नेपोलियन बोनापार्ट की जीवनी व् इतिहास Napoleon bonaparte biography in hindi

Napoleon bonaparte biography in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाये है  नेपोलियन बोनापार्ट की जीवनी व इतिहास को .  चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को बड़े ही ध्यान से पढ़ते हैं . पढ़ने के बाद हमें नेपोलियन बोनापार्ट की जीवन के बारे में पता चलेगा .

napoleon bonaparte biography in hindi
napoleon bonaparte biography in hindi

जन्म स्थान व परिवार – नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त 1769 को फ्रांस के अजाशियो में हुआ था . उनके पिता का नाम कार्लो बोनापार्ट था . इनके चार भाई एवं तीन बहन थी . यह अमीर परिवार से ताल्लुक रखते थे . इनका विवाह 9 मार्च 1796 को जोसेफाइन के साथ हुआ था . जोसेफाइन से उनकी कोई संतान नहीं हुई थी जिसके कारण नेपोलियन को दूसरा विवाह करना पड़ा था . नेपोलियन ने दूसरा विवाह ऑस्ट्रेलिया के सम्राट की पुत्री मेरी लुईस से किया था .  मेरी लुईस से उनकी संतान भी है , मेरी लुईस के द्वारा यह पिता  बने थे .

शिक्षा – नेपोलियन ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई फ्रांस के अजाशियो से की थी . इसके बाद उनके परिवार वालों ने उनको सैनिक की शिक्षा दिलाने के लिए फ्रांस की सेना अकैडमी में भर्ती करा दिया था और  वहां से उन्होंने सैनिक शिक्षा का प्रशिक्षण लिया . इसके बाद नेपोलियन के अंदर सैन्य शक्ति का विकास हुआ था .  नेपोलियन  1784 को तोपखाने से संबंधित विषयों का अध्ययन करने के लिए पेरिस चले गए थे . पेरिस के ही एक कॉलेज में उन्होंने एडमिशन लिया और वहां से तोपखाने  से संबंधित विषयों का अध्ययन पूरा किया था .

पेरिस से जब नेपोलियन ने तोपखाने  की पढ़ाई पूरी कर ली थी . इसके बाद उनकी प्रतिभा और शक्ति को देखकर फ़्रांस ने नेपोलियन  को तोपखाने में  नौकरी दे दी थी और नेपोलियन को इस नौकरी के बदले ढाई सीलिंग का वेतन प्रतिदिन मिलता था .  सेना के प्रति इच्छाशक्ति को देखते हुए नेपोलियन को आंतरिक सेना का सबसे बड़ा सेनापति बना दिया गया था .

नेपोलियन के द्वारा लड़े गए युद्ध – नेपोलियन ने अपनी शक्ति और बुद्धि से कई युद्ध जीते थे . नेपोलियन ने अपने युद्ध कौशल से फ्रांस को विदेशी सत्रु  से मुक्त किया था . जब नेपोलियन की उम्र 27 वर्ष की थी तब नेपोलियन को फ्रेंड्स आर्मी ऑफ इटली का सेनापति बना दिया गया था . जब नेपोलियन को फ्रेंड्स आर्मी ऑफ इटली का सेनापति बनाया गया था तब नेपोलियन ने सार्डिनिया  से अपना पहला युद्ध किया था और इस युद्ध को अपनी शक्ति से जीत लिया था .

नेपोलियन ने जीता हुआ सार्डिनिया फ्रांस को दे दिया था . नेपोलियन ने अपना अगला लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया पर आक्रमण करने का बनाया था और नेपोलियन ने वहां के सम्राट को संधि की अपमानजनक शब्दों को स्वीकार करानेे हेतु बाध्य बनाया गया था . इसके बाद नेपोलियन ने टोलेंटिण्ड की संधि पर पॉप के हस्ताक्षर करवाकर फ़्रांस के अधीन  रहने पर मजबुर कर दिया था .

नेपोलियन की ताकत और शक्ति को देखते हुए फ्रांस ने नेपोलियन को इंग्लैंड पर आधिपत्य हासिल करने के लिए भेज दिया था लेकिन इंग्लिश चैनल की बांधा के कारण  नेपोलियन की  पराजय हुई थी . इसके बाद नेपोलियन ने मिस्र को विजित किया , मिस्र पर जीत हासिल करने के बाद नेपोलियन ने एशिया में स्थित ब्रिटिश उपनिवेशको को भी अपने अधीनस्थ करने का निश्चय कर लिया था .

1798 में नेपोलियन अपनी 35000 प्रशिक्षित सेना को लेकर एशिया में स्थित ब्रिटिश उपनिवेशको से युद्ध छेड़ दिया था . इस युद्ध के रास्ते में जो भी राज्य पड़ा उस पर भी नेपोलियन ने अपनी जीत हासिल की थी . नेपोलियन ने रास्ते में  माल्टा , सिकंदरिया , पिरामिड , नील नदी की संपूर्ण घाटी पर भी कब्जा कर लिया था .

इस युद्ध को जीतने के बाद नेपोलियन की नजर भारत पर पड़ी और वह भारत पर अपना आधिपत्य जमाने के लिए आगे बढ़ रहा था लेकिन जैसे ही नेपोलियन ने अपने कदम भारत की ओर बढ़ाएं वैसे ही ब्रिटिश नौसेना की शक्ति से उसके कदम डगमगाने लगे . नेपोलियन यह जान चुका था कि भारत पर आधिपत्य जमाना आसान नहीं है और ब्रिटिश सेना ने उस को परास्त कर दिया था . इस तरह से नेपोलियन ने कई देशों पर अपना आधिपत्य जमाया था .

इसके बाद नेपोलियन फ्रांस की धरती पर वापस चला गया था . वहां पर उसने अपनी एक राजनीतिक सरकार बनाई थी और उस राजनीतिक सरकार का नाम नवीन कंसुलेट  रखा था . नेपोलियन ने फ्रांस में खुद को शासक घोषित कर दिया था . फ्रांस की जनता ने नेपोलियन को 15 दिसंबर 1799 को अपना सम्राट स्वीकार कर लिया था .

जैसे ही नेपोलियन के हाथ में फ़्रांस की सत्ता  आई  उसने सबसे पहले वहां का संविधान निरस्त किया . इसके बाद उसने अपना एक नया संविधान बनाया और सभी लोगों पर वह संविधान लागू किया था . 1804 को सीनेट ने अपने प्रस्ताव में नेपोलियन को फ़्रांस  का सम्राट मान लिया था  .

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख नेपोलियन बोनापार्ट की जीवनी  napoleon bonaparte biography in hindi आपको पसंद आए तो सब्सक्राइब अवश्य करें धन्यवाद .

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *