पहला सुख निरोगी काया कविता Pehla sukh nirogi kaya poem in hindi

pehla sukh nirogi kaya poem in hindi

दोस्तों जीवन में बहुत सारे लोग होते हैं जिनके पास धन संपत्ति होती है एवं और भी बहुत कुछ होता है लेकिन वो अपने जीवन में सुख से नहीं रह पाते हैं इसके कई कारण होते हैं। बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास अपार धन-संपत्ति होते हुए भी वह अपने शरीर को स्वस्थ नहीं रख पाते हैं। वास्तव में यदि आपका शरीर निरोगी है तो आपके पास अपार धन-संपत्ति ही है और जिसके पास अपार धन-संपत्ति होते हुए भी शरीर स्वस्थ नहीं है उसके पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं होता क्योंकि पहला सुख निरोगी काया ही है।

जीवन में हमें सबसे पहले निरोगी जीवन जीने के बारे में सोचना चाहिए उसके बाद ही आगे कुछ सोचना चाहिए। आज हमने एक बहुत ही अच्छी कविता लिखी है आप इस कविता को जरूर पढे तो चलिए पढ़ते हैं आज की हमारी इस कविता को

हर किसी के जीवन में दुख रहता है

सुख के लिए मनुष्य मेहनत करता रहता है

पेड़ के नीचे होती है छाया

पहला सुख होता है निरोगी काया

 

रोगी काया हो तो सब व्यर्थ होता है

कितना भी धन हो सब व्यर्थ ही होता है

मन को पवित्र रखना जरूरी होता है

शरीर को स्वस्थ रखना भी जरूरी होता है

 

सुख के समुंदर में रहना चाहते हैं

हर पल तुम खुश रहना चाहते हैं

पेड़ के नीचे होती है छाया

पहला सुख होता है निरोगी काया

दोस्तों मेरे द्वारा लिखी यह कविता आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं। यदि यह कविता आपको पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें।

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