सपनो की चाहत “Karoly Takacs Real Life Inspirational Story in Hindi”

Karoly Takacs Real Life Inspirational Story in Hindi

हेलो फ्रेंड्स कैसे हैं आप सभी,दोस्तों कहते हैं कि जब एक इंसान पर मुसीबत आती हैं, जब इंसान की किस्मत खराब होती है तो उसके साथ सब कुछ गलत होने लगता है, और वोह जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए कुछ भी नहीं कर पाता है,लेकिन दोस्तों आज की “Karoly Takacs story in hindi” एक ऐसे ही इंसान की है जिसके पास एक बहुत बड़ी मुसीबत आ गई थी,वोह जिंदगी में कुछ करना चाहता था वह एक विजेता बनना चाहता था लेकिन किस्मत ने उसका साथ बिल्कुल भी नहीं दिया लेकिन उन्होंने जब कुछ कर दिखाने का दिल से सोचा तोह आज इतिहास में उनका नाम दर्ज हैं.

image source: https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Karoly.jpg

The man with the only hand shooter-Karoly Takacs story

ये story है karoly takacs की,जो कि आर्मी में काम करते थे,वोह आर्मी में एक पिस्तौल shooter थे,उन्होंने 1938 के नेशनल पिस्टल शूटर की प्रतियोगिता में विजय हासिल की, जिसे देखते हुए वहां के सभी लोग यही कहते थे कि अगर आने वाले समय में olympic में अगर कोई विजेता घोषित होगा तो सिर्फ और सिर्फ करौली होगा लेकिन किस्मत को शायद ये मंजूर नहीं था,karoly takacs की एक दुर्घटना में दाया हाथ टूट गया,और karoly takacs को काफी दुःख हुआ,उसके साथ के दोस्तों और साथ में काम करने वाले लोगों को भी काफी दुख हुआ,सभी लोग बहुत ही निराश हुए लेकिन karoly बिल्कुल भी निराश नहीं हुआ,उन्होंने लगातार बाए हाथ से पिस्तौल चलाने की प्रेक्टिस की और जिस बाए हाथ से वह सही से लिख भी नहीं सकता था,उसी बाएं हाथ से उसने पिस्तौल चलाना सीखा और 1939 में उसने एक बार फिर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया वह जब इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए गया तो सभी लोग यह देखकर अचंभित हुए. एक बार फिर करौली ने अपने प्रतिद्वंदी को हरा दिया और एक सफल pistol shooter बना.

is article ko bhi pade-sandeep-maheshwari-biography-in-hindi

उसने 1940 के ओलंपिक गेम में हिस्सा लेने का निर्णय लिया,उसके लिए दिन रात मेहनत करता लेकिन 1940 का ओलंपिक गेम तो world war के चलते कैंसिल हो गए,यह जानकर करौली को बहुत दुख हुआ,फिर भी उसने हार नहीं मानी उसने एक बार फिर 1944 के ओलिंपिक गेम में हिस्सा लेने की सोचा लेकिन एक बार फिर 1944 का ओलिंपिक गेम निरस्त हो गया,यह जानकर करौली को बहुत ज्यादा दुख हुआ क्योंकि इक उम्र ही ऐसी होती है जिसमें कोई काम सही से किया जा सकता है,करौली की उम्र दिन ब दिन बढ़ती जा रही थी लेकिन वह लगातार मेहनत किए जा रहा था,लगातार अपने बाएं हाथ से प्रैक्टिस किए जा रहा था,उसने 1948 के ओलिंपिक गेम में एक बार फिर से भाग लिया और जब वह ओलिंपिक गेम में हिस्सा लेने के लिए गया तो काफी सारे लोगों ने उनसे कहा कि आपके साथ इतना सब कुछ हो गया तो भी आप ओलंपिक गेम को देखने के लिए चले आए,लेकिन करौली ने कहा की किसने कह दिया कि मैं यहां पर तुम लोग का गेम देखने के लिए आया हूं,में ओलम्पिक देखने के लिए नहीं बल्कि मैं इस गेम में हिस्सा लेने के लिए आया हूं,इन सभी का मुकाबला करने के लिए आया हूं,उनके इस साहस को देखकर सभी चकित हो गए और उन्होंने अपनी लगातार की हुई मेहनत से सभी को हरा दिया और 1948 के ओलंपिक में विजय हासिल की,और वह वहीं पर नहीं रुका बल्कि उसने अपनी पूरी प्रेक्टिस एक और ओलंपिक गेम्स 1952 में लगा दी और इस गेम में भी वोही only hand यानी karoly takacs विजेता घोषित किया गया,उसने gold medal जीता और एक इतिहास बना दिया.

karoly takacs ने नामुमकिन को मुमकिन बना दिया था,किसी दूसरे के लिए वाकई में नामुमकिन था,उसने असंभव को संभव कर दिखाया और दुनिया के सबसे तेज pistol shooter में घोषित किया गया.

in article ko bhi jarur pade-सबसे बड़ी कमी “एक प्रेरणादायक कहानी”   kapil-sharma-comedian-real-life-story-in-hindi

शिक्षा

दोस्तों इस karoly takacs की motivational story से हमको काफी कुछ सीखने को मिलता है,जीवन में हर इंसान के पास मुसीबते आती हैं,कभी-कभी उसकी किस्मत भी खराब हो जाती है लेकिन करौली ने अपनी किस्मत को भी धोखा दे दिया और नामुमकिन को भी मुमकिन कर दिखाया और इतिहास में नाम दर्ज करवा दिया और हम सबको बता दिया कि अगर जिंदगी में कुछ करने का जुनून हो,सच्ची लगन से कोई काम सीखा जाए तो हम कुछ भी कर सकते हैं.

दोस्तों अगर आपको हमारी ये पोस्ट “Karoly Takacs Real Life Inspirational Story in Hindi” पसंद आई हो तोह इसे शेयर जरुर करे और हमारा fb page like करना ना भूले.

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *