दहेज प्रथा पर कविता Poem on dahej pratha in hindi
Poem on dahej pratha in hindi
dahej pratha kavita-दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं दहेज प्रथा पर हमारे द्वारा लिखी स्वरचित कविता.दोस्तों दहेज प्रथा समाज के लिए एक सबसे बड़ा दोष है यह समाज पर कलंक है.दहेज प्रथा के नाम पर बहुत सारे लुटेरे दूसरों को लूटते रहते हैं दहेज प्रथा हमारे समाज के लिए एक अभिशाप की तरह है यह हमारे देश की लड़कियों को बोझ समझने के लिए मजबूर करती है.
मां-बाप जब एक बच्ची पैदा करते हैं तो वह तभी से सोच लेते हैं कि इसके बड़े होने पर हमे दहेज में बहुत कुछ देना पड़ेगा यही सोचकर वह लड़की को बोझ समझते हैं और बहुत से लोग तो पैदा होने से पहले ही या पैदा होने के बाद भी बेचारी उस बच्ची को मार डालते हैं वास्तव में दहेज प्रथा जब तक खत्म नहीं होती तब तक हमारे देश का कुछ नहीं हो सकता.आज हम आपके लिए लाए हैं दहेज प्रथा पर लिखित हमारी एक कविता तो चलिए पढ़ते है हमारी इस कविता को
नन्ही सी परी धीरे-धीरे बड़ी हो रही
अब शादी उसकी करनी है
थोड़ी खुशियां हैं थोड़ा गम भी है
जुदाई की आएगी घड़ी
लड़के बालों की मांगो ने
लूट लिया है हमको
खुशी में भी गम में
डूबो दिया है हमको
दहेज की प्रथा कब तक चलती रहेगी
बेटियों को कब तक प्रताड़ना मिलती रहेगी
दहेज प्रथा को हरदम खत्म करते चलो
दहेज के लोभियों को जेल पहुंचाते चलो
जब तक लड़कियों को बोझ समझते रहोगे
लड़कों को तुम बेचते रहोगे
उनका तुम सोदा इसी तरह से करते रहोगे
तब तक ना तुम खुश रहोगे
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