बैंकर्स पर कविता Poem on bankers in hindi
Poem on bankers in hindi
दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम देखें तो बैंक हमारी सुविधाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं बैंकों के जरिए हम पैसा निकाल सकते हैं, जमा कर सकते हैं, बैंकों से ऋण ले सकते हैं और धीरे-धीरे करके उस ऋण को हम चुका भी सकते हैं। बैंकों की वजह से ही जिनके पास मकान नहीं होते वह बैंकों से लोन लेकर मकान बनाते हैं, मोटर बाइक, कार आदि भी लोग बैंकों से उधार लेकर ले सकते हैं।
बैंकों ने वास्तव में हम सभी के लिए बहुत ही सुविधाजनक कर दिया है इसी के साथ में नए जमाने में डिजिटल बैंकिंग ने तो इस बैंकिंग सुविधाओं को और तेजी से फैला दिया है हम घर बैठे ही इन बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। बैंकों में कई बैंक के कर्मचारी भी होते हैं जो हमारी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। आज हम बैंकर्स पर एक कविता पढ़ने वाले हैं तो चलिए पढ़ते हैं आज की हमारी इस कविता को

दिन भर बैठा रहता हूं मैं बैंक में
पैसों से घिरा रहता हूं बैंक में
कोई सेविंग अकाउंट खुलवाता
कोई FD है खुलवाता
कोई भर भर के पैसा लाता
कोई भर भर के ले जाता
आजकल सबको बैंक ही बैंक नजर आते
किसी को मकान बनाना है तो
किसी को दुकान बनाना है
बैंक मैं सभी का स्वागत है
करता ना किसी को निराश है
दिनभर रहता हूं बैंक में
पैसों से घिरा रहता हूं बैंक में
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