खिलाफत आंदोलन का इतिहास history of khilafat movement in hindi
history of khilafat movement in hindi
दोस्तों आज हम आपको खिलाफत आंदोलन के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । खिलाफत आंदोलन कब हुआ था , किसके द्वारा किया गया था यह हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे । चलिए अब हम खिलाफत आंदोलन के इतिहास के बारे में पढ़ेंगे । खिलाफत आंदोलन मुसलमानों के द्वारा प्रारंभ किया गया था ।
image source –http://examstudy.maanavan.com/khilafat
यह आंदोलन धार्मिक आंदोलन , राजनीतिक आंदोलन था । जब प्रथम विश्व युद्ध की घोषणा हुई थी तब ब्रिटिश सरकार तुर्की के खिलाफ उस युद्ध में लड़ाई लड़ रही थी । तुर्की देश मुसलमानों का देश था । तुर्की के सुल्तान को मुस्लिमो का धर्म गुरु माना जाता था । तुर्की प्रथम विश्व युद्ध में हार गया था । ब्रिटिश शासन के द्वारा तुर्की पर बहुत अन्याय किए गए थे जिसके विरोध में खिलाफत आंदोलन छेड़ा गया था । यह आंदोलन 1919 को प्रारंभ किया गया था ।
इस आंदोलन में मोहम्मद अली , मौलाना अबुल कलाम , आजाद शौकत अली , हसरत मोहानी आदि मुस्लिम नेताओं ने भाग लिया था । यह आंदोलन इन्ही सभी नेताओं के मार्गदर्शन में प्रारंभ किया गया था । मोहम्मद अली , शौकत अली , मौलाना अबुल कलाम आजाद और मुस्लिम नेताओं के द्वारा ब्रिटिश सरकार के द्वारा तुर्की पर किए गए अन्याय का विरोध करने के लिए यह खिलाफत आंदोलन प्रारंभ किया था । यह आंदोलन दो साल तक चला था । खिलाफत आंदोलन 1919 को प्रारंभ हुआ था और 1922 तक चला था ।
महात्मा गांधी ने इस आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । महात्मा गांधी इस आंदोलन से हिंदू मुस्लिम एकता को मजबूत करना चाहते थे । महात्मा गांधी जी ने इस आंदोलन में अपना समर्थन दिया था । 30 नवंबर 1919 को दिल्ली में अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी के अधिवेशन का आयोजन किया गया था । इस अधिवेशन में मुस्लिम और हिंदू उपस्थित हुए थे । इस अधिवेशन की अध्यक्षता गांधी जी ने की थी ।
इस अधिवेशन में गांधी जी ने सुझाव दिया था कि हमें ब्रिटिश शासन के साथ असहयोग आंदोलन एवं स्वदेशी की नीति अपनानी होगी । इस कमेटी में जितने भी सदस्य थे उन सभी लोगों ने गांधीजी के सुझावो का समर्थन किया था । महात्मा गांधी चाहते थे कि इस आंदोलन से हिंदू मुस्लिम की एकता मजबूत हो । महात्मा गांधी यह जानते थे कि जब देश की हिंदू मुस्लिम एकता मजबूत होगी तब हम अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं और हम हमारे देश को आजादी दिला सकते हैं ।
इस अधिवेशन के बाद खिलाफत आंदोलन के नेताओं ने ब्रिटिश शासन के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि जब तक तुर्की पर थोपी गई संधि एवं शर्तें वापस नहीं ली जाएंगी तब तक हम सरकार के साथ किसी भी तरह का कोई भी समर्थन नहीं करेंगे । अखिल भारतीय खिलाफत सम्मेलन के आयोजन के बाद सभी हिंदू मुस्लिम भाइयों ने अंग्रेजी वस्तुओं का बहिष्कार करना प्रारंभ कर दिया था । महात्मा गांधी जी ने इस आंदोलन में मुसलमानों के प्रति सहानुभूति प्रकट की थी ।
इस आंदोलन में महात्मा गांधी जी ने मुसलमान और हिंदुओं को यह एहसास करा दिया था कि हमारी एकता कितनी जरूरी है । यदि हम अपनी एकता को मजबूत करेंगे तो हम हमारे देश को बहुत जल्द ही आजाद करा लेंगे । तुर्की ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद सन 1924 तक सुल्तानपुर , खलीफा की भूमिका को खत्म कर दिया था । 1922 के बाद यह आंदोलन खत्म कर दिया गया था ।
- महात्मा गांधी के सिद्धांत mahatma gandhi ke siddhant in hindi
- महात्मा गांधी के विचार व नारे mahatma gandhi quotes, slogan in hindi
दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह बेहतरीन लेख खिलाफत आंदोलन का इतिहास history of khilafat movement in hindi यदि आपको पसंद आए तो अपने दोस्तों में अवश्य शेयर करें धन्यवाद ।