मोर की आत्मकथा Mor ki atmakatha in hindi
Mor ki atmakatha in hindi
Mor ki atmakatha – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मोर की आत्मकथा के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर मोर की आत्मकथा के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
मोर की आत्मकथा – मैं मोर बोल रहा हूं , मैं बहुत ही सुंदर पक्षी हूं । जो भी मुझे देखता है वह मेरे सुंदर रंग बिरंगे पंखों को देखकर आनंद प्राप्त करता है । मुझे अकेले रहना पसंद नहीं है । मैं मेरे मोर मित्रों के साथ रहना पसंद करता हूं । मैं बड़े घने पेड़ की मोटी डाली पर बैठना पसंद करता हूं । मेरे पंख काफी बड़े होते हैं इसीलिए में आसानी से बहुत दूर तक उड़ने में समर्थ हूं । यदि मेरे शरीर की बात आपको बताऊं तो मेरे शरीर का रंग चटक नीला और बैगनी रंग का होता है जिससे मेरी सुंदरता और भी सुंदर दिखाई देती है ।
जो भी व्यक्ति मुझे पंख फैलाते हुए देखता है वह अपने जीवन में सुख समृद्धि व आनंद प्राप्त करता है । पक्षियों की कई प्रजाति होती है उन सभी पक्षियों की प्रजातियों में मैं सबसे बड़ा पक्षी हूं । पंख बड़े होने पर मैं आसानी से एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर उड़कर बैठने में समर्थ हूं । मुझे छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़ी बड़ी उम्र के लोगों को भी मेरी सुंदरता बहुत ही सुंदर लगती है । बरसात के समय जब हल्की हल्की बारिश होती है तब में अपने रंग बिरंगे पंख फैलाकर झूमता नाचता गाता हू । मैं भारत देश में सबसे अधिक संख्या में पाया जाता हूं ।
मेरी प्रजाति सबसे अधिक भारत के राजस्थान , उत्तर प्रदेश , हरियाणा में सबसे अधिक पाई जाती है । जब दूर-दूर से आए हुए पर्यटक मुझे देखते हैं तब मेरी सुंदरता से बहुत प्रसन्न हो जाते हैं । आज मेरी प्रजाति के पक्षी जंगलों और चिड़िया घरो मे पाए जाते हैं । मेरी सुंदरता को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और चिड़िया घर आकर मेरी सुंदरता को देखकर अपने जीवन में सुख समृद्धि आनंद प्राप्त करते हैं । मेरी आवाज बहुत तेज होती है । जब मैं अपनी आवाज निकालती हू तब मेरी आवाज तकरीबन 2 किलोमीटर दूर तक जाती है । मुझे पूरी दुनिया के लोग पसंद करते हैं ।
मुझे पूरी दुनिया के लोग इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि मेरे पंखों के रंग बहुत ही सुंदर मन मोह लेने वाले दिखाई देते हैं । जब छोटे छोटे बच्चे मेरी सुंदरता को देखते हैं तब वह सभी बच्चे मेरी सुंदरता को बार बार देखने के लिए जिद करते है । जब चिड़िया घरो मे बच्चे मुझे देखते हैं तब बच्चे आनंद ही आनंद प्राप्त करते हैं । मेरे पंखों को बहुत ही शुभ माना गया है क्योंकि मेरे पंखों को भगवान श्री कृष्ण के द्वारा अपने मुकुट में लगाया गया है । मुझे भगवान श्री कृष्ण भी पसंद करते हैं । मैं गांव के खेतों , जंगलों में सबसे अधिक निवास करता हूं क्योंकि मुझे उछलना कूदना और अपने पंख फैलाना बहुत अच्छा लगता है ।
जब रिमझिम रिमझिम पानी की बूंदे गिरती है तब मुझे बहुत अच्छा लगता है और मैं पखं फैला कर नाचने लगता हू । मैं एक शाकाहारी पक्षी हू । मेरी मुख्यतः दो प्रजाति होती हैं । भारत , श्रीलंका , नेपाल में मैं नीले रंग का सबसे अधिक होता हूं । हरे रंग की प्रजाति इंडोनेशिया , म्यामार में सबसे अधिक पाई जाती है । अफ्रीका के वर्षा वनों के क्षेत्रों में मेरी कांगो प्रजाति पाई जाती है । इस तरह से मैं हरे और नीले रंग की प्रजाति का हूं ।
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Baar baar Meri sunderta, Meri sunderta darshaya Gaya hai
Nice autobiography of pecok