कूका आंदोलन का इतिहास Kuka movement history in hindi
Kuka movement history in hindi
Kuka movement – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत देश का सबसे पुराना विद्रोह एवं आंदोलन कूका आंदोलन के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और कूका आंदोलन के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।
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कूका आंदोलन के बारे में – कूका आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा प्रारंभ किया गया एक विद्रोह था । जिस विद्रोह की शुरुआत पश्चिम पंजाब राज्य से हुई थी । कूका आंदोलन के प्रारंभ के बाद पंजाब में सभी लोग भारत को आजादी दिलाने के लिए कूका आंदोलन से जुड़े थे । कूका विद्रोह की शुरुआत भारत देश के पंजाब राज्य से 1840 में की गई थी । प्रारंभ समय में जब कूका आंदोलन प्रारंभ किया गया तब इस आंदोलन का सिर्फ यह उद्देश्य था कि सिख समुदाय में जो प्रचलित बुराइयां हैं उन सभी बुराइयों को दूर करना था ।
परंतु समय बीतने के साथ-साथ कूका विद्रोह एक राजनीतिक विद्रोह में परिवर्तित हो गया था और सभी कूका विद्रोह के इस आंदोलन से जुड़ने लगे थे । जब कूका विद्रोह राजनीतिक विद्रोह में परिवर्तित हो गया था तब अंग्रेजो के खिलाफ सभी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी आवाज उठाने लगे थे । जब यह कूका आंदोलन प्रारंभ किया गया तब कूका आंदोलन से जुड़े हुए सभी दल सक्रिय रूप से काम करने लगे थे । कूका विद्रोह आंदोलन की सबसे पहले शुरुआत 1840 में भगत जवाहर मल के द्वारा की गई थी ।
अब हम आपको भगत जवाहर मल के बारे में बता देना चाहते हैं कि वह भारत की स्वतंत्रता के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार थे । पंजाब राज्य में भगत जवाहर मल को सभी लोग सियान साहब के नाम से जानते थे क्योंकि वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहते थे । भारत के सभी लोग उनका सम्मान भी करते थे । जब उनके द्वारा यह विद्रोह प्रारंभ किया गया था तब उन्होंने अपना मत यह रखा था कि सबसे पहले हमें सिख धर्म में जो प्रचलित बुराइयां हैं उन बुराइयों को दूर करना चाहिए ।
जिसके लिए जवाहर मल ने एक दल बना करके तैयार किया गया था और इस दल का सबसे बड़ा मुख्यालय हजारा में बनाया गया था । जहां से इस कूका विद्रोह की शुरुआत की गई थी । कूका आंदोलन प्रारंभ होने से पहले कई तरह की घटनाएं देश में होती रहती थी । जिन घटनाओं को अंग्रेजो के द्वारा अंजाम दिया जाता था । सन 1872 में अंग्रेजों ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानी राम सिंह को निर्वासित करने की योजना बनाई थी क्योंकि वह अंग्रेजो के खिलाफ खड़े होते थे और कई दल उनके साथ मिलकर काम करते थे ।
अंग्रेजों को जब यह पता चला कि राम सिंह लोगों को भड़काने का काम कर रहा है तो अंग्रेजों ने राम सिंह को रंगून निर्वासित कर दिया था । इसके बाद इस विद्रोह की शुरुआत राम सिंह के नेतृत्व में की गई थी । राम सिंह जब इस विद्रोह से जुड़े तब देश के तकरीबन 7000000 लोग इस विद्रोह से जुड़ गए थे और पूरी योजना के साथ सभी खड़े होकर इस आंदोलन को अंजाम दे रहे थे । हमारे भारत देश में कई आंदोलन भारत देश के स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा किए गए थे । जिसका उद्देश्य भारत को जल्द से जल्द अंग्रेजों के चुंगल से छुड़ाना था ।
उसी तरह से कूका विद्रोह भी एक आंदोलन था । जिस आंदोलन को सभी लोग मिलकर कर रहे थे क्योंकि पूरा देश अंग्रेजों के जुल्मों से परेशान था । अंग्रेजो के द्वारा भारतीय लोगों को धर्म के नाम पर लड़ाना और भारत पर शासन करना यह नीति अपनाई गई थी । जो स्वतंत्रता सेनानी है उनको जेलों में बंद कर देना अंग्रेजों की सबसे बड़ी नीति थी । जब यह कूका आंदोलन अंग्रेजो के खिलाफ प्रारंभ किया गया तब भारत के सभी नागरिक जागरूक हुए थे और सभी ने अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठाना प्रारंभ कर दिया था ।
जिसके बाद अंग्रेज यह जान चुके थे कि यदि यह कूका विद्रोह पंजाब के साथ-साथ पूरे देश में फैल गया तो काफी नुकसान अंग्रेजों को झेलना पड़ेगी । कूका आंदोलन को प्रारंभ करने से पहले काफी गलतियां स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा की गई थी । कहने का तात्पर्य यह है कि अधूरी तैयारी के साथ कूका विद्रोह की शुरुआत जोरों से की गई थी । इस विद्रोह को अंग्रेजो के द्वारा दवा दिया गया था । यदि स्वतंत्रता सेनानी इस विद्रोह को योजनाबद्ध तरीके से करते तो अंग्रेज काफी परेशान हो जाते और भारत देश को उसी समय छोड़कर जाने को मजबूर हो जाते ।
कूका विद्रोह बहुत ही भयंकर विद्रोह के रूप में परिवर्तित हो गया था । जिस विद्रोह में कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानी शहीद हो गए थे । इसमें तकरीबन 66 नाम धारी सिख भी शहीद हुए थे । जिनकी शहादत को आज भी पूरा देश याद करता है । जिसने भारत देश की आजादी के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे ।
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