महानगर की समस्या पर निबंध mahanagar ki samasya essay in hindi

mahanagar ki samasya essay in hindi

हमारा भारत देश गांवों का देश माना जाता है । गांव, शहरों में रहने वाले लोग निरंतर परिश्रम और भाग दौड़ में लगे रहते हैं । आज महानगर की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है । लोग गांव से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं आज हम आपको महानगर की समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं कि शहरों में किन-किन समस्याओं का सामना लोगो को करना पड़ता है ।

mahanagar ki samasya essay in hindi
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आज अधिकतर सभी गांव कस्बों से लोग अपने बच्चों को पढ़ाई करने के लिए शहर भेजते हैं यहां पर वह पढ़ाई पूरी करके शहर में ही छोटा रोजगार करके अपना जीवन यापन करने लगते हैं । बढ़ती हुई जनसंख्या से शहरों में तरह-तरह की समस्या उत्पन्न होती जा रही है । महानगरों में ना तो शुद्ध वातावरण मिल पाता है और ना ही रोजगार । शहरों में कई लोग किराए के मकानों में अपनी पूरी जिंदगी बिता देते हैं क्योंकि जैसे जैसे जनसंख्या बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे शहर भी कई दूरी तक फैलते जा रहे है । जहां खेतों पर फसल उगाई जाती थी वहां पर प्लाट काटकर ऊंचे ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं फिर भी शहरों में कई सारे लोग किराए के मकानों में रह कर अपना जीवन यापन करते हैं । शहरों में जनसंख्या बढ़ जाने के कारण पानी की व्यवस्था लोगों को नहीं मिल पाती है । महानगरों में जनसंख्या बढ़ने के कारण हर तरह का प्रदूषण फैलता जा रहा है , महानगरों में वाहनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है ,महानगरों में लोगों का जी घबराने लगा है ना तो वहां के लोगों को शांति मिलती है और ना ही शुद्ध वातावरण ।

सुबह से लेकर शाम तक शोर शराबा ही शोर शराबा सुनाई देता है । महानगर में जो व्यक्ति रहते हैं वह धन कमाने मैं ही अपना पूरा जीवन बिता देते हैं उनका एक ही मकसद होता है कि वह अपने परिवार को ठीक तरह से पाल सकें । महानगरों में लाइट , पानी , बिजली , प्रदूषण और भी कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है , कई बार तो नलों में पानी तक नहीं आता जिसके कारण उनको कई किलोमीटर दूर से पानी भरकर लाना पड़ता है । गर्मियों के समय उनको पानी की समस्या से गुजरना पड़ता है । बरसात में चारों तरफ से पानी एकत्रित होने के कारण नाले भर जाते हैं और वह पानी सड़कों पर आ जाता है जिसके कारण सड़के खराब हो जाती हैं गड्ढे हो जाते हैं । आज महानगरों में वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण ट्राफिक की सबसे बड़ी समस्या बन गई है लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में देरी हो जाती है । सरकार के द्वारा कई लाभ लोगों को दिए जा रहे हैं फिर भी महानगरों की समस्याएं कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं ।

लोग जब बीमार हो जाते हैं तो सरकारी अस्पतालों में उनको पूरी तरह से लाभ भी नहीं मिल पाता कई बार तो अस्पतालों के पलंग ही खाली नहीं मिलते जिसके कारण उनको जमीन पर लेट कर ही अपना इलाज करवाना पड़ता है । बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण शहरों में सरकारी डॉक्टरों की कमी होती जा रही है जिसके कारण कई लोग परेशान होते हैं । महानगरों में चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं इन घटनाओं को पुलिस के माध्यम से रोकने की कोशिश की जाती है लेकिन फिर भी यह घटनाएं रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं । महानगरों में फैले प्रदूषण के कारण कई तरह की बीमारियां होने लगी हैं , प्रदूषण कम करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन फिर भी प्रदूषण कम नहीं हो रहा है । फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंए के कारण हमारा वातावरण दूषित हो रहा है तथा फैक्ट्रियों से जो गंदा पानी , केमिकल निकलता है वह तालाब के पानी को दूषित कर देता है और वह पानी शहर वासियों को दिया जाता है इसके कारण उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है ।

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