैग अपने साथ में लेकर के जाएं और हम दुकानदार से प्लास्टिक की बनी हुई पॉलिथीन नहीं लेंगे । यदि कोई प्लास्टिक की पॉलिथीन में रखकर सामान देता है तब हमें वह पॉलिथीन नहीं लेना चाहिए ।

जब फैक्ट्रियों में पॉलिथीन का निर्माण किया जाता है तब हानिकारक केमिकल को मिलाकर पॉलिथीन का निर्माण किया जाता है ।  फैक्ट्रियों में विषैले रसायनिक तत्व मिलाए जाते हैं जिससे कि हानिकारक विषैली गैस वातावरण को दूषित कर देती हैं । हमारे एक प्रण से प्रकृति का विनाश होने से रुक सकता हैं । हमें सिर्फ और सिर्फ आज एक प्रण लेना चाहिए कि हम बाजार से सामान लेने के लिए कपड़े का बना हुआ बैग अपने साथ में ले जाएंगे ।

भारत देश में भारत सरकार के द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए पॉलिथीन का उपयोग करना निषेध कर दिया है । यदि कोई व्यक्ति पॉलिथीन बैग का उपयोग करता पाया जाता है या पॉलिथीन में सामान देते हुए पकड़ा जाता है तब उसको जुर्माना भारत सरकार को देना होगा । जब कोई व्यक्ति  बार बार  पॉलिथीन बेचते  हुए पकड़ा जाता है तब उसको  कठोर दंड का प्रावधान भी भारत सरकार के द्वारा किया गया है ।

इस तरह से पूरी दुनिया में भारत की सरकार ने यह संदेश दिया है कि स्वच्छ वातावरण हम सभी के जीवन में बहुत आवश्यक है यदि हम आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ ऑक्सीजन , स्वच्छ वातावरण देना चाहते हैं तो आज हम सभी लोगों को कुछ स्वच्छता को लेकर कदम उठाने होंगे । प्लास्टिक के बने हुए खिलौनों को भी हमें नहीं खरीदना चाहिए । प्लास्टिक से बने हुए खिलौनों की जगह  पर हम सभी को मिट्टी के बने हुए खिलौनों को खरीदना चाहिए ।

मिट्टी के खिलौने से किसी भी तरह की कोई भी गंदगी नहीं होती है ।  जब हमारे आसपास का वातावरण शुद्ध स्वच्छ रहेगा तब हम सभी स्वच्छ वातावरण में सांस ले सकेंगे । पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण पाना  हमारा दायित्व है । पर्यावरण नियंत्रण से हम प्रकृति को हरा भरा कर सकते हैं और वातावरण में जो बीमारियां उत्पन्न हुई हैं उन बीमारियों को हम नष्ट कर सकते हैं । पेड़ पौधे हमारे जीवन में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं ।

पेड़ पौधों के बिना हमारा जीवन अधूरा है ।पेड़ पौधों की हरियाली से हमें आनंद प्राप्त होता है । पेड़ पौधों से हमें शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त होता है ।  जब हमें पेड़ पौधों से इतना अधिक फायदा है तब हमें यह निर्णय अवश्य लेना चाहिए कि हम पेड़ पौधों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लगाएंगे , लोगों को जागरूक करेंगे की पेड़ पौधों का हमारे जीवन में क्या महत्व होता है ।

सड़कों पर गंदगी ना फैलाकर पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण – आज हम जब बाजार में घूमने के लिए जाते हैं तब बाजार से कुछ खाने पीने का सामान लेते हैं ।  जब हम बचे हुए सामान को सड़कों पर फेंक देते हैं तब वहां पर गंदगी हो जाती है और मच्छर मक्खी उत्पन्न हो जाते हैं । जब वह मच्छर हमको काटता है तब हमें मलेरिया जैसी घातक बीमारी हो जाती है और हम बीमार पड़ जाते हैं ।हम सभी सड़कों पर होने वाली गंदगी को रोकने का प्रण ले तब पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण हम सभी मिलकर कर सकते हैं  ।

सड़कों पर हमें कहीं पर भी थूकना नहीं चाहिए बल्कि डस्टबिन में थूकना चाहिए । यदि हम किसी खराब वस्तु को फेंकना चाहते हैं तो उस वस्तु को हमें डस्टबिन मे ही  फेंकना चाहिए । जब हम सभी मिलकर प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए ऐसा करना प्रारंभ कर देंगे तब पर्यावरण प्रदूषण पर हम नियंत्रण प्राप्त कर सकेंगे  और वातावरण दूषित होने से बच जाएगा । हम सभी लोगों का यह दायित्व है कि हम कचड़े को एक व्यवस्थित स्थान पर ही डालें ।

यदि हम सभी स्वच्छ भारत अभियान के तहत जुड़ जाएं और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण के उपाय सीख कर , जानकर अपने जीवन में उपयोग करने लगे तो हम पर्यावरण प्रदूषित होने से रोक सकते हैं । हमें अपने घर के आस-पास फैल रही गंदगी को रोकना चाहिए यदि कहीं पर पानी रुका हुआ है तब हमें उस स्थान पर मिट्टी डालना चाहिए या उस पानी को वहां से आगे की ओर बहा देना चाहिए जिससे कि मच्छर , मक्खी उत्पन्न ना हो सके क्योंकि मच्छर मक्खी के कारण हमें कई बीमारी हो सकती हैं , डेंगू हो सकता है  जिसके कारण हमारी मौत भी हो सकती है ।

भारत देश में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण के निरंतर उपाय किए जा रहे हैं और भारत देश से पर्यावरण प्रदूषण पूरी तरह से नष्ट करने के उपाय किए जा रहे हैं ।

जंगलों , बगीचो को नष्ट होने से रोकने पर पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण –  हम पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण पाना चाहते हैं तो हम सभी लोगों को एक साथ मिलकर यह प्रण लेना चाहिए कि हम जंगलों को नष्ट होने से रोकेंगे । जंगलों में जो पेड़ लगे हुए हैं उन पेड़ों को कटने से रोकेंगे तब जाकर के हमें शुद्ध और स्वच्छ वातावरण प्राप्त होगा और हम एक चैन की सांस ले करके , अपना जीवन सही तरह से जिएंगे । बगीचों में हम सभी को छोटे-छोटे पौधे लगाना चाहिए ।

बगीचों में हमें तुलसी के पौधे अवश्य लगाना चाहिए जिससे कि हमारे आसपास का वातावरण स्वच्छ एवं शुद्ध रहे । तुलसी का हमारे जीवन में बड़ा महत्व होता है । सबसे शुद्ध पौधा तुलसी का माना जाता है क्योंकि तुलसी का पौधा हमें स्वच्छ वातावरण और शुद्ध वातावरण देता है । बगीचों के साथ-साथ हमें अपने घर पर भी गमले में तुलसी का पेड़ अवश्य लगाना चाहिए क्योंकि तुलसी का पेड़ हमारे आसपास के वातावरण को शुद्ध करता है ।

हमारे आसपास जो विषैली गैसे एकत्रित होती हैं उन विषैली गैसों को सिर्फ पेड़ पौधे ही अवशोषित कर सकते हैं ।

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