कुम्भलगढ़ किले का इतिहास Kumbhalgarh fort history in hindi

Kumbhalgarh fort history in hindi

Kumbhalgarh fort – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कुम्भलगढ़ किले के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर कुम्भलगढ़ किले के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Kumbhalgarh fort history in hindi
Kumbhalgarh fort history in hindi

कुम्भलगढ़ किले के बारे में – कुम्भलगढ़ किला राजस्थान राज्य का सबसे सुंदर अद्भुत चमत्कारी दुर्ग है । यह राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है । कुम्भलगढ़ किले का जो अद्भुत चमत्कारी विशालकाय द्वार है उस द्वार को राम पोल कहा जाता है ।

कुम्भलगढ़ किले को वास्तु शास्त्र के नियम अनुसार ही बनाया गया है । जब इस कुम्भलगढ़ किले को बनाया जा रहा था तब कुम्भलगढ़ किले की नक्काशी करने के लिए दूर-दूर से कारीगरों को बुलाया गया था । कुम्भलगढ़ किले का जो प्रवेश द्वार है वह प्रवेश द्वार बहुत ही सुंदर है ।

जो भी पर्यटक कुम्भलगढ़ किले के प्रवेश द्वार को देखता है वह आनंद ही आनंद प्राप्त करता है । कुम्भलगढ़ किले मे जलाशय स्थित है जिसकी सुंदरता भी देखने के लायक है । कुम्भलगढ़ किले के अंदर एक गुप्त द्वार भी बनाया गया है जिस गुप्त द्वार से संकट के समय बाहर निकला जाता था ।

कुम्भलगढ़ किले के जो महल है उन महलों की सुंदरता बहुत ही सुंदर है । कुम्भलगढ़ किले की आवासीय इमारतें अद्भुत छटा बिखेरती हैं । कुम्भलगढ़ किले के अंदर कई यज्ञ की वेदी बनी हुई है जहां पर प्राचीन समय में यज्ञ किए जाते थे । कुम्भलगढ़ किले के स्तंभ और छतरियां भी बहुत अद्भुत दिखाई देती हैं ।

अब मैं आपको बता देना चाहता हूं कि कुम्भलगढ़ किले के निर्माण में महाराणा कुंभा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । उन्हीं के नेतृत्व में कुम्भलगढ़ किले का निर्माण कराया गया था । महाराणा कुंभा के द्वारा कुम्भलगढ़ किले का निर्माण 13 मई 1459 को करवाया गया था ।

जिस कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता आज भी बहुत सुंदर है । कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता को देखकर सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करते है । कुम्भलगढ़ किले को अजयगढ़ किला भी कह कर संबोधित किया जाता है ।

कुम्भलगढ़ किले को अजय गढ़ किला इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस कुम्भलगढ़ किले पर किसी भी राजा महाराजा का विजय प्राप्त करना दुष्कर कार्य था । आज राजस्थान राज्य का यह कुम्भलगढ़ किला देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी एक पहचान बना चुका है ।

कहने का तात्पर्य यह है कि विदेश  से भी पर्यटक कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता को देखने के लिए आते हैं । जो भी पर्यटक इसकी सुंदरता को देखता है वह कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता देखकर आनंदित हो जाता है ।

इस किले के चारों ओर एक बहुत बड़ी दीवार बनी हुई है जिस दीवार के बारे में यह कहा जाता है कि यह दीवार चीन की दीवार के बाद विश्व की सबसे दूसरी सबसे बड़ी दीवार है । जिस दीवार का निर्माण कराने के लिए दूर-दूर से कारीगरों को बुलाया गया था और इस दीवार को बहुत मजबूती दी गई है ।

कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता को देखते हुए इस किले को यूनेस्को की सूची में शामिल किया गया है क्योंकि प्रतिवर्ष कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता को देखने के लिए काफी पर्यटक आते हैं और इस किले की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करते हैं । इस अद्भुत चमत्कारी किले को मेवाड़ की आंख भी कहा जाता है ।

जब कुम्भलगढ़ किले का निर्माण कराया गया था तब इस किले का निर्माण कई पहाड़ियों और घाटियों को मिलाकर  कराया गया था । जब कुम्भलगढ़ किले के अंदर हम प्रवेश करते हैं तब किले के अंदर एक गढ़ स्थित है जिस गढ़ की सुंदरता बहुत सुंदर है जिसे कटार गढ़ कहते हैं ।

इसके बाद कुम्भलगढ़ किले के अंदर बादल महल भी है जिस बादल महल की सुंदरता भी बहुत अद्भुत और सुंदर है । मैं आपको बता देना चाहता हूं कि कुंभा महल भी इसके अंदर बना हुआ है जो सबसे ऊपर बना हुआ है जिसकी सुंदरता बहुत सुंदर है ।

जो भी पर्यटक कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता को देखने के लिए जाता है वह कुंभा महल की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करता है । कुम्भलगढ़ किले के आसपास की सुंदरता भी बहुत सुंदर है ।

जो भी पर्यटक कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता को देखने के लिए जाता है वह कुम्भलगढ़ किले के आसपास की सुंदरता को देखकर आनंदित हो जाता है । यदि आप भी कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता को देखना चाहते हो तो राजस्थान राज्य मे जाकर कुम्भलगढ़ किले की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त कर सकते हैं ।

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