शेर की पहचान inspirational short stories in hindi
शेर ने गोर से देखा की एक शेर का बच्चा उन भेड़ो के झुण्ड के साथ खड़ा हुआ था तोह शेर ने उससे कहा की पांच साल पहले मैंने अपने एक बच्चे को खो दिया था,तुम मेरे बच्चे हो मेरे साथ चलो .
तब शेर का बच्चा बोला की नहीं में तोह भेद हु में तेरा बच्चा कैसे हो सकता हु.तोह शेर कहने लगा की तेरी सूरत मेरे जैसी लगती है या इस भेड की तरह .
तोह वह बोला कि क्या पता मेने तोह कभी मेरी सूरत नहीं देखि.
इस पर शेर कहने लगा कि चल पानी के पास चलते है और वे दोनों पानी के पास जाते है और शेर lकहता है कि अब बता कि तू मेरे जैसा दीखता है या फिर इन भेड़ो जैसा तोह वह बच्चा बोला कि हां में तोह तुम्हारे जैसा ही दीखता हु लेकिन में तुम्हारा बच्चा नहीं हु .क्योकि मेरा परिवार तोह ये है .मेरे मां फूफा सभी लोग मेरे ये है क्योकि ये मेरी हमेशा मदद करते है.
तोह शेर कहता है कि अगर तुझे पहचान ही करनी है अपने और परायो कि तोह तू जोर से दहाड़
तोह वह जोर से दहाड़ता है तोह देखता है कि सारी भेड़े भाग चुकी थी और शेर वही पर खड़ा रहता है ,इसके बाद वह बच्चा उस शेर के साथ चला जाता है .
दोस्तों अगर आप कोई शेरो जैसा work करते है तोह याद रखे आपको शेरो कि जरुरत पड़ेगी ,time आने पर आपको पता चल जाएगा कि आपका कौन अपना है कौन पराया .
याद रखिये शेरो कि दोस्तों शेरो से ही होती है और भेड़ो कि दोस्ती भेड़ो से होती है.अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आये तोह इसे शेयर जरूर करे.
Related Posts

चींटी और कबूतर “Chiti Aur Kabootar Story in Hindi”

सकारात्मक सोच पर कहानी sakaratmak soch ki adbhut shakti par kahani

very nice story i this page