स्वयं पर निबंध Myself essay and poem in hindi

Myself essay in hindi

mera parichay essay in hindi-दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं स्वयं पर एक निबंध दोस्तों अक्सर स्कूल में विद्यार्थियों से स्वयं पर यानी अपने आप पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है हमारे द्वारा लिखित इस निबंध से विद्यार्थी निबंध का प्रारूप समझकर अपने बारे में निबंध स्वयं लिख सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस निबंध को

Myself essay and poem in hindi
Myself essay and poem in hindi

मेरा नाम अजय है मैं कक्षा आठवीं का छात्र हूं मुझे पढ़ाई करना बहुत पसंद है मेरी उम्र 12 साल है मेरे एक भाई और एक बहन है दोनों मुझसे बड़े हैं वह दोनों अलग-अलग कमरे में सोते हैं लेकिन मैं अपने दादा जी के साथ सोता हूं क्योंकि मैं घर में सबसे छोटा हूं। मैं सुबह 4:00 बजे जागता हूं फिर एक्सरसाइज करता हूं और जल्दी सुबह नहाकर पढ़ाई करता हु। सुबह 8:00 बजे तैयार होकर नाश्ता करके मैं स्कूल जाता हूं कभी कभी शुरुआत में मेरी आदत थोड़ी देर से जागने की थी लेकिन मेरे पापा ने मेरी जल्दी जागने की आदत डाली।

अब मैं सुबह जल्दी जागकर अपने और काम करता हूं। स्कूल में मैं क्लास का मॉनिटर हूं जब भी हमारे सर क्लास से बाहर चले जाते हैं तो सभी स्टूडेंट्स मदद के लिए मेरे पास ही आते हैं। दोपहर को 1:00 बजे मैं वापस अपने स्कूल से आता हूं और दोपहर में क्रिकेट भी खेलता हूं। क्रिकेट मेरा पसंदीदा खेल है क्रिकेट खेलने के बाद मैं गणित की कोचिंग भी जाता हूं क्योंकि मेरा गणित थोड़ा सा कमजोर है। शाम को मैं अपने दादा जी के साथ पास के पार्क में भी घूमने के लिए जाता हूं वहां पर मेरी तरह और भी स्कूल के विद्यार्थी आते हैं।

कुछ विद्यार्थी वहां पर पढ़ाई करते हैं तो कुछ खेलकूद भी करते हैं। मेरी पार्क के पास से पार्क में आने वाले कुछ लड़कों से भी अच्छी दोस्ती हो चुकी है हम पार्क में घूमकर फिर वापस लगभग 1 घंटे बाद हम अपने घर आ जाते हैं घर पर मैं अपनी मां का बना हुआ खाना खाता हूं मां मुझे अपने हाथों से खाना खिलाती है फिर मैं अपने दादा जी के साथ उनके कमरे में चला जाता हूं और दादाजी मेरी पढ़ाई करने में मदद करते हैं।

दादाजी हमेशा मेरा साथ देते हैं मुझे सपोर्ट करते हैं जब भी मुझे कुछ समझ नहीं आता तो वह मेरी मदद करते हैं अगर मैं छोटी मोटी गलती कर देता हूं और पापा मुझे डांटते है तो दादा जी ही मेरे पापा जी को समझाते हैं और मुझे भी प्यार से समझाते हैं जिससे मैं आइंदा गलती नहीं करता। मैं रात में लगभग 10:30 बजे तक पढ़ाई करता हूं जब हमारे स्कूल की रविवार की छुट्टी होती है तो मुझे बहुत खुशी होती है क्योंकि रविवार के दिन हम क्रिकेट और दिनों से ज्यादा खेलते हैं कभी-कभी मेरे साथ मेरे मम्मी पापा भी खेलते हैं मैं अपने जीवन में बहुत खुश हूं।

स्वयं पर कविता myself poem in hindi

प्यारा हूं में अनजाना हूं मैं
जीने का सहारा हु में
इस दुनिया से न्यारा हूं मैं
दादा जी का लाडला हूं मैं

सुबह जल्दी जागना मुझे बहुत भाता है
सुबह सुबह टहलना मुझे बहुत भाता है
सपनों में खो जाना मुझे अच्छा लगता है
ओरो को खुशी देना मुझे बहुत भाता है

स्कूल से आकर मैं अपने में ही खो जाता हूं
परिवार के होठों पर मुस्कान में लाता हूं
प्यारा हूं में अनजाना हूं मैं
जीने का सहारा हु में

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