ओजोन के बारे में आत्मकथा ozone ke bare me atmakatha in hindi
ozone ke bare me atmakatha in hindi
दोस्तों आज हम पढ़ेंगे ओजोन परत की आत्मकथा। मेरे द्वारा लिखा यह एक काल्पनिक आर्टिकल है जिससे जानकारी लेने के लिए लिखा गया है आप इसे पढ़ें और इस बारे में जानकारी लें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे ओजोन परत पर लिखे इस लेख को।
मैं ओजोन परत हू मैं सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से मनुष्य, जीव जंतुओं, पेड़-पौधों आदि की रक्षा करती हूं। यदि मैं ना होती तो सूर्य से आने वाली पराबैगनी हानिकारक किरने वायुमंडल में प्रवेश कर जाती और सभी जीव जंतु, पेड़-पौधों, मनुष्य आदि को नुकसान होता। मनुष्य में कई तरह की बीमारी जैसे कि कैंसर, श्वास संबंधी बीमारियां एवं कई अन्य बीमारियां भी होती जिससे मनुष्य को जीवन यापन करना काफी मुश्किल होता।
ओजोन परत यानी मेरी रक्षा करना सभी जीव-जंतुओं, मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है इन सभी को कभी भी ऐसे क्रियाकलाप नहीं करना चाहिए जिससे मेरी परत में छिद्र हो क्योंकि यदि मेरी परत में छिद्र हो गए तो सभी जीव जंतु, पेड़ पौधों को इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है।आज हम देखें तो मनुष्य अपने क्रियाकलापों की वजह से दिन प्रतिदिन मुझे नुकसान पहुंचा रहा है।
मनुष्य को प्रदूषण को रोकना चाहिए यदि प्रदूषण दूर होगा तो मेरा छेद बड़ा नहीं होगा और मैं सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोक सकूंगी। अक्सर स्कूल की किताबों में मेरे बारे में विस्तृत पूर्वक बताया जाता है शिक्षक भी मेरे बारे में समझाते हैं लोग पढ़ तो लेते हैं लेकिन बहुत ही जल्द इन जरूरी बातों को भूल जाते हैं। बहुत ही कम लोग होते हैं जो मेरी सुरक्षा के बारे में सोचते हैं और अपनी प्रकृति के लिए एक अच्छा कदम उठाते हैं।
आज मानव समाज में कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं कई बीमारियां मुझ में छेद होने के कारण भी होती हैं। मानव को इस बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है और कुछ बड़े कदम उठाने की जरूरत है। मैं ओजोन परत हमेशा ऐसे लोगों से खुश रहती हूं जो मेरी सुरक्षा के बारे में सोचते हैं क्योंकि मेरी सुरक्षा होगी तो हर एक जीव जंतु, मनुष्य, पेड़ पौधों की सुरक्षा होगी ऐसे लोग मानव कल्याणकारी होते हैं।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा ओजोन परत की आत्मकथा पर आर्टिकल आपको कैसा लगा। इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें।