टाँगे वाला कैसे बना अरबपति M.D.H. masala owner history in hindi
M.D.H. masala owner history in hindi
M.D.H. masala owner history in hindi-दोस्तों आज में आपको जिस इन्सान के बारे में बताने वाला हु,उसको आज हर कोई जानता है,हम सभी सब्जी में मसाला तोह use करते ही है,”MDH masala” जो की आज एक famous मसाला है,जो की मसालों का king है जिसे हम सभी पसंद करते है,क्या आप जानते है की इस company के मालिक MDH ने kaise इस company को शिखर पर पहुचाया,आखिर kaise एक टाँगे वाला एक विशाल company का मालिक बना और billioner बन गया.आज हम आपके साथ share करेंगे इनकी प्रेरणादायक life story.

MDH जिनका पूरा नाम महाशय धरमपाल हट्ठी है,ये सियालकोट(जो अब पाकिस्तान में है) के रहने वाले है,ये जिस जगह में रहते थे वोह जगह अब पाकिस्तान में आती है,इनके पापा का नाम महाशय चुन्नीलाल था,इनके पापा ने इन्हें एक स्कूल में दाखिला दिलवाया लेकिन पढाई में इनका बिलकुल भी मन हीं लगता था,पढाई में मन ना लगने के कारण आखिर इन्होने पढाई छोड़ ही दी,इनके पापा ने इन्हें एक वडई की दूकान पर रख दिया,इन्होने लगभग एक या 2 month work किया लेकिन इसमें भी मन ना लगने के कारण इसे छोड़ दिया,फिर इनके पापा ने इन्हें एक और काम करने को कहा.
आप यकीन नहीं करोगे की इस इन्सान ने 15 साल में कम से कम ५० काम करके छोड़ दिए लेकिन इनका किसी भी काम में भी मन नहीं लगा.फिर इनके पापा ने इन्हें मसाले बेचने का काम करने को कहा ये अपनी दूकान से मसाला बेचते थे,इनका इस काम में मन भी लगा लेकिन उस समय पूरे भारत में चारो ओर दंगे हो रहे थे,ये उस समय की बात है जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान अलग अलग हुए थे,ये जिस जगह पर थे वोह हिस्सा पाकिस्तान के हिस्से में आया था तोह ये हिन्दू होने के कारण वहा से बड़ी मुश्किल से बच कर आये.
delhi में इनके कुछ relatives रहते थे,इन्होने उनकी help ली,और delhi में रहने लगे,लेकिन वह अपनी जमीन जायेदाद और सब कुछ छोड़ आये थे जिस वजह से इनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब थी,वो सोचने लगे की अब तोह कुछ करना ही होगा वरना मेरे parivar का क्या होगा,उसी time इन्होने एक तांगा लिया और delhi की सड़को पर तांगा चलाने लगे,इन्होने तांगा कुछ महीनो तक चलाया और थोडा बहुत पैसा भी कमाया लेकिन ये अपनी zindgi में संतुष्ट नहीं थे,इसलिए इन्होने कुछ month बाद टाँगे का काम भी छोड़ दिया.
फिर इन्होने अपना पुराना काम फिर से शुरू कर दिया,वोह फिर से मसाला बनाने लगे,बाजार से मसाला लेते और उसे पीसकर लोगो को बेचते थे,लोग उनके मसालों के fan हो गए क्योकि इनका मसाला बिलकुल शुद्द था,जब इनके पास मसाले के ज्यादा order आने लगे तोह ये अपना मसाला चक्की से पिसवाने लगे.
ऐसा सुना है की एक बार इन्होने अपने मसाले में चक्की वाले द्वारा कुछ मिलाते हुए देख लिया तोह इन्होने उसी time फेसला लिया की अब तोह में मसाले पीसने वाली मशीने लगाकर ही रहूँगा वस् फिर क्या था इन्होने कुछ मशीने लगा ली,उनके द्वारा मसाला पीसा जाने लगा,इनका मसाला लोगो को पसंद आने लगा और धीरे धीरे इनका मसाला पूरी delhi में famous हो गया फिर इनका मसाला अन्य दुसरे राज्यों में भी बिचने लगा फिर पूरे भारत में इनके मसाले के लोग दीवाने हो गए और इस तरह एक tange wala arabpati ban gaya.
दोस्तों इनकी कहानी आप लोगो के साथ share करने का मेरा सिर्फ एक ही मकसद है की आप लोगो को इनके jeevan से जीवन में आगे बढने की प्रेरणा मिल सके.
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