ताजमहल पर कविता Poem on taj mahal in hindi

Poem on taj mahal in hindi

Poem on taj mahal in hindi
Poem on taj mahal in hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों ताजमहल एक ऐसा ऐतिहासिक स्मारक है जिसे देश ही नहीं बल्कि विदेशों के लोग भी देखने के लिए जाते हैं इसकी सुंदरता वास्तव में देखने लायक है इसका रंग समय के साथ बदलता रहता है इसके चारों ओर हरियाली ही हरियाली है। यह आगरा के उत्तर प्रदेश में स्थित है वास्तव में हम सभी को एक बार ताजमहल जरूर देखना चाहिए। शाहजहां ने यह ताजमहल अपने महल के पीछे बनवाया था शाहजहां हमेशा शाम को ताजमहल देखते थे।

शाहजहां को ये बहुत ही अच्छा लगता था ताज महल के अंदर ही मुमताज महल की कब्र है शाहजहां के देहांत के बाद मुमताज महल की कब्र के पास में ही शाहजहां की कब्र बनाई गई वास्तव में ताजमहल शाहजहां और मुमताज महल की अमर प्रेम कहानी का एक प्रतीक है इसे हम कभी भी नहीं भूल सकेंगे। शाहजहां ने ताजमहल बनावाने के बाद कारीगरों के हाथ भी काट दिए थे जिससे दूसरा ताजमहल ना बन सके। आज ताजमहल पर राम प्रसाद शर्मा जी द्वारा लिखित ये कविता आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज की इस कविता को

अखिल विश्व की आन है ताज

आगरा की तो शान है ताज

शाहजहां ने इसे बनवाया

मुमताज प्रेम सर चढ़ाया

 

संगमरमर भी लगा सफेद

समझ ना आए इसका भेद

अमर प्रेम की है निशानी

सोए इसमें राजा रानी

 

देखने इसे पर्यटक आए

दांतो तले उंगली दबाये

विश्व धरोहर यह कहलाता

ताजमहल तो सब मन भाता

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