खो गया बचपन निबंध kho gaya bachpan essay in hindi
kho gaya bachpan essay in hindi
हमारा बचपन एक ऐसी बाल्यावस्था है जिस अवस्था में ना तो जाति धर्म और किसी तरह का भेदभाव करने की बात हमारे मन में आती है और ना ही बाल्यावस्था में कमाने की फिक्र होती है । बचपन में हम मस्ती के साथ अपनी जिंदगी जीते हैं बचपन में खेलना , पढ़ना , मस्ती करना और अपने घर के दादी और दादा जी से कहानियां सुनना कितना अच्छा लगता है ।
हमारा बचपन कितना प्यारा होता है बचपन से बाहर निकलने का मन ही नहीं करता है, बचपन में दोस्तों के साथ खेलना , कुंदना और जो मन में आता है वह हम करते हैं चाहे फिर अपने माता पिता की डांट क्यो ना खाना पड़े । बचपन में किसी तरह का कोई भय नहीं होता है जो हमारे मन को अच्छा लगता है वह हम करते हैं ।
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आज बढ़ती हुई जनसंख्या और बदलती हुई इस दुनिया में बचपन ना जाने कहां खोता जा रहा है । आज जब हम ऐसे बच्चों को देखते हैं जो बाल्यावस्था में होटलों पर काम करते हैं वह बच्चे अपना पूरा बचपन काम करने में ही बिता देते हैं । ना तो उन बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिल पाती है और ना ही अच्छा बचपन गुजर पाता है । हम लोगों को कोशिश करना चाहिए कि बच्चों को अच्छा बचपन दे और उनको खेलकूद के साथ साथ अच्छी शिक्षा और भोजन हम उनको दे सके ।
आज दुनिया में बाल श्रम के कारण बच्चों का बचपन खोता जा रहा है बाल श्रम को रोकने के लिए कानून के द्वारा व्यवस्था की गई है की अगर कोई व्यक्ति बच्चों के द्वारा काम करवाकर उनका शोषण करता है तो उस व्यक्ति को सजा दी जाएगी लेकिन आज गरीब घर के जो बच्चे होते हैं वह काम करने के लिए मजबूर होते हैं जिसके कारण वह अपना बचपन खो देते हैं । बचपन की जब बात आती है तो हम सभी को हमारा बचपन याद आ जाता है जब हम बचपन में दादा-दादी के द्वारा कहानी सुनते थे और जब हमारे पिताजी काम करके घर पर आते थे तो उनसे चिपक कर गले लग कर हम प्यार दिखाते थे।
जब हम अपने माता पिता से कुछ खाने की ख्वाहिश करते थे तो वह हमको खिलाते थे, जो खिलौने हमको चाहिए थे वो खिलोने हमारे माता पिता के द्वारा दिला दिए जाते थे । बचपन में जब हम मस्ती करते थे तब हमको कितना आनंद आता था उस आनंद को याद करके आज हम यह सोचते हैं कि शायद बचपन हमारा ना खोता और हम हमेशा बचपन में ही जीते । बचपन में जब हम दोस्तों के साथ खेलने के लिए जाते थे तो कितना आनंद हमको आता था अब तो हम काम के पीछे भागते नजर आ रहे है ।
आज हम देख रहे हैं कि बच्चों के साथ कितना शोषण किया जा रहा है जब बच्चे स्कूल में पढ़ने के लिए जाते हैं तो शिक्षकों के द्वारा बच्चों को मारना , डांटना , फटकारना , और डराना जैसी घटनाएं हमारे सामने आती रहती हैं । आज कई स्कूलों में तो ऐसी शर्मनाक घटना सामने आती हैं जिससे हमारा कलेजा तक कापने लगता है। आजकल कई छोटी छोटी प्यारी बच्चियों के साथ यौन शोषण किया जाता है, बच्चियों के अलावा बच्चों के साथ भी कई लोग यौन शोषण करते हैं ऐसे लोगों को दुनिया में रहने का कोई अधिकार नहीं है, ऐसे बुरे लोगों से हमें हमारे बच्चों को हमेशा बचाकर रखना चाहिए ।
हमारे देश भारत में तो बच्चों की हिफाजत के लिए चाइल्ड गाइड लाइन भी बनाई गई है अगर कोई व्यक्ति बच्चों को प्रताड़ित करता है या मानसिक तोर पर उसे परेशान करता है तो उसको भी हमारे भारतीय कानून में सजा का प्रावधान किया गया है । यह बचपन ईश्वर के द्वारा दिया गया एक ऐसा उपहार है जो सभी को मिलता है इसलिए बच्चों का बचपन कभी खराब नहीं करना चाहिए । हमको बच्चों के बचपन को और सुंदर बनाकर उनकी जिंदगी को खुशी से भर देना चाहिए । उनका मानसिक संतुलन बना रहे इसलिए उन्हें डराना धमकाना नहीं चाहिए ।
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