प्लास्टिक प्रदूषण पर हिंदी निबंध Plastic pollution essay in hindi

Essay on polythene ki samasya in hindi

हेलो फ्रेंड्स कैसे हैं आप सभी, दोस्तों अक्सर स्कूल-कॉलेजों की परीक्षा में कई विषयों पर निबंध पूछे जाते हैं हमारा मकसद विद्यार्थियों की मदद करना है यहां पर लिखित निबंध से विद्यार्थी जानकारी लेकर अपनी स्कूल,कॉलेज की परीक्षा में निबंध लिख सकते हैं आज का हमारा निबंध प्लास्टिक प्रदूषण पर लिखा गया है आप इसे जरूर पढ़ें और प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरुक होकर इस प्रदूषण को होने से बचाएं जिससे हम हमारे देश को स्वच्छ रख पाएं चलिए पढ़ते हैं हमारे द्वारा लिखित आज के इस निबंध को

Plastic pollution essay in hindi
Plastic pollution essay in hindi

जमाना बदल रहा है इस जमाने के साथ मानव निरंतर तरक्की कर रहा है वह उन्नति की नई-नई ऊंचाइयों पर पहुंचता जा रहा है। आजकल के मनुष्य ने बहुत कुछ करके दिखा दिया है लेकिन बदलते इस आधुनिक युग में लोग भले ही तरक्की कर रहे हैं लेकिन तरक्की के नाम पर वह कई तरह के प्रदूषण भी फैला रहे हैं मनुष्य अपने थोड़े से लाभ के लिए प्लास्टिक प्रदूषण को फैला रहे हैं यह प्लास्टिक प्रदूषण हमारे बीच में आने वाले समय में गंभीर समस्या भी उतपन्न कर सकता है

प्लास्टिक ऐसे हानिकारक केमिकल से मिलकर बनी होती है जो मनुष्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक होती है।ये मनुष्य के संपर्क में आए तो इससे कई सारी गंभीर बीमारियां होने के खतरे होते हैं प्लास्टिक वाकई में जानलेवा है यह आसानी से नष्ट नहीं होता अगर 2 सालों तक भी प्लास्टिक को जमीन में गाड़ दिया जाए तो वह ज्यों का त्यों हमें वापस प्राप्त हो जाएगा क्योंकि वह नष्ट नहीं होता।

आज हमारी सुविधाओं की वजह से प्लास्टिक का हम सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं अगर हम कोई भी सामान लेने जाते हैं तो प्लास्टिक की बनी थैली या फिर थेलों में रख कर लाते हैं, किसी को खाना भेजते हैं तो प्लास्टिक से बने हुए टिफिन में खाना रख कर भेजते हैं, कूलर पंखा, TV, घर की और भी कई तरह की सामग्री सभी प्लास्टिक से बनी होती हैं। आज हम इस प्लास्टिक की दुनिया से चारों ओर से घिरे हुए हैं प्लास्टिक की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है इस प्लास्टिक की समस्याओं को खत्म करने के लिए कई तरह के अभियान भी चलाए जाते हैं लेकिन जब तक लोग जागरुक ना हो तब तक इस प्रदूषण को कौन खत्म सकता है।

हम लोग सब समझते हैं लेकिन फिर भी नहीं मानते क्योंकि प्लास्टिक हमारे लिए सुविधाजनक हो गई है। हम अगर कुछ सामान लेने जाते हैं तो जानबूझकर घर से बैग नहीं ले जाते हम दुकानदार से प्लास्टिक की थैली में सामान रखने की कहते हैं यह आदत हमारे पर्यावरण के लिए, हमारे लिए घातक साबित हो सकती है इस आदत की वजह से प्लास्टिक की समस्या दिनादिन हमारे देश में फैली हुई है

प्लास्टिक से दुष्प्रभाव

प्लास्टिक वास्तव में बहुत ही हानिकारक होती है इससे एक नहीं बहुत सारे दुष्प्रभाव होते हैं प्लास्टिक की थैली का हम उपयोग करके इधर उधर फेंक देते हैं जिस वजह से यह नदी, नालों, झील आदी में मिलकर उसको प्रदूषित करती है इससे जल तो प्रदूषित होता ही है साथ में जल में रहने वाले जीव जंतु भी नष्ट हो जाते हैं दरअसल वह जीव जंतु भोजन समझकर उसको निगल जाते हैं लेकिन यह उनके लिए खतरनाक साबित होती है और जलीय जीवों की मृत्यु तक हो जाती है

इसके अलावा हम यदि इधर-उधर प्लास्टिक की बनी हुई थैली को फेंक देते हैं तो कई जानवर उनको भोजन के साथ निगल जाते हैं और यह प्लास्टिक निगलने से उनको सांस लेने में या उनमें और भी समस्याएं पैदा कर देती हैं जिससे उनका जीवन नष्ट हो जाता है और बेचारे वो जीव जंतु तड़प तड़प के मर जाते हैं

अगर लोग सोचते हैं कि इस प्लास्टिक को खत्म करने के लिए हम उनको जलादे तो ये और भी खतरनाक हो सकते हैं क्योंकि इसका धुआ हममें कई गंभीर रोग पैदा कर सकता है यह कैंसर तक के गंभीर रोग को पैदा करता है इसके अलावा यह वायुमंडल में मिलकर वायु प्रदूषण करता है और हमारे लिए खतरनाक साबित होता है

अगर प्लास्टिक को हम जमीन में गाड़ देते हैं तो यह आसानी से नष्ट नही होती यह भूमि को भी बंजर बना देता है और भूमि प्रदूषित कर देती है जो हमारे लिए बहुत ही हानिकारक साबित होता है कहने का तात्पर्य है की ये धरती माता के लिए भी नुकसानदायक है। धरती माता हर एक चीज को अपने में समा लेती हैं लेकिन प्लास्टिक धरती माता को ही नुकसान पहुंचा देता है
इसके अलावा छोटे बच्चों की दूध के निप्पल की बोतल एवं खेल खिलौने, पानी की बोतल ये सभी प्लास्टिक के बने होते हैं।

बहुत से लोग अपने बच्चों को प्लास्टिक की बोतलों से दूध पिलाते हैं वह इसका लंबे समय तक उपयोग करते हैं जिस वजह से प्लास्टिक के हानिकारक पदार्थ कई सारी परेशानियों खड़ी करते हैं यह हमारे लिए काफी नुकसानदायक साबित होते हैं इसलिए हमें इस प्लास्टिक से बचना चाहिए।

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को रोकने के उपाय

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को रोकने की बेहद जरूरत है क्योंकि इससे हमें कई तरह के नुकसान हो रहे हैं इसे रोकने के लिए हमें कुछ उपाय करने की जरूरत है जो हम निम्नलिखित बिंदुओं में जानेंगे

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए हमें चाहिए कि हम कम से कम प्लास्टिक का उपयोग करें या इसका बहिष्कार करें

हमें चाहिए कि हम जब भी किसी दुकान पर जाएं तो कागज या अपने घर में रखे थेलो को सामान लेने के लिए साथ में ले जाएं क्योंकि ज्यादातर लोग ऐसा करते हैं कि वह सामान लेने जाते हैं लेकिन अपने थैले को साथ नहीं ले जाते वह दुकानदार से प्लास्टिक की बनी हुई थैली में सामान रखकर लाते हैं जिससे यह प्लास्टिक का ज्यादा उपयोग करके अपने जीवन को खतरे में डालते हैं हमें ऐसा ना करते प्लास्टिक का बहिष्कार करना चाहिए

हमें चाहिए कि हम प्लास्टिक के थैले, पॉलिथीन का उपयोग ना करें और कागज से बने हुए थेलो, कपड़ों से बने हुये थैलो का उपयोग करे तो हम इस प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से आने वाले भविष्य को बचा सकते हैं।

हमें देश के सच्चे नागरिक की तरह इस और जागरुक होने की जरूरत है क्योंकि जब हर एक नागरिक जागरूक होगा तभी देश इस तरह प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से बच सकेगा

हमें अपने खुद के साथ में अपने परिवार वालों को भी इस ओर जागरुक करना चाहिए कि प्लास्टिक का उपयोग ना करें अगर कोई सामान ले जाना है तो घर से कपड़े का बैग ले जाएं। अगर हर कोई नागरिक इसी तरह जागरुक हो तो वास्तव में एक बड़ी सफलता मिल सकती है और हम प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं

बच्चे देश का भविष्य होते हैं अगर यह जागरूक हैं तो वास्तव में देश तेजी से विकास करेगा हमें चाहिए कि इस विषय पर स्कूल-कॉलेजों में निबंध, प्रतियोगिता रखी जाए इससे बच्चे जागरूक हो और प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को समझकर इसे रोकने में मदद करें और इसका उपयोग ना करें

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए हमें चाहिए कि हम प्लास्टिक को इधर उधर ना फेकें या नदी, नालों, झीलों में ना फेंके क्योंकि इससे जीव-जंतु नष्ट होते हैं उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है साथ में जल प्रदूषण भी होता है

हमें चाहिए कि अगर हम किसी भी जानवर को कुछ खाना खिलाएं तो प्लास्टिक से बनी हुई पॉलिथीन में उन्हें खाना रखकर ना दे क्योंकि अनजान जानवर इन पॉलिथीन को भी निगल जाते हैं जिससे उनको सांस लेने में प्रॉब्लम आती है यह पॉलिथीन उनके पेट में जाकर कई तरह की गंभीर बीमारियों को जन्म देती हैंप्लास्टिक ज्यादा होने पर यह जलाएं बिल्कुल भी नहीं क्योंकि इससे यह वायुमंडल में जब पहुंचती है और वायु प्रदूषण होता है और इससे हमें कई तरह की गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हमें खुद के साथ में अपने आस पड़ोस वालों को भी जागरुक करना चाहिए, उन्हें इस प्लास्टिक के प्रदूषण से होने वाले खतरों के बारे में बताना चाहिए और प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरुक होकर इसे खत्म करने के लिए प्रयत्न करना चाहिए

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