माँ की आज्ञा Inspirational short stories in hindi
Inspirational short stories in hindi
किसी नगर में एक ऋषि रहते थे,एक बार उन्हें किसी काम के लिए किसी दुसरे नगर में जाना था,तोह उनकी माँ ने कहा की बेटा अकेले मत जाओ,तुम किसी साथी को ले जाओ.
माँ की बात सुनकर ऋषि बोले की माँ रास्ता सरल है,में तोह अकेले ही चला जाऊँगा,मुझे किसी साथी की जरुरत नहीं है.
माँ ने उसकी बात सुनकर पास ही बेठे केकड़े को देते हुए कहा की अगर तुम अकेले ही जा रहे हो तोह इस केकड़े को अपने साथ में रख लो,ये तुम्हारी help करेगा.
वोह ब्राह्मण सोचने लगा की ये केकड़ा मेरी क्या मदद करेगा फिर भी उन्होंने अपनी माँ की बात मान ली और उस केकड़े को एक कपूर की डिब्बी में रखकर अपने थेले में रख लिया,और दुसरे गाँव जाने के लिए अपने रास्ते पर चल दिये.
कुछ दूर जाने के बाद बहुत तेज गर्मी,और धूप से परेशां उस ब्राह्मण ने कुछ time के लिए एक वृक्ष के नीचे विश्राम करना उचित समझा,तब उनकी गहरी नींद लग गयी.तभी एक साप वहा से बहार निकला और उसने ब्राह्मण को सोता देख उसे दशने की सोची लेकिन सांप को कपूर की डिब्बी में से कपूर की खुशबू आने लगी तोह वोह सांप थेले में घुस गया और उस कपूर की डिब्बी को खोलने की कोशिश करने लगा.
तब उस डिब्बी में से केकड़ा निकला और उस केकड़े ने उस सांप को मार डाला और सांप को अपनी दुष्टता का फल मिल गया.
जब उस ब्राह्मण की नींद खुली तोह उन्होंने देखा की सांप के मुह में वोह डिब्बी है और वोह सांप मरा पड़ा है,ये देखकर वोह समझ गया की उस केकड़े ने उस सांप को मार दिया है,वोह सोचने लगा की माँ की बात मानने पर आज मेरे प्राणों की रक्षा हुयी है.
हम सभी को माता,पिता,गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए,उनकी कल्याणकारी आगया हमें बिना विचार किये माननी चाहिए.
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Very Nice Sir Ji
thanx for read this