लोमड़ी और कौवा lomdi aur kauwa ki kahani
उसने सोचा क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए की ये रोटी खुद व खुद अपने मुह से छोड़ दे,तभी उस लोमड़ी के दिमाग में एक आइडिया आया,उसने उस कौवे से कहा-ओ कौवा भैया तुम्हारी आवाज तोह बड़ी प्यारी है,कल जब तुम अपनी आवाज में गा रहे थे तोह में सुन रही थी,वाकई में तुम्हारी आवाज मुझे सबसे प्यारी लगती है,तुम कृपया कर मुझे अपना गाना एक बार और सुनाओ.
कौवे ने सोचा वाओ मेरी आवाज भी किसी को पसंद आती है,उसने तुरंत ही गाने का निश्चय किया लेकिन गाने की धुन में वोह भूल गया की उसके मुह में रोटी रखी हुयी है,उसके मुह से रोटी छूट गयी,और वोह रोटी पेड़ से नीचे गिर कर उस लोमड़ी के मुह में आ गयी,और लोमड़ी उस रोटी को लेकर भाग गयी,बेचारा वोह कौवा चिल्लाता रहा.उस कौवे को अपनी इस बात पर बड़ा ही पछतावा होता है.
दोस्तों अक्सर हमारे जीवन में भी कुछ ऐसा ही होता है,कुछ लोग हमारी झूटी तारीफ़ करके हमें बेवकूफ बनाते है,लेकिन हमें इन छली लोगो से हमेशा सावधान रहना चाहिए,और कुछ भी करने से पहले हमें अच्छे से सोचना चाहिए वरना हो सकता है हमारे पास जो है वोह भी हमारे हाथ से चला जाए.
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