जयशंकर प्रसाद की कविताएँ Jaishankar prasad poems in hindi

Jaishankar prasad poems in hindi

जयशंकर प्रसाद जी का जन्म 30 जनवरी 1889 को हुआ था ये एक महान निबंधकार, कहानीकार और नाटककार थे साथ में ये एक कवि भी थे इन्होंने बहुत सी कविताएं लिखी जिसके लिए इन्हें जाना जाता है आज हम इन्हीं की लिखित कुछ कविताओं को पढ़ेंगे तो चलिए पढ़ते हैं Jaishankar prasad poems in hindi कविताओं को

Jaishankar prasad poems in hindi
Jaishankar prasad poems in hindi

Image source- https://www.poemhunter.com/jaishankar-prasad/

(1)
तुम्हारी आंखों का बचपन
खेलता था खेलता था जब अल्हड़ खेल
अजिर के उर मैं भरा कुलेल
हारता था हंस-हंसकर मन
आह रे व्यतीत जीवन

साथ ले सहचर सरस बसंत
चंक्रमण करता मधुर दिगंत
गूंजता किलकारी निस्वन
पुलक उठता तब मलय पवन

स्निग्ध संकेतो मैं सुकुमार
बिछड़ चल थक जाता जब हार
छिड़कता अपना गीलापन
उसी रस में तिरता जीवन

आज भी है क्या नित्य किशोर
उसी क्रीड़ा में भाव विभोर
सरलता का वह अपनापन
आज भी है क्या मेरा धन
तुम्हारी आंखों का बचपन

(2)
धूप-छांह के खेल सद्रश्य
सब जीवन बीता जाता है
समय भागता है प्रतिक्षण में
नव अतीत के तुसार कण में
हमें लगा कर भविष्य रण में

आप कहां छिप जाता है
सब जीवन बीता जाता है
बुल्ले नहर हवा के झोंके
मेघ और बिजली के टोंके
किसका साहस है कुछ रोकें

जीवन का वह नाता है
सब जीवन बीता जाता है

बंसी को बस बज जाने दो
मीठी मिडो को आने दो
आंख बंद करके गाने दो
जो कुछ हमको आता है
सब जीवन बीता जाता है

(3)
बीती विभावरी जाग री
अंबर पनघट में डुबो रही
तारा घट उषा नागरी
खग कुल कुल सा बोल रहा
किसलय का अंचल डोल रहा
लो यह लतिका भी भर लाई
मधु मुकुल नवल रस गागरी

अधरों में राग अमंद पिए
अलकों में मलयज्ञ बंद किए
तू अब तक सोई है आली
आंखों में भरे विहाग री

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