मेरा प्रिय समाज सेवक निबंध mera priya samaj sevak essay in hindi
mera priya samaj sevak essay in hindi
दोस्तों आज मैं आपको यह बताने जा रहा हूं कि मेरा प्रिय समाज सेवक कौन है और उस समाज सेवक ने समाज को सुधारने के लिए क्या-क्या प्रत्न किए है। मैं हमारे देश की महिला एवं समाज सुधारक पंडिता रमाबाई के बारे में बताने जा रहा हूं । जिन्होंने समाज को सुधारने के लिए अपना योगदान दिया था । उन्होंने स्त्रियों को मान सम्मान दिलाने के लिए समाज को यह महसूस कराया था कि स्त्रियों पर हो रहे अत्याचार को हम सभी समाज के लोगों को आपस में मिलकर रोकना चाहिए ।

दोस्तों पंडिता रमाबाई मेरी आदरणीय समाजसेविका है और मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं क्योंकि इन्होंने स्त्री को मान सम्मान दिलाने के लिए कई काम किए हैं और स्त्री के मान को बढ़ाया है । इन्होंने हमारे भारत की कई पुरानी बुरी प्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाई थी । उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से इन प्रथाओं को बंद भी करवा दिया था । उन्होंने समाज को अपनी सोच के माध्यम से बदला है और आज पूरी समाज उनकी सोच पर चल रही है । आज हमारे देश भारत में स्त्रियों को सम्मान दिया जाने लगा है । सरकार के साथ-साथ समाज भी भारतीय नारी पर गर्व महसूस करने लगी है । यह सब पंडिता रमाबाई के कारण ही संभव हो पाया है । मैं पंडिता रमाबाई को एक अच्छे समाज सेविका के रूप में देखता हूं और उनकी इज्जत करता हूं । मैं तो यही कहूंगा कि महिला को जो सम्मान उन्होंने दिलवाया है इसलिए हम सभी समाज के लोगों को उनका सम्मान करना चाहिए और उनकी इस सोच को हर गांव , हर शहर और पूरे विश्व में पहुंचाना चाहिए जिससे कि पूरा विश्व नारी की इज्जत करने लगे ।
अब मैं आपको हमारे भारत के एक ऐसे ही समाज सेवक के बारे में बताने जा रहा हूं जिन्होंने अपने प्रयास से समाज को बदला है । मैं बात कर रहा हूं बाबा आमटे के बारे में जिनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ था । उन्होंने अपनी सोच से पूरे भारत के लोगों को प्रभावित किया था । उनके अंदर समाज सेवा और देश भक्ति भावना भरी हुई थी । बाबा आमटे ने कुष्ठ से पीड़ित रोगियों की मदद की थी । जो व्यक्ति कुष्ठ के रोगियों से दूर भागते थे बाबा आमटे ने उन लोगों को सहारा दिया और उनको इस रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान की थी । हमारे देश के ऐसे समाज सेवक को हम सलाम करते हैं ।
उन्होंने रोगियों की हिफाजत के लिए आनंद वन नामक संस्था की स्थापना की थी । जहां पर कुष्ठ के रोगियों का इलाज किया जाता है । ऐसे समाज सेवक को हम इज्जत और मान सम्मान देते हैं । उन्होंने गरीब लोगों की सहायता के लिए गोकुल नामक संस्थान की स्थापना भी की थी । जहां पर गरीब लोगों को सहारा दिया जाता है , गरीबो को खाने के लिए खाना, पहनने के लिए कपड़े और हर तरह की व्यवस्था वहां पर मिल जाती है । इसकी स्थापना करवाने के लिए बाबा आमटे ने बड़ी मेहनत की थी। उनकी इस मेहनत के कारण ही वहां पर गोकुल नामक संस्थान का निर्माण हो पाया था । गोकुल नामक संस्था के बनने के बाद गरीबों के चेहरे पर रौनक देखी गई थी ।
मुरलीधर देवदास आमटे जी ने समाज सेवक के रूप में अपना योगदान दिया था । उन्होंने समाज को बदलने के साथ साथ हमारे देश की गरीब जनता को सहारा देने के लिए भी काम किए थे । जब पंजाब में दंगे फसाद हो रहे थे, धर्म के नाम पर एक दूसरे पर हमले हो रहे थे तब बाबा आमटे ने वहां के युवाओं को समझाया और उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया था कि हमें आपस में नहीं लड़ना चाहिए क्योंकि लड़ाई से किसी बात का कोई समाधान नहीं निकलता है । उनके इस कथन से वहां के युवाओं की सोच में बदलाव आया और वहां हो रहे दंगा फसाद बंद हो गए थे । हम सभी को बाबा आमटे की कमी महसूस होती रहेगी और हम यह दुआ करते हैं की बाबा आमटे की आत्मा को शांति मिले ।
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