देश प्रेम पर छोटी कविता poem on desh prem in hindi

Swadesh prem poem in hindi

दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों हमारा भारत देश एक विशालकाय देश है भारत देश के लोगों को अपने देश के प्रति अपार प्रेम है। आज हम स्वतंत्र होकर चैन से सांस ले रहे हैं उन देश प्रेमी लोगों की वजह से ही ले रहे हैं जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने से पीछे नहीं हठे।

poem on desh prem in hindi
poem on desh prem in hindi

देश प्रेम से तात्पर्य अपने देश की हर एक वस्तु से प्रेम करना है देश की संस्कृति, वेशभूषा, भाषा, पेड़ पौधे, देश की मिट्टी, स्वदेशी वस्तुओ सभी से प्रेम करना है वास्तव में अगर हम अपने देश से प्रेम करेंगे तो देश तेजी से विकास करेगा, देश में फैली कई समस्याओं का निदान होगा आज हम देश प्रेम पर आप सभी के लिए कविता लेकर आएं है आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज की इस कविता को

जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा वो भारत देश है मेरा

जहां सत्य अहिंसा और धर्म का पग पग लगता डेरा

वो भारत देश है मेरा

 

ये धरती वो जहां ऋषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला

जहां हर बालक एक मोहन है और राधा हर एक माला

जहां सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा

वो भारत देश है मेरा

 

अलबेलो कि इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले

कहीं दिवाली की जगमग है कहीं है होली के मेले

जहां राग रंग और हंसी खुशी का चारों ओर है घेरा

वो भारत देश है मेरा

 

जब आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले

जहां किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले प्रेम की बंसी जहां बजाता है ये शाम सवेरा

वो भारत देश है मेरा                                                                                                                                                              राजेंद्र किशन

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