गर्मी का मौसम कविता Hindi poem on garmi ka mausam

Hindi poem on garmi ka mausam

Hindi poem on garmi ka mausam- दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों गर्मियों का मौसम एक ऐसा मौसम है जिसमें हम सभी पसीना-पसीना हो जाते हैं गर्मी के मौसम में लोग खुली हवा में रहना, छत पर सोना पसंद करते हैं क्योंकि गर्मियों के मौसम में गर्मी बहुत लगती है। गर्मियों में लोग अपने घर के खिड़की दरवाजे खोलकर रहते हैं और ठंड एवं बरसात के मौसम को याद करने लगते हैं।

Hindi poem on garmi ka mausam
Hindi poem on garmi ka mausam

ग्रामीण इलाकों में जहां पर पेड़ पौधे होते हैं या शहरों में गार्डन, स्वतंत्रता पार्क आदि होते है वहा पर गर्मियों के दिनों में घूमने में बहुत ही अच्छा लगता है यह बहुत ही आरामदायक होता है। गर्मियों के दिन वास्तव में कुछ लोगों को ऐसी यादें छोड़ जाते हैं जो उन्हें हमेशा याद रहते है गर्मियों में अगर लाइट चली जाए तो और बड़ी समस्या होती हैं घर में रहना भी बहुत मुश्किल हो जाता है आज हम गर्मी के मौसम पर एक कविता लेकर आये है आप इसे जरूर पढ़े हैं तो चलिए पढ़ते है इस कविता को

आया रे आया गर्मी का मौसम

चारों तरफ छाया है गर्मी का मौसम

इस मौसम में सिर से पानी गिरता जाए

ऐसा लगे मानो हर जगह वर्षा ही वर्षा आये

 

अब तो ठंड की याद बहुत सताए

एक पल भी गुजारना मुश्किल अब लग जाए

लाइट जब एक पल के लिए भी चली जाए

पानी की बरसात सिर से गिरना शुरू हो जाए

 

हवा ना चले तो जी मचलाएं

यह गर्मी का मौसम मुझे बहुत सताए

आया रे आया गर्मी का मौसम

चारों तरफ छाया है गर्मी का मौसम

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