जयवर्धन सिंह का जीवन परिचय Jaivardhan singh biography in hindi
Jaivardhan singh biography in hindi
Jaivardhan singh – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के सबसे युवा नेता एवं मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जयवर्धन सिंह के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जयवर्धन सिंह के बारे में जानते हैं ।
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जन्म स्थान व् परिवार – मध्य प्रदेश राज्य के कांग्रेस पार्टी के युवा नेता जयवर्धन सिंह का जन्म 6 जुलाई 1986 को मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर शहर में हुआ था । जयवर्धन सिंह के पिता का नाम दिग्विजय सिंह है । जयवर्धन सिंह के पिता दिग्विजय सिंह भारतीय राजनीति पार्टी कांग्रेस में अपना योगदान देते हैं । जयवर्धन सिंह के पिता दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी के माननीय नेता हैं । दिग्विजय सिंह ने अपने राजनीतिक केरियर की शुरुआत मध्य प्रदेश राज्य के गुना जिले के राधौगढ़ क्षेत्र से की थी ।
जयवर्धन सिंह के पिता दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री के पद पर भी रह चुके हैं । जयवर्धन सिंह राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं । जयवर्धन सिंह की माता जी का नाम श्रीमती राणा आशा कुमारी था । वह एक अच्छी ग्रहणीका थी । जयवर्धन सिंह की माता का देहांत 2013 को कैंसर के कारण हो गया था । इसके बाद जयवर्धन सिंह के पिता दिग्विजय सिंह ने राज्य सभा टीवी एंकर अमृता राय से 2015 में विवाह कर लिया था । जयवर्धन सिंह के दादाजी का नाम बलभद्र सिंह था । जो भारतीय जनसंघ पार्टी से राजनीति किया करते थे ।
जयवर्धन सिंह की दादी जी का नाम अपर्णा कुमारी था । जो एक अच्छी ग्रहणीका थी । जयवर्धन सिंह के चाचा जी का नाम लक्ष्मण सिंह है । जो हाल ही में चाचौड़ा से विधायक हैं ।विधायक लक्ष्मण सिंह को भी राजनीति विरासत में प्राप्त हुई है । वह सांसद भी रह चुके हैं । जयवर्धन सिंह के चाचा एक जुझारू नेता हैं । जो जनता की सेवा में हमेशा तत्पर खड़े रहते हैं । लक्ष्मण सिंह अपने बड़े भाई दिग्विजय सिंह और अपने पिता बलभद्र सिंह के पद चिन्हों पर चलकर जनता की सेवा एवं देश की सेवा कर रहे हैं ।
जयवर्धन सिंह की तीन बहने भी हैं जिनके नाम इस प्रकार से हैं । जयवर्धन सिंह की पहली बहन का नाम मंदाकिनी कुमारी है । जयवर्धन सिंह की दूसरी बहन का नाम कर्णिका कुमारी है । जयवर्धन सिंह की तीसरी बहन का नाम मृदीमा कुमारी है । जयवर्धन सिंह का विवाह श्री जाम्या सिंह से हुआ है । जयवर्धन सिंह को राजनीति विरासत में प्राप्त हुई है । जयवर्धन सिंह ने राधौगढ़ की जनता से अटूट प्रेम प्राप्त किया है । वह राधौगढ़ क्षेत्र से विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर चुके हैं ।
आज जयवर्धन सिंह मध्य प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री हैं ।जयवर्धन सिंह ने अपने पिता से राजनीति का हुनर प्राप्त किया है । वह राजनीति में एक सफल व्यक्ति के रूप में आगे बढ़ते जा रहे हैं । जयवर्धन सिंह ने अपनी कम उम्र में ही मध्यप्रदेश शासन में कांग्रेस पार्टी की ओर से कैबिनेट मंत्री का पद प्राप्त किया है । वह एक अच्छे नेता हैं । उन्होंने अपनी राजनीति को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का निर्णय किया है ।
जयवर्धन सिंह की प्रारंभिक शिक्षा – कांग्रेस पार्टी के युवा नेता , मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जयवर्धन सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के दून स्कूल से प्राप्त की थी । जयवर्धन सिंह बचपन से ही खेलने कूदने एवं पढ़ाई करने में रुचि रखते थे । जयवर्धन सिंह ने दून स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद जयवर्धन सिंह आगे की पढ़ाई करने के लिए , ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली चले गए थे । जयवर्धन सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी आगे की पढ़ाई करने लगे थे ।
जयवर्धन सिंह ने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स नई दिल्ली से बी कॉम ऑनर्स की डिग्री प्राप्त करने के लिए पढ़ाई कर रहे थे । जयवर्धन सिंह ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया था । ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद जयवर्धन सिंह विदेश चले गए थे । जयवर्धन सिंह अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अपनी आगे की पढ़ाई करने लगेे थे । जयवर्धन सिंह ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त की थी ।
अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त करने के बाद जयवर्धन सिंह अपने देश वापस लौटने का फैसला किया और वह वापस चले आए थे ।
जयवर्धन सिंह को मिली राजनीति विरासत में – जयवर्धन सिंह राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं । यदि उनके परिवार की हिस्ट्री उठाकर देखी जाए तो उनके दादा परदादा राजा हुआ करते थे । राजनीति में जयवर्धन सिंह के दादाजी बलभद्र सिंह भी राजनीति में सक्रिय थे ।जयवर्धन सिंह के दादाजी बलभद्र सिंह भारतीय जनसंघ पार्टी में अपना योगदान देते थे । उसके बाद जयवर्धन सिंह के पिता दिग्विजय सिंह को भी राजनीति विरासत में प्राप्त हुई थी ।
परंतु जयवर्धन सिंह के पिता दिग्विजय सिंह ने अपने पिता की पार्टी भारतीय जनसंघ पार्टी में शामिल ना होकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में अपना योगदान देने का फैसला किया था । दिग्विजय सिंह पहली बार 1977 को गुना जिले के राजगढ़ क्षेत्र से विधायक चुने गए थे । दिग्विजय सिंह जब विधायक बने तब दिग्विजय सिंह ने राधौगढ़ क्षेत्र को विकासशील क्षेत्र बना दिया था । राधौगढ़ क्षेत्र के लोग आज भी दिग्विजय सिंह के कामों की सराहना करते हैं ।
राधौगढ़ क्षेत्र दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता है । इस तरह से जयवर्धन सिंह के दादाजी एवं उनके पिता राजनीति के महान दिग्गज माने जाते हैं ।जयवर्धन सिंह के पिता दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश राज्य कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं दो बार मध्यप्रदेश शासन में मुख्यमंत्री के पद पर रह चुके हैं । जयवर्धन सिंह भी अपने पिता एवं दादाजी के पद चिन्हों पर चल रहे हैं । जयवर्धन सिंह भी एक युवा नेता के रूप में जाने जाते हैं । जयवर्धन सिंह राधौगढ़ क्षेत्र से दो बार भारी मतों से जीत हासिल कर चुके हैं ।
जयवर्धन सिंह ने राधौगढ़ क्षेत्र से दो बार जीत हासिल करके यह साबित दिया है कि वह आने वाले समय में राजनीती के सबसे बड़े दिग्गज के रूप में पहचाने जाएंगे । युवा नेता के रूप में जयवर्धन की छवि मध्यप्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है ।जयवर्धन सिंह ने जनता की मदद करने का फैसला किया है । जयवर्धन सिंह जनता की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं ।जब कोई व्यक्ति जयवर्धन सिंह के पास मदद मांगने के लिए जाता है तब जयवर्धन सिंह उनकी पूरी मदद करते हैं ।
इसलिए राधौगढ़ क्षेत्र के सभी नागरिक जयवर्धन सिंह को वोट देकर भारी मतों से जीत दिलाते हैं ।
जयवर्धन सिंह ने अपनी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत – जयवर्धन सिंह ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत राधौगढ़ क्षेत्र विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर की थी । दिग्विजय सिंह के गढ़ राधौगढ़ से चुनाव जीत कर जयवर्धन सिंह ने राजनीति में अपनी धमाकेदार एंट्री की थी । जयवर्धन सिंह विधायक बनने के बाद जनता की सेवा में पूरी तरह से जुट गए थे । जब जयवर्धन सिंह ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त कर ली थी तब इसके बाद उन्होंने अपने पिता एवं दादाजी के पद चिन्हों पर चलने का निश्चय कर लिया था ।
जयवर्धन सिंह अमेरिका से वापस भारत आ कर राजनीति में अपना समय बताने लगे थे । जब-जब जयवर्धन सिंह के पास राधौगढ़ क्षेत्र के लोग मदद मांगने के लिए जाते थे तब जयवर्धन सिंह को यह लगता है की गरीब जनता की मदद करना उनका पहला कर्तव्य है । मैं गरीब जनता को परेशान नहीं होने दूंगा । जयवर्धन सिंह ने गरीब किसानों की मदद करना प्रारंभ किया हैं । जब राधौगढ़ की जनता ने जयवर्धन सिंह की लगन और मेहनत देखी तब राधौगढ़ की जनता ने 2013 के विधानसभा चुनाव में जयवर्धन सिंह को भारी मतों से जिताया था ।
2013 में जयवर्धन सिंह राघौगढ़ क्षेत्र के विधायक के रूप में चुने गए थे ।राधौगढ़ क्षेत्र दिग्विजय सिंह का क्षेत्र माना जाता है ।राधौगढ़ क्षेत्र से जयवर्धन सिंह के दादाजी बलभद्र सिंह एवं जयवर्धन सिंह के पिता दिग्विजय सिंह ने भी अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी । इस तरह से जयवर्धन सिंह ने अपने पिता के गढ़ राधौगढ़ क्षेत्र से अपने राजनीतिक कैरियर की धमाकेदार शुरुआत की थी । 2013 के विधानसभा चुनाव में राधौगढ़ क्षेत्र से जयवर्धन सिंह ने 40 से 50000 वोट के अंतर से जीत हासिल की थी और यह सबसे अधिक वोटों से जीते थे ।
राधौगढ़ क्षेत्र के आसपास रहने वाले गरीब किसान , गरीब लोगों के पास जाकर उनकी मदद करना जयवर्धन सिंह अपना फर्ज समझते हैं । जब किसान की फसल प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट हो जाती है तब जयवर्धन सिंह उनके पास जाकर उनकी मदद करते हैं और सरकार के द्वारा गरीब किसानों की पूरी तरह से मदद कराते हैं । जिससे कि किसान सफलता की ओर बढ़ सकें । जब 2013 में वह राधौगढ़ क्षेत्र से पहली बार विधायक के रूप में चुने गए थे तब मध्यप्रदेश में उनकी सरकार नहीं थी तब वह राधौगढ़ की जनता को इंसाफ दिलाने के लिए विपक्ष की सरकार से विरोध करते रहते थे ।
राधौगढ़ क्षेत्र में विकास कार्य के लिए वह मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश शासन के सभी मंत्री से मुलाकात करते रहते थे । जब उनके राधौगढ़ क्षेत्र में विकास कार्य ठीक तरह से नहीं होते थे तब वह अपनी जनता के साथ प्रशासन एवं सरकार का विरोध जताते थे । सड़कों का मामला हो या फिर बिजली का हर क्षेत्र में वह राधौगढ़ क्षेत्र की जनता को विकास से जोड़ना चाहते हैं ।जयवर्धन सिंह की इस मेहनत को राधौगढ़ क्षेत्र के सभी लोग जानते हैं इसीलिए सभी लोग जयवर्धन सिंह को भारी मतों से जीत दिलाते हैं ।
जयवर्धन सिंह की 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत – जब 2018 को विधानसभा चुनाव होने थे तब कांग्रेस पार्टी ने युवा नेता जयवर्धन सिंह को उनके गढ़ राधौगढ़ से टिकट देकर चुनाव में खड़ा किया था । जयवर्धन सिंह पूरी मेहनत चुनाव को जीतने के लिए कर रहे थे । जिस तरह से 2013 में राधौगढ़ क्षेत्र की जनता ने उनको चुना था । उसी तरह से 2018 के चुनाव में राधौगढ़ क्षेत्र की जनता उनको विश्वास दिला रही थी कि हम आप को ही वोट देंगे क्योंकि आपने हमारी बहुत मदद की है ।
जब-जब जयवर्धन सिंह चुनाव प्रचार के लिए राधौगढ़ क्षेत्र के आसपास जा रहे थे तब वहां के लोग जयवर्धन सिंह को रिस्पांस दे रहे थे । चुनाव प्रचार में उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए वहां की जनता उनसे खुश थी । जब वोट डाले गए तब राधौगढ़ क्षेत्र के आसपास की जनता ने कांग्रेस के युवा नेता जयवर्धन सिंह को वोट देकर भारी मतों से जिताया था । जब 2018 के विधानसभा चुनाव का परिणाम आया तब कांग्रेस पार्टी के युवा नेता जयवर्धन सिंह को बहुत अधिक बोटो से जीतने की घोषणा की गई थी ।
जब 2018 के विधानसभा चुनाव की घोषणा में जयवर्धन सिंह के जीतने की घोषणा की गई थी तब वह बहुत खुश थे क्योंकि राधौगढ़ क्षेत्र की जनता ने उनको दूसरी बार राधौगढ़ क्षेत्र के आसपास का विकास करने का जिम्मा सौंपा था । 2018 में वह भारी मतों से विजय हुए थे ।
युवा नेता जयवर्धन सिंह का कैबिनेट मंत्री का पद – जब 2018 के विधानसभा चुनावों के परिणाम आए तब कांग्रेस पार्टी की ज्यादा सीटें थी । इसके बाद कांग्रेस की पार्टी की ओर से मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ को चुना गया था । कमलनाथ के नेतृत्व में मंत्री परिषद का गठन होना था और कमलनाथ ने कांग्रेस पार्टी के युवा नेता जयवर्धन सिंह को कैबिनेट मंत्री का पद दिया था । इस पद को प्राप्त करने के बाद जयवर्धन सिंह पूरी तरह से मध्यप्रदेश की जनता को विकास की ओर ले जाने के लिए तैयार थे ।
जयवर्धन सिंह अपनी सरकार एवं पार्टी के माध्यम से गरीब किसानों की सहायता के लिए निरंतर काम कर रहतेे हैं । जब कोई व्यक्ति जयवर्धन सिंह के पास मदद लेने के लिए जाता है तब वह उस व्यक्ति की पूरी बात को सुनते हैं । इसके बाद जयवर्धन सिंह उस व्यक्ति का काम करा देते हैं । जयवर्धन सिंह अपने आप को जनता का सेवक मानते हैं । इसलिए जयवर्धन सिंह निरंतर गरीब लोगों , किसानों की मदद करते रहते हैं ।जयवर्धन सिंह भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं ।
जयवर्धन सिंह ने अपने एक इंटरव्यू में भी कई बार कह चुके हैं कि हमें यह कोशिश करना चाहिए कि हम किसी को रिश्वत ना दें । यदि कोई हमसे रिश्वत लेने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए । जब तक हम देश से लूट मारी , भ्रष्टाचार , रिश्वतखोरी को बंद नहीं करेंगे तब तक हम और हमारा देश विकास की ओर नहीं बढ़ सकता है । हम यदि ₹1 की रिश्वत देते हैं तो वह व्यापार लाखों रुपए में पहुंच जाता है । जिससे गरीब जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
सरकार गरीबों की सहायता के लिए कई योजनाएं प्रारंभ करती है । परंतु रिश्वतखोरी के कारण इन योजनाओं का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच पाता है । जिससे गरीब लोग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं ।इसलिए देश से भ्रष्टाचार , रिश्वतखोरी पूरी तरह से हम सभी को मिलकर खत्म करनी चाहिए ।
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