पर्यावरण की आत्मकथा Paryavaran ki atmakatha in hindi essay

Paryavaran ki atmakatha in hindi essay

Paryavaran – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पर्यावरण की आत्मकथा के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर पर्यावरण की आत्मकथा के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Paryavaran ki atmakatha in hindi essay
Paryavaran ki atmakatha in hindi essay

पर्यावरण की आत्मकथा के बारे में – मैं पर्यावरण बोल रहा हूं , मैं पूरी दुनिया को स्वच्छ और एक सुंदर वातावरण प्रदान करता हूं । मैं मानव के जीवन से लेकर सभी जीवित जीव जंतु के जीवन में एक स्वच्छ वातावरण देता हूं । मेरा नाम पर्यावरण रखा गया है । मेरे नाम की उत्पत्ति दो शब्दों से की गई है पहला शब्द परी जिसका शाब्दिक अर्थ होता है हमारे आसपास , दूसरा शब्द आवरण जिसका शाब्दिक अर्थ हमारे चारों ओर है । दोनों शब्दों को मिलाकर पर्यावरण यानी मेरे नाम की उत्पत्ति हुई है ।

मुझ में जीवित संगठनों मे स्थित सभी सूक्ष्म जीवाणु से लेकर सभी जीव जंतु , कीड़े मकोड़े , पेड़ पौधे और उनसे जुड़ी हुई सभी जीव क्रियाएं एवं प्रतिक्रियाएं  शामिल हैं । मेरे द्वारा ही यह दुनिया एक सुंदर दिखाई देती है । मेरे द्वारा ही मनुष्य को  एक अच्छा जीवन प्राप्त होता है । मैं अपनी सुंदरता से मनुष्य के जीवन को खुशियों से भर देता हूं । मुझमें अजैविक संघट के निर्जीव तत्व और उन सभी निजी तत्वों से जुड़ी हुई प्रक्रियाएं शामिल हैं । मुझमें चट्टानी पर्वत , हवा नदी और चारों तरफ की जलवायु शामिल है ।

इन सभी पर्वत चट्टानों को मैं एक सुंदर वातावरण प्रदान करता हूं और यह प्रकृति सुंदर और अद्भुत चमत्कारी दिखाई देती है । मैं एक सुंदर वातावरण बनाए रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता हूं । पर मनुष्य के माध्यम से जो समस्त क्रियाएं की जा रही है उन सभी क्रियाओं के कारण मैं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रहा हूं । कहने का तात्पर्य यह है कि मैं एक सुंदर और अद्भुत वातावरण देने में असमर्थ होता जा रहा हूं क्योंकि मनुष्य मेरी सुंदरता को उजाड़ने में लगा हुआ है । यदि आज मनुष्य के द्वारा की गई  गलत क्रियाओं को रोका नहीं गया तो आने वाले समय में मैं बर्बाद होने के कगार पर खड़ा हो जाऊंगा जिसका असर मानव जाति से लेकर जीव जंतु , पेड़ पौधों पर दिखाई देगा ।

मेरा यही कहने का मतलब था कि यदि मनुष्य ने पेड़ों को काटना , जंगल को नष्ट करना बंद नहीं किया तो मैं एक स्वच्छ और सुंदर वातावरण नहीं दे पाऊंगा क्योंकि मैं सुंदर पेड़ पौधों हरियाली के कारण ही एक सुंदर वातावरण देने में कामयाब होता हूं । यदि मनुष्य के द्वारा पेड़ पौधे को नष्ट किया गया तो आने वाले समय में इसका खामियाजा मनुष्य को भुगतना पड़ेगा । मेरे और जीव के बीच एक गहरा संबंध है । यदि प्रकृति को सुंदरता देना है तो मनुष्य  को मेरे प्रति दया भाव की भावना रखकर प्रकृति को सुंदर बनाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाने होंगे ।

जब मनुष्य ने अपने ऐसो आराम को पूरा करने के लिए प्रकृति को नष्ट करना प्रारंभ कर दिया तब मुझे दो भागों में बांट दिया गया था । पहला भाग प्राकृतिक या फिर नैसर्गिक पर्यावरण कहां गया था और दूसरा मानव निर्मित पर्यावरण कहां गया था । मेरे परिवर्तन के कारण प्रदूषण और जलवायु में परिवर्तन होता है । मेरे परिवर्तन के कारण ही मनुष्य और जीव जंतुओं को नुकसान का सामना करना पड़ता है । मैं मनुष्य से यह आशा करता हूं कि वह मुझे स्वच्छ बनाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए और सभी मानव जाति एकजुट होकर पर्यावरण यानी मुझे एक स्वच्छ और सुंदर वातावरण प्रदान करें ।

मैं जब मनुष्य का साथ प्राप्त कर लूंगा तब मैं इस प्रकृति को सुंदर बना पाने में सफल रहूंगा । मैं जब प्रदूषित हो जाता हूं तब लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है । जहां तक की सभी लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होती है इसीलिए मनुष्य  मुझे स्वच्छ रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएं । जिससे कि एक स्वच्छ वातावरण बनेगा और प्रदूषण फैलने से भी रुक जाएगा ।मुझे स्वच्छ बनाए रखने के लिए पूरी दुनिया में एक जागरूकता अभियान भी प्रारंभ किया गया है जिस अभियान में सभी देशों के लोग जुड़े हुए हैं क्योंकि मेरे बिना एक सुंदर जीवन और स्वच्छ वातावरण की कल्पना नहीं की जा सकती है ।

यदि मनुष्य अपने जीवन को एक बेहतर जीवन बनाना चाहता है तो उसे मुझे एक अच्छा वातावरण देना होगा । जो लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति को नष्ट कर रहे हैं उन लोगों को यह समझाना चाहिए कि यदि यह प्रकृति नहीं रहेगी तो हम भी नहीं रहेंगे ।

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह बेहतरीन लेख पर्यावरण की आत्मकथा यदि Paryavaran ki atmakatha in hindi essay आपको पसंद  आए तो सबसे पहले आप  सब्सक्राइब करें । इसके बाद अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों में शेयर करना ना भूलें । दोस्तो यदि आपको इस आर्टिकल में कुछ गलती या कमी नजर आती है तो आप हमें उस कमी के बारे में जरूर अवगत कराएं जिससे कि हम उस कमी को दूर करके यह आर्टिकल आपके समक्ष पुनः अपडेट कर सके धन्यवाद ।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *